रिच बनाने का सबसे फास्ट तरीका, 0 से करोड़पति बनाने का स्टेप बाई स्टेप तरीका । 2024
रिच बनाने का सबसे फास्ट तरीका, 0 से करोड़पति बनाने का स्टेप बाई स्टेप तरीका । 2024 दोस्तों अक्सर हमें शुरुआती दिनों में यही सिखाया जाता है कि बेटा मन लगाकर पढ़ाई करो जिससे तुम्हें एक बढ़िया और सिक्योर जॉब मिल जाएगी और जब नौकरी में कुछ साल जी तोड़ मेहनत करोगे तो बस फिर क्या सारी जिंदगी मजे ही मजे मगर क्या आपको लगता है कि वाकई में ऐसा होता है क्या रियलिटी में वाकई जॉब मिलना इतना आसान होता है
और अगर काफी हार्ड वर्क के बाद जॉब मिल भी गई तो क्या जॉब करना इतना आसान होता है आइए जानते हैं बेरोजगारी आज के दिन देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है अनइंप्लॉयमेंट ऐसा बोला जाता है कि देश के लिए आज यह सबसे बड़ी प्रॉब्लम है और आज हम बात करेंगे अनइंप्लॉयमेंट के बारे में द इकोनॉमिक्स टाइम के इस आर्टिकल को देखो जनवरी 2023 के मुकाबले फरवरी 2023 तक यानी कि सिर्फ एक महीने के अंदर-अंदर 15 लाख नए बेरोजगार लोग निकल कर आए हैं यानी कि जितने लोग बहरीन देशों में नहीं रहते उतने लोग इंडिया में हर महीने बेरोजगार हो जाते हैं
साल 2014 के अंदर जब मेक इन इंडिया लॉन्च हुआ था उस टाइम मोदी जी का जो प्राइम फोकस था वो बिलियंस ऑफ युवाओं को रोजगार देने का था अवर एम इज टू क्रिएट जॉब्स फॉर मोर देन अ बिलियन यंग हैंड्स टू प्रोवाइड दिस बट आज पूरे 10 साल बीत जाने के बाद युवाओं में अनइंप्लॉयमेंट का क्या हाल है यह सब जानते हैं दरअसल इसमें ज्यादा दोष हमारे एजुकेशन सिस्टम का भी होता है जिसने हमें सिर्फ यही सिखाया है कि दिन रात हार्ड वर्क करोगे तभी सक्सेस अचीव कर पाओगे और सक्सेस की डेफिनेशन भी क्या है
कि अगर हम महीने या साल में दूसरे लोगों से अच्छा पैसा कमाने लगेंगे तो आप सक्सेसफुल हो ये डेफिनेशन ही गलत है यही प्रॉब्लम है कि सालों से ज्यादातर लोग इसी थ्योरी के ट्रैप में फंसे हुए हैं तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम सक्सेस और लाइफ की रियल डेफिनेशन की मीनिंग के बारे में जानेंगे और साथ ही यह भी जानेंगे कि कैसे दिन रात काम ना करते हुए दिन या वीक के कुछ घंटे काम करके भी एक सक्सेसफुल बने दोस्तों द फोर आर वर्क वीक के ऑथर टिम फेरिस जब उनकी एज अराउंड 8 इयर्स होगी
तो वे एक दुकान से लौट रहे थे और उस समय उनके हाथ में एक सिक्का था रास्ते में उन्होंने उस सिक्के को उछालना शुरू कर दिया लेकिन अगली बार जब उन्होंने कॉइन को फ्लिक किया तो अचानक ही वो कॉइन उनके हाथ से फिसलकर गटर में जा गिरा इसके बाद उन्होंने उस सिक्के को निकालने की बहुत कोशिश की पर सिक्का नहीं निकला इस बात से परेशान होकर वह अपने घर चले गए और सारी बात अपने पापा को बताई सारी बात बा सुनने के बाद उनके पापा ने कहा कि बेटा तुम्हें पैसों से नहीं खेलना चाहिए था
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तभी ऑथर अपने पापा की बातें सुनकर दुखी हो गए लेकिन वहीं पर ऑथर के ग्रैंडफादर यह सारी बातें चुपचाप सुन रहे थे उन्होंने टिम को अपने पास बुलाया और उन्हें प्यार से समझाने लगे ग्रैंडपा ने कहा कि बेटा क्या तुम्हें पता है कि तुम्हें यहां किसलिए डांट पड़ी ऑथर ने कहा कि मैंने कॉइन खो दिया इसलिए फिर ग्रैंडपा ने कहा कि बेटा प्रॉब्लम यह नहीं है कि तुमने कॉइन या सिक्का खो दिया प्रॉब्लम यह है कि तुम्हारे पास सिर्फ वही एक कॉइन था जो तुमने खो दिया यह सुनकर टम को लगा कि उन्हें अपनी लाइफ का मूल मंत्र मिल गया
इस छोटी सी बात ने उनका पैसों के प्रति नजरिया बदल कर रख दिया जिससे आगे चलकर उनकी पूरी लाइफ बदल गई और उन्होंने डिसाइड किया कि आगे चलकर वे बहुत ही बड़े आदमी बनेंगे और ढेर सारा पैसा कमाएंगे ऑथर आगे एक और अपनी लाइफ का इंसीडेंट बताते हुए कहते हैं जिससे उनका रिचस को लेकर पूरा पर्सपेक्टिव ही चेंज हो गया वे बताते हैं कि एक बार वे एक चैरिटी इवेंट में गए थे वहां पर सभी लोग अपनी-अपनी कैपेसिटी के हिसाब से डोनेशन दे रहे थे
पूरा दिन डोनेशन की प्रोसेस चलने के बाद भी आखिर में जब काउंटिंग हुई तो पता चला कि रिक्वायर्ड अमाउंट तक पहुंचने के लिए अभी भी पूरे 9 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है तभी भीड़ में से एक आदमी निकलता है और 9 मिलियन डॉलर का चेक काटकर डोनेट कर देता है उसे देखकर सभी की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं ऑथर भी उसके इस बात से बहुत ही इंप्रेस हो जाते हैं वे कहते हैं कि रिचस का असली मतलब उन्हें इसी दिन समझ में आया अक्सर हम लोग यह समझ लेते हैं
कि रिच होने का मतलब होता है बड़ा सा घर होना महंगी महंगी गाड़ियां बट दिस इज नॉट द रियल मीनिंग ऑफ रिचस रिचस का मतलब होता है कि आप इतने कैपेबल बन जाओ कि आप किसी भी जरूरतमंद पर्सन की हेल्प आसानी से कर पाओ इसके लिए आपको किसी की भी हेल्प करने से पहले पैसों के लिए सोचना ना पड़े जनरली ज्यादातर लोगों का रिच होने का मतलब होता है कि जो व्यक्ति महीने के ज्यादा पैसे अर्न करता है वो रिच है और जो व्यक्ति महीने के कम पैसे अर्न कर रहा है वो पुअर है
लेकिन ऐसा बिल्कुल ही नहीं है आज की इस मॉडर्न दुनिया में सिर्फ पैसा ही रिचस का पैरामीटर नहीं है सही में रिच और वेल्थी होना इन तीन पैरामीटर का कॉमिनेशन होता है अगर आप इन तीन चीजों को बड़ी ही आसानी से अफोर्ड कर पा रहे हो तो आप रियल में अमीर और वेल्थी पर्सन हैं इस कॉमिनेशन को रिलेटिव इनकम के नाम से भी जाना जाता है ये तीन चीजें हैं मनी टाइम और मोबिलिटी आइए इसे हम एक एग्जांपल के थ्रू समझते हैं
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मान लीजिए सेम एज सेम बैकग्राउंड से बिलोंग करने वाले दो व्यक्ति हैं एक का नाम जीतू है एक का अमन जीतू की मंथली इनकम ₹60000 है वहीं अमन 40000 पर मंथ कमा आता है अब जनरली दोनों का कंपैरिजन करके बताओ कि दोनों में कौन रिच है तो लगभग ज्यादातर लोग जीतू को ही अमीर बताएंगे जो कि बिल्कुल सही है क्योंकि हम लोग अक्सर मंथली इनकम से ही डिसाइड करते हैं कि वो रिच है या पुअर लेकिन अगर हम दोनों के लिए टर्म और कंडीशन देखें तो रिजल्ट कुछ और ही होगा
जीतू एक कॉर्पोरेट सेक्टर में एंप्लॉई है जहां उसे 9 टू फ या कभी-कभी 10-10 घंटे काम करना पड़ता है वह सिर्फ घर पर एक टाइम खाना खाने जाता है और सोने जाता है बाकी का पूरा टाइम तो वो ऑफिस में ही निकाल देता है इसके अलावा जब भी वह सोचता है कि उसे फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना चाहिए तब उसे ऑफिस से छुट्टी ही नहीं मिलती वहीं दूसरी ओर अमन एक फ्रीलांसर है जो दिन में सिर्फ 3-4 घंटे ही काम करता है और इस हिसाब से पूरे हफ्ते वो 20-22 घंटे काम करता है
इसके अलावा वो बचे हुए टाइम में नई-नई स्किल सीखता है नए-नए स्टार्टअप्स को स्टार्ट करने की कोशिश करता है और साथ ही हर महीने फैमिली के साथ दो या तीन दिन की ट्रिप पर घूमने जाता है अब बताओ दोनों में रियल रिच कौन है इसके अलावा अगर हम इनकी इनकम को आली बेसिस पर देखें तो जीतू हफ्ते में 45 घंटे काम करता है और अमन हफ्ते में सिर्फ 22 घंटे इस हिसाब से जीतू 1 घंटे में ₹333 कमाता है और अमन 1 घंटे में ₹454 कमाता है अब बताओ दोस्तों रियल रिच कौन है
