क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।
क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

 

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में। देखो पूरे ध्यान से पढ़ो ये जो फैंटेसी एप्स है ये गेम ऑफ स्किल है तो आम आदमी के कंपेरटिवली जो क्रिकेटर है जो ये गेम जानता है अच्छी तरीके से जिसने खेला हुआ है वो रिटायर होने के बाद कमेंट्री वगैरह करके क्यों पैसे कमा रहा है

वो तो जैसे ही आईपीएल आए उसमें टीम बनाए अपना स्किल के बेसिस पे 300 400 करोड़ कमाए और जीत के बैठ जाए असल बात ये है कि आप कपिल देव सुनील गवासकर को भी बोल दोगे ना कि इन फैंटेसी एप्स में जाके टीम बनाने को उनकी भी गारंटी  नहीं है कि वो जीत पाएंगे वो भी हार जाएंगे

क्योंकि चांसेस बहुत ही ज्यादा कम है तो फिर ये गेम ऑफ स्किल हुआ कैसे अगर ये स्किल का गेम होता तो हर साल किसी क्रिकेटर के जीतने की न्यूज़ आती वो करोड़पति बन जाता रणजी में इतने खेलने वाले उनको पिच की इतनी कंडीशंस पता है वो करोड़पति बनते लेकिन उनकी बजाय हर बार एक रैंडम आदमी का नाम आता है

कि यह जीत गया जिसको क्रिकेटर के कंपैरेटिव बिल्कुल नॉलेज नहीं है और ये चीज इसलिए होती है क्योंकि इस पूरे फैंटेसी ऐप में स्किल जो है वो डोमिनेटिंग फैक्टर है ही नहीं अभी आपने सुना होगा कि सीता मणि जो कि मजदूर थे बिहार में वो क्रिकेट तक नहीं देखते थे

उन्होंने अपने दोस्तों के कहने पे पैसे लगा दिए और टीम बना दी वो जीत गए वो ₹1 करोड़ से भी ज्यादा जीत गए अब इनको तो क्रिकेटर से ज्यादा नॉलेज नहीं है लेकिन उसके बाद भी ये जीत गए लेकिन ये फैंटेसी एप्स जो होती है इनका सारा फोकस जो होता है वो ये प्रूव करने में होता है कि ये हमारा जो ऐप है ये गेम ऑफ स्किल है

इसलिए आपने इनके एडवर्टाइजमेंट में भी लाइन सुनी होगी कि खेलो दिमाग से ताकि ये जब कोर्ट में जाएं तो गेम ऑफ स्किल ही बना रहे कुछ स्टेट्स ऐसे हैं जिसमें इसका बहुत ज्यादा नेगेटिव असर पड़ा है बहुत सारे घर बर्बाद हुए हैं कई लोगों की जानें चली गई हैं

और ये इतनी तेजी से बढ़ रहा था कि उन स्टेट्स को अक्टूबर 2022 में और उन स्टेट्स में आसाम आंध्र प्रदेश उड़ीसा तेलंगाना नागालैंड और सिक्किम आते हैं उन्होंने बिना सोचे समझे अक्टूबर 2022 में इन स्टेट्स में फैंटेसी ऐप को बैन कर दिया और कुछ स्टेट्स को तो जिओ लेयरिंग करनी पड़ गई मतलब कि आप उनकी बाउंड्री में जाएंगे उस स्टेट की बाउंड्री में अगर जाएंगे तो वो ऐप काम करना बंद कर देंगे

लेकिन लोगों को इतनी ज्यादा लत लग चुकी है कि लोग बॉर्डर क्रॉस करके जाते हैं टीम बनाते हैं और फिर वापस आ जाते हैं बच्चों ने प्रॉपर ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी है अभी 2021 में केशव रमेश नाम के एक गवर्नमेंट एंप्लॉई थे उन्होंने अपने घर के आसपास कुछ बच्चों को ऑनलाइन लूडो खेलते हुए देखा

और जब उन्होंने चेक किया तो बच्चे पैसा लगा के लूडो खेल रहे थे उसमें और ये सारी चीजें देखने के बाद उन्होंने तुरंत गिरगांव पुलिस स्टेशन में कंप्लेन की उसके बाद फिर वो कोर्ट में भी गए वहां पे भी उन्होंने केस लड़ा लेकिन वही दिक्कत गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस डिस्कशन स्टार्ट होता है इसमें फिर वही सारी चीजें कि लूडो में बिना समझे गोटी आगे नहीं चली जा सकती

कौन सी गोटी कब चलनी है ये भी एक स्किल है तो लूडो भी गेम ऑफ स्किल कंसीडर हो गया और लूडो भी लीगल हो गया चलिए  ये जितने भी ऑनलाइन एप्स हैं ये लीगल तो हो गए हैं लेकिन उसके बाद भी गवर्नमेंट इनको रेगुलेट नहीं करती ये सेल्फ रेगुलेट होते हैं

देखिए गवर्नमेंट जो होती है वो कई डिपार्टमेंट को खुद रेगुलेट नहीं करती  है वो सेल्फ रेगुलेशन में डाल देती है वो सेल्फ रेगुलेट होते हैं जैसे इंडिया के अंदर टीवी जो है उसके केस में ब्रॉडकास्टर ने बार्क नाम से मिलके एसोसिएशन बनाया वो खुद रेगुलेट करते हैं अपनी ऑर्गेनाइजेशन को

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

ऐसे ही न्यूज़ मीडिया वालों ने मिलके एनबीए बनाई है ये सेल्फ रेगुलेट करते हैं अपने आप को तो ऐसे ही इन फैंटेसी एप्स के केसेस में भी गवर्नमेंट कोई रेगुलेशन नहीं करती है फैंटेसी ऐप वालों ने खुद से ही एफ आईएफएस बना ली है ये खुद से अपने आप को देखते हैं कि ये सही से रेगुलेशन कर रहे हैं कि नहीं

मतलब कि दूध की रखवाली ये खुद ही कर रहे हैं अब देखिए जो फैंटेसी एप्स है ये तो फिर भी लाइम लाइट में है गवर्नमेंट की निगरानी में है रेगुलेशन करती है ये लोग लेकिन कुछ ऐसी एप्स भी आ गई है मार्केट के अंदर जो फैंटेसी ऐप की आड़ में प्रॉपर इल्लीगल एक्टिविटी करती हैं उन्हें कोई देखने वाला ही नहीं है

और ऐसी एप्स ने ना जाने कितने बच्चे और परिवारों को दिक्कत में डाल दिया आए दिन आप सुनते होंगे गवर्नमेंट ने 100 200 300 ना जाने ऐसी कितनी एप्स को बैन कर दिया जो लोगों का पैसा ले रही थी डाटा उड़ा दे रही थी अभी एक महादेव एप भी आई थी उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था

एक्चुअली छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक सौरव चंद्रकर नाम का एक आदमी था जो कि महादेव नाम की एक जूस की दुकान चलाता था और थोड़ी दूर पे एक टायर की दुकान थी जहां पे उसका दोस्त रवि उप्पल ये उस टायर की दुकान को चलाता था ये दोनों अपने काम के साथ-साथ जुआ भी खेलते थे पैसा लगाते थे

और इस जुए की लत की वजह से इनके ऊपर बहुत सारा कर्जा चढ़ गया था तो इनके पीछे जिनसे इन्होंने पैसे लिए थे उधार लिए थे वो लोग पीछे पड़ गए थे तो ये लोग इंडिया छोड़ के दुबई चले गए थे वहां पे ये लोग छोटे-मोटे काम कर रहे थे और वहीं पे इनको एक पाकिस्तानी मिलता है

और पाकिस्तानी के थ्रू ये एक शेख के पास पहुंचते हैं और शेख को पकड़ के ये एक जुए की जो ऐप है जिसका नाम महादेव है उसका आईडिया देते हैं शेख ने पैसे लगा दिए और इन्होंने महादेव बुक नाम से एक ऐप बनाई ये ऐप तो इन्होंने दुबई में बनाई थी लेकिन इसका ऑपरेशन इन्होंने इंडिया में रखा

इस ऐप से इंडिया के अंदर फ्रेंचाइजी देकर इस ऐप को चलवाते थे इंडिया के लोगों से ही लोग इनकी ऐप में क्रिकेट कार्ड्स पोकर इन सब चीजों पर पैसा लगाते थे प्रॉपर जुआ खेलते थे कुछ ही दिनों में बहुत तेजी से ये ऐप ग्रो करने लगी

ये लोग एक दिन में 200 करोड़ से ज्यादा कमाने लगे थे लेकिन जो लोग थे उनका पैसा बहुत ज्यादा डूब रहा था लोगों की जिंदगियां बर्बाद हो रही थी तो जब लोग ऐसे डूबते हैं तो जाके पुलिस में कंप्लेन करते हैं कोर्ट में केस करते हैं और ऐसा ही हुआ और जब केसेस बहुत ज्यादा बढ़ गए तो ईडी ने इनकी ट्रैकिंग की और उसी पर्टिकुलर टाइम पे जो सौरभ था जो ऐप का ओनर था

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

ये उसी टाइम पे शादी भी कर रहा था शादी इसने 200 करोड़ से भी ऊपर की शादी की और शादी में भी इन्होंने प्राइवेट जेट वगैरह मंगाए इंडिया से हीरो हीरोइन बुलवाएं पैसा दिया गया इससे ईडी की जो कारवाई थी वो और तेज हो गई ईडी ने बहुत सारे छापे भी मारे इसमें पॉलिटिक्स भी इवॉल्व हुई ईडी का कहना है कि इसमें छत्तीसगढ़ की गवर्नमेंट जो है उसके भी कुछ लोग इवॉल्व हैं

और ये भी एलिगेशन लगाए गए कि छत्तीसगढ़ के जो सीएम है भूपेश भगेत इन्होंने महादेव एप से 500 करोड़ से भी ऊपर का अमाउंट लिया है और यह काम इनके सलाहकार विनोद वर्मा के थ्रू इन्होंने किया है तो ये एलिगेशन लगाए गए थे

और इसपे भूपेश बघेल जो थे उन्होंने ओबवियसली इसको मना कर दिया उन्होंने कहा ये पॉलिटिक्स की जा रही है इनफैक्ट वो पहले खुद ऐसे बंदे थे जिन्होंने महादेव ऐप को बैन करने की बात की थी और उन्होंने ऐसा भी कहा कि उन्होंने खुद इस चीज को बंद करवाया

क्यों कोई क्रिकेटर खुद पैसे लगाकर 1 या 2 करोड़ कमा लेता इन फैंटसी ऐप्स में जानिए इस बड़े स्कैम के बारे में।

अभी भी इस पे कारवाही चलल रही है तो इस तरीके की ऐप से तो बिल्कुल दूर रहिए और अभी में 2022 में गवर्नमेंट हरकत में आई है एक कमेटी बनाई गई है जो इसपे स्टडी कर रही है और रेगुलेशन आने वाले टाइम में बनेगी लेकिन सिर्फ रेगुलेशन बनेगी अगर आप सोच रहे हैं कि फैंटेसी प बंद हो जाएगा तो बहुत मुश्किल है

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