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अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024 तो दोस्तों इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि अमेरिका और इंडिया के लोगों की लाइफ स्टाइल बहुत ही ज्यादा अलग होती है जिसकी वजह से इनके घर की बहुत ही ज्यादा डिफरेंट होते हैं

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

 

भारत में ऐसी कई सारी चीजें हैं जो अमेरिका में यूजलेस है और वैसे ही अमेरिका में भी कई सारी चीज है जिसकी भारत में कोई जरूरत ही नहीं है और इसलिए ही भारत और अमेरिका के घर में बहुत ज्यादा फर्क होता है और आज हम आपको ऐसे ही कुछ डिफरेंट इसके बारे में बताएंगे जो अमेरिका और इंडियन हॉट सींस के बीच है आखिर अमेरिका के घर कैसे होते हैं तो इस अमेजिंग आर्टिकल में बने रहना एंड तब आपको बहुत कुछ जानकारी देंगे

नंबर वन फुकेट दोस्तों जैसे इंडिया में इलेक्ट्रिसिटी सॉफ्ट जो होते हैं वह आपने देखा होगा कि काफी हाईट पर होते हैं और सारे सोकर में बटन दिए होते हैं और एक लाइट बोर्ड में एक या दो ही सॉफ्ट हो उस दिए होते हैं वहीं पर भैया अमेरिका में पूरे घर में कई सारे शौकीन होते हैं और सॉफ्ट जमीन के बस थोड़ी ऊपर होते हैं और सबसे बड़ी बात इन फुकेट में कभी भी बटन ही नहीं जाते हैं दरअसल इन फुकेट में हमेशा लाइट चलती रहती है और अमेरिका में ज्यादातर जो अपलाइन होते हैं सब मैं ऑफ के बटन दिए जाते हैं तो उनका यह मानना है

कि अगर उधर ऑफ के बटन आलरेडी है तो हम एक्स्ट्रा बटन क्यों दें और इसलिए ही किसी भी अपॉइंटमेंट में सोक्रेट्स में बटन नहीं होते हैं बस आपको लॉग इन करना है और आप इलेक्ट्रिसिटी को यूज कर सकते हो सौतिन के सॉफ्ट का जो होता है वह बहुत ही छोटा होता है ताकि किसी बच्चे की उंगली अंदर ना जाए पूरे घर में vastu यतिन बटन होते हैं और वह भी लाइट को टर्न ऑफ करने के लिए होते हैं बाकी चॉकलेट में कहीं पर भी बटन नहीं दिए जाते हैं भारत और अमेरिका के लाइटिंग सिस्टम में भी बहुत फर्क है

वैसे अमेरिकी घर में छोटे-बड़े बीच से ज्यादा सॉफ्ट होते हैं वहीं भारतीय घर में लगभग बस पांच या छह सॉफ्ट सी होते हैं व्रत नंबर टू फ्लोरिंग दोस्तों जैसा कि इंडिया के ज्यादातर घरों में फ्लोरिंग के लिए टाइल्स का इस्तेमाल किया जाता है उससे बहुत ही ज्यादा अलग स्नोरिंग के लिए अमेरिका में कारपेट का इस्तेमाल किया जाता है पहले घर के ऊपर सीमेंट लगाया जाता है और उसे एक बहुत ही ज्यादा स्मूथ कर दिया जाता है और उसके ऊपर फिर कारपेट लगा दिया जाता है जो कि बहुत ही ज्यादा सॉफ्ट होता है

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

लेकिन यह चीज बस से लिविंग और बैडरूम के लिए होती है किचन में जाते ही आपको फ्लोर व्यक्ति है ज्यादातर किचन में गुड की फ्लोरिंग की जाती है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि खाना बनाते वक्त अगर कोई भी चीज पेट में गिर जाएगी तो बहुत ही ज्यादा और अगर किचन में दिया गया तो आपको बार-बार फोंट को चेंज करना पड़ेगा और यह तो एक आम बात है कि बाथरूम में लगा सकते हैं इसलिए मैं बाथरूम में ही होता है पूरे घर में या फिर की जाती है कि पेट साफ करने की झंझट नहीं आती है और टाइल्स लगाने के बाद कई सालों तक कोई प्रॉब्लम इसे पिघला

नंबर थ्री लेयर दोस्तों में नियुक्त किए जाते हैं सबसे पहला और दूसरा है लेकिन में लेकिन यहां पर अमेरिका में पूरा अमेरिका में किस जगह पर ऐसी होती है लेकिन की मदद से पूरे घर में आती है पूरे घर में ऐसे छोटे-छोटे बनाए जाते हैं जिनसे है है और इसलिए अगर आप घर का टेंप्रेचर सेट करोगे तो पूरे घर का उतना ही टेंप्रेचर रहेगा वरना भारत में जहां तक पंखे की हवा होती है वह ठंडा रहता है और दूसरी जगह पर गर्मी होती है तो थी यहां पर कुछ घर में पंखे यही नहीं जाते हैं

और कुछ घरों में पंखे होते हैं वे दूसरों के होते हैं और बस ठंडी में इस्तेमाल करने के लिए दिए जाते हैं अमेरिका के सारे घरों में ऑलमोस्ट ऐसी है पर इंडिया के पास पांच प्रतिशत घरों में ही ऐसी है और वह भी पर्सनल लाइफ ऐसी यानि कि एक ही रूम में लगाने वाली ऐसी वैसे इससे भारत में बहुत फायदा होता है दोस्तों क्योंकि बस यह सिस्टम ना होने की वजह से हर साल भारत अमेरिका से 34 प्रतिशत का इलेक्ट्रिसिटी यूज करता है इतनी सारी पापुलेशन होने के बावजूद भी नंबर फोर अव्वल दोस्तों देखा जाए तो यह अमेरिकन और इंडियन घरों के बीच का सबसे बड़ा अंतर होगा

दरअसल अमेरिका की जो दीवारें होती है वह ड्रिंक लकड़ी से बनी होती है और वहीं पर जो इंडियन घरों की दीवारें होती है वह सीमेंट और वृक्ष से बनाई जाती है दरअसल अमेरिका में लकड़ी बहुत ही ज्यादा सस्ती है और इसलिए अगर वह लकड़ी से पूरे घर को बनाते हैं तो उन्हें बहुत ही ज्यादा फायदा होता है साथ एक बात यह होती है कि यह जल्दी बन जाता है वहीं पर देखा जाए तो भारत में भी लकड़ी इतनी महंगी नहीं है लेकिन यह लगी वाला सिस्टम भारत में चल ही नहीं सकता है सबसे पहला प्रॉब्लम रहेगा टेंपरेचर में भारत और अमेