चीन ने रेगिस्तान में क्यों छोड़े 12 लाख खरगोस वजह जानकर चौंक जाओगे।

चीन ने रेगिस्तान में क्यों छोड़े 12 लाख खरगोस वजह जानकर चौंक जाओगे।

चीन ने रेगिस्तान में क्यों छोड़े 12 लाख खरगोस वजह जानकर चौंक जाओगे।
चीन ने रेगिस्तान में क्यों छोड़े 12 लाख खरगोस वजह जानकर चौंक जाओगे।

दोस्तों चाइना अक्सर अपने कारनामों से दुनिया को हैरान करता रहता है चीन ने रेगिस्तान में क्यों छोड़े 12 लाख खरगोस वजह जानकर चौंक जाओगे। नई-नई टेक्नोलॉजी और नए-नए आइडियाज हर रोज चाइना के पास देखने को मिलते रहते हैं देखा जाए तो यह देश अपने आप में सबसे ज्यादा अलग है कई मामलों में।

पूरी दुनिया को इस देश से सीख लेने की जरूरत है पूरी दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जहां चाइना के आइटम नहीं बेचे जाते हो फिर वह कोई कॉपी की हुई टेक्नोलॉजी ही क्यों ना हो यहां के लोगों की सोच और खानपान दुनिया के बाकी देश से काफी ज्यादा अलग है।

और अभी फिलहाल ही में इस देश ने अपने रेगिस्तान में खरगोश छोड़ना शुरू कर दिए हैं अब चाइना यह कारनामा क्यों कर रहा है क्यों चाइना अपने रेगिस्तान में खरगोशों को छोड़ रहा है जानेंगे हम हमारी आज की इस आर्टिकल में दोस्तों चाइना ने अपने रेगिस्तान में कुछ 100 या कुछ हजार खरगोश नहीं छोड़े हैं।

बल्कि इनकी संख्या 12 लाख है चाइना यह क्यों कर रहा है यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे और फिर आपको लगेगा कि वाकई दुनिया के बाकी देशों को उस देश से सीख लेने की जरूरत है चाइना एक ऐसा देश है जो हमेशा सिर्फ अपने फायदे के बारे में ही सोचता है असल में दोस्तों चाइना के अंदर रेगिस्तान दिन पर दिन एक्सपेंड होते जा रहे हैं।

अगर हम चाइना के रेगिस्तानी इलाके को देखेंगे तो यह लगभग डेढ़ मिलियन स्क्वायर किलोमीटर था लेकिन धीरे-धीरे करके यह एरिया बढ़ता ही जा रहा था और जब साल 2015 में इन आंकड़ों को देखा गया तो चौका देने वाला रिजल्ट सामने निकल कर आया साल 2015 तक चाइना का यह रेगिस्तानी इलाका काफी हद तक बढ़ चुका था।

जहां यह एरिया पहले डेढ़ मिलियन स्क्वायर किलोमीटर था वहां अब यह बढ़कर ढाई मिलियन स्क्वायर किलोमीटर हो चुका था यानी कि चाइना की एक तिहाई जमीन रेगिस्तान में बदल चुकी थी और इस रिजल्ट को देखने के बाद चाइनीज अथॉरिटी के पैरों तले जमीन ही खिसक गई और उन्हें लगा कि अब इस सिचुएशन से निपटने के लिए उन्हें बड़े कदम उठाने की जरूरत है वरना यह रेगिस्तानी इलाका दिन पर दिन बढ़ता ही चला जाएगा।

यह रेगिस्तानी का हर साल 10400 स्क्वायर किलोमीटर तक बढ़ रहा था और इस समस्या से निपटने के लिए चाइना की सरकार ने इस जगह बहुत बड़े बड़े प्लांटेशन के कार्यक्रम शुरू करवाए ताकि यहां की रेतीली जमीन बंद जाए और इस जगह हरियाली भी उग जाए लेकिन चाइनीज सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला यह कार्यक्रम कारगर साबित नहीं हो रहा था।