ऑफकोर्स अमन क्योंकि उसके पास फ्री टाइम मनी एंड मोबिलिटी तीनों चीजें हैं ऑथर इस बुक द्वारा एक फार्मूला बताते हैं जिसके थ्रू दुनिया का कोई भी आदमी सही मायनों में रियल रिच और वेल्थी बन सकता है यह फार्मूला है डीए एल डी का मतलब है डिफाइन ई फॉर एलिमिनेशन ए फॉर ऑटोमेशन और एल फॉर लिबरेशन तो आइए इसे एक-एक करके समझते हैं नंबर एक डेफिनेशन टम का कहना है कि सबसे पहले यह डिफाइन करो कि आखिर तुम्हारी लाइफ का गोल क्या है तुम अपनी लाइफ में क्या अचीव करना चाहते हो
इसके लिए आपको अलग-अलग चीजें ट्राई करनी चाहिए अलग-अलग स्किल्स पर काम करना चाहिए और क्या-क्या चीजें करने पर आपको इंटरेस्ट आता है क्योंकि बिना किसी इंटरेस्ट के आप कोई भी काम लॉन्ग टाइम तक नहीं कर सकते और ना ही आप उसमें अपना 100% दे पाओगे अब देखते हैं दोस्तों दूसरे पॉइंट को जो कि है एलिमिनेशन इस पॉइंट के थ्रू टम समझाने की कोशिश करते हैं कि अपनी लाइफ से फालतू की चीजों को एलिमिनेट या रिमूव करना चाहिए ऐसी चीजें जो आपको गोल से भटका रही हो ऑथर कहते हैं
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दो चीजें होती हैं एक होता है इफेक्टिव होना और दूसरा एफिशिएंट होना इफेक्टिव का मतलब होता है डूइंग राइट थिंग यानी कि सही चीजों को करना वही एफिशिएंट का मतलब होता है डूइंग थिंक राइट यानी कि काम जो भी हो उसे अच्छा बना देना अधिकतर हम सभी लोग लाइफ में एफिशिएंट बनने की कोशिश करते हैं और किसी भी उल्टे सीधे काम को करने लग जाते हैं और अपनी एनर्जी और टाइम वेस्ट करते रहते हैं इसलिए हमें एफिशिएंट ना बनकर इफेक्टिव बनना चाहिए यानी कि हमें वही काम करना चाहिए जो हमारे लिए इंपॉर्टेंट भी हो और हमारा उसमें मन भी लगता हो
जिससे आपके सक्सेस होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं अब आते हैं तीसरे पॉइंट पर जो है ऑटोमेशन ये वो स्टेज होती है जहां कोई भी व्यक्ति किसी एक काम में परफेक्ट हो जाता है और वो इफेक्टिवली काम करना सीख जा जाता है जितना वो मार्केट के दूसरे कंपट को आसानी से बीट कर सकता है इस स्टेज के बाद बारी आती है ऑटोमेशन की यानी कि अपने काम या बिजनेस को ऑटोपायलट मोड पर डालने की जिससे आपकी ज्यादा से ज्यादा ग्रोथ हो सके अगर आप ऐसा नहीं करोगे और अपना सारा काम खुद ही करने की कोशिश करोगे तो आप लिमिटेड हो जाओगे
क्योंकि सारा काम एक व्यक्ति अकेले नहीं कर सकता इसलिए जरूरी होता है कि इस पॉइंट पर आकर आपको अपने काम को ऑटोमेशन पर डालना चाहिए जब आपका सारा काम आपके एंप्लॉई करने लगे तो आपका बहुत सारा समय भी बच जाएगा जिसे आप दूसरी और नई-नई स्किल सीखने में लगा देना चाहिए अब दोस्तों आते हैं लास्ट पॉइंट पर जो कि है लिबरेशन टिम फेरिस बताते हैं कि जब आपका बिजनेस बहुत ही अच्छा परफॉर्म करने लगे तब आप मिनी रिटायरमेंट ले सकते हो जिससे आपकी लाइफ और बिजनेस दोनों बैलेंस होते रहेंगे वरना अधिकतर यह होता है
कि हम जीवन भर काम करते रहते हैं और बुढ़ापे में ही फुल रिटायरमेंट लेते हैं अब उस समय हमारे पास पैसा तो बहुत होता है पर बॉडी में एनर्जी ही नहीं बचती इसलिए मिनी रिटायरमेंट के इस कांसेप्ट को अपनाए और काम के बीच-बीच में ही छुट्टी लेकर घूमने फिरने और एंजॉय करने जरूर जाइए तो दोस्तों आज के आर्टिकल में बस इतना ही आशा करता हूं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा जय हिंद जय भारतभारत । धन्यवाद
रिच बनाने का सबसे फास्ट तरीका, 0 से करोड़पति बनाने का स्टेप बाई स्टेप तरीका । 2024
https://youtu.be/I0aT2_EE6KY?si=a2GB2Xf2Cv-aCTYO