और फिर इस चीज के हल के लिए बुलाया जाता है चाइना के एक बहुत ही फेमस साइंटिस्ट जिनका नाम है कयान जनजन इनके आने के बाद प्लांटेशन के इन कार्यक्रमों में बहुत बड़ा चेंज देखने को मिला इन्होंने आकर बताया कि इस रेगिस्तान को बढ़ने से रोकने के लिए हमें सिर्फ घास और पेड़ पौधे ही उगाना जरूरी नहीं है बल्कि हमें इसे इकोसिस्टम भी देना चाहिए।

यहां इस इकोसिस्टम के लिए तीन टेक्निक्स को इस्तेमाल में लाया गया जिसमें सबसे पहले है जंगलों को लगाना दोस्तों आपने देखा होगा कि जंगलों में जो पेड़-पौधे उग रहे होते हैं वह किसी भी सीक्वेंस में नहीं होते और ना ही वह किसी मौसम के अनुसार उगाए जाते हैं यहां हम सभी स्पीशीज मिक्स देखने को मिलती हैं।

फिर वह पेड़ पौधे हो या झाड़ियां सभी मिलजुलकर जगह-जगह पर उगी हुई होती हैं और चाइना ने भी इसी तरह से इस रेगिस्तान में प्लांटेशन करने का फैसला किया और दूसरी टेक्नीक यहां एग्रीकल्चर को बढ़ावा दिया गया जिसकी वजह से यहां आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो गया जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चाइना पॉपुलेशन के मामले में दुनिया के सभी देशों में सबसे आगे है और ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर इस देश की एक तिहाई जमीन रेगिस्तान बन जाए तो यहां रहने वाले लोगों को खाने के लिए क्या मिलेगा।

इसलिए इन लोगों ने रोजगार को बढ़ाने के लिए यहां एग्रीकल्चर की शुरुआत करी और यहां एग्रीकल्चर करने के लिए उन फसलों को सिलेक्ट किया गया जो कि रेतीली जमीन में और कम पानी में अच्छी तरह से उग पाए तो चाइना ने सबसे पहले फॉरेस्ट्री को प्रमोट किया और फिर एग्रीकल्चर को प्रमोट किया और यहीं इकोसिस्टम को जोड़ने के लिए एनिमल हसबेंडरी को भी जोड़ दिया गया।

दोस्तों ये एक ऐसा सिस्टम था जिसमें जंगलों को भी रखा गया खेतीबाड़ी भी की गई और जानवरों को भी रखा गया यानी कि पशुपालन भी किया गया और यहां कौन से पशुओं को पाला जाएगा इसका डिसीजन लिया चाइना के फेमस साइंटिस्ट ने उनका कहना था अगर हम यहां ऐसे जानवरों को लाकर पालते हैं जो गर्म आबोहवा में भी बहुत अच्छी तरह रहने का हुनर जानते हो।

और दूसरी चीज इस एनवायरमेंट में भी वह तेजी से ब्रीड भी कर पाएं तो यह हमारी इकोसिस्टम के लिए काफी अच्छा साबित होगा और यहां पालने के लिए चुना गया फ्रांस के एक स्पेशल किस्म के खरगोश को जिसका नाम है रेक्स हेयर रैबिट यह खरगोश सिर्फ फ्रांस में ही देखने को मिलता है इस रैबिट को फ्रांस से मंगवाया गया और यहां पालने के लिए छोड़ दिया गया।

और वो किसान जो एग्रीकल्चर करने का काम कर रहे थे वह इन रैबिट्स की ब्रीडिंग की देखभाल भी करने लगे और वहीं यहां की जमीन को सेव करने के लिए फॉरेस्ट के पैटर्न में प्लांटेशन भी कर रहे थे और उसके बाद जो रिजल्ट निकल कर आया उसने सभी के होश उड़ा दिए दोस्तों ये फ्रांस का रैबिट चाइना के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ।

असल में जो ये रेक्स हेयर रैबिट होता है यह घास की जड़ों को ढूंढने के लिए जमीन की मिट्टी के अंदर खुदाई करता है और सुरंगे बनाकर घास की जड़ों तक जाता है अब दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि घास की जड़ों को ढूंढने के लिए इस खरगोश को सुरंगे बनानी पड़ती हैं यानी कि जमीन की खुदाई करनी पड़ती है और यह पूरी जमीन के अंदर सुराख कर देते हैं दोस्तों अगर किसी भी जमीन के अंदर खुदाई करी जाती है तो उसकी सोइल में काफी ज्यादा इंप्रूवमेंट आता है।

क्योंकि जो गड्ढे खोदे जाते हैं उनके जरिए एयर बहुत अच्छे से मिट्टी के अंदर तक जाने लगती है जब हम खुदाई करते हैं तो मिट्टी ऊपर नीचे हो जाती है यानी कि नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाती है और ऊपर की मिट्टी नीचे चली जाती है जब हम हल चलाते हैं तो ऐसा होता है लेकिन खरगोश के जरिए यह काम नेचुरली हुआ और जब उन्होंने घास की जड़ें खाई तो उसके सीड उनकी यूरिन के जरिए अलग-अलग जगहों पर फैलना शुरू हो गए।

और जगह-जगह पर नए अंकुरण देखने को मिले यानी कि खुद बखुदा बाकी के रैबिट की तुलना में 25% तक ज्यादा होती है इस नस्ल की एक फीमेल रैबिट साल भर के अंदर 40 बच्चे पैदा कर सकती है दोस्तों चाइना की सरकार टारगेट बना रही है जल्द से जल्द इन 12 लाख खरगोशों को 18 लाख में कन्वर्ट कर लिया जाए।

इनकी ब्रीडिंग इनके खाने पीने के तरीके और उनकी खुदाई की वजह से यह बीज एक जगह से दूसरी जगह फैलना शुरू हो गए और यह रेगिस्तानी इलाका ग्रीनरी में बदलने लगा दोस्तों पहले चीन के रेगिस्तानी इलाके में हरियाली सिर्फ 3% एरिया में ही देखने को मिलती थी यानी कि थोड़ी बहुत झाड़ियां और थोड़े बहुत पेड़ पौधे।

लेकिन जब से यहां इन 12 लाख खरगोशों को छोड़ा गया तो उन्होंने यहां कुछ ऐसा कारनामा किया कि जिस रेगिस्तान में सिर्फ 3% ही ग्रीनरी थे वह अब तीन से बढ़कर 84 पर हो चुकी है और दोस्तों यह आंकड़ा साल 2021 का है अब आप सोच सकते हैं कि तीन सालों के बाद यह आंकड़ा बढ़कर और कितना हो चुका होगा।

यानी कि चाइना का वह एरिया जो किसी वक्त पूरी तरह से बंजर था अब वहां लगभग 85 प्र जगह पर हरियाली देखने को मिल रही है और यह रेशियो अब दिन पर दिन बढ़ ही रहा है यहां का यह रेगिस्तान हटकर एक नया ग्रीन इकोसिस्टम डेवलप कर रहा है दोस्तों चाइना के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी जिसे चाइना ने बहुत अच्छी तरह से पूरा किया और इसे देखकर पूरी दुनिया को सबक लेना चाहिए।

और सिर्फ यही नहीं बल्कि यहां एग्रीकल्चर करने वाले किसान जो इन खरगोशों की देखभाल कर रहे हैं वो उनके फर और उनके मीट से काफी अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं दोस्तों इस ब्रीड के रैबिट के फर काफी महंगे बिकते हैं इसके अलावा चाइना के अंदर रैबिट का मीट भी बहुत बड़े पैमाने पर कंज्यूम होता है जिसके जरिए इन किसानों को काफी मोटी कमाई मिल रही है।

दोस्तों चाइना ने जो अपने रेगिस्तान को हरे भरे इलाके में बदलने की मुहिम जारी करी थी वह अब पूरी होती नजर आ रही है।

 

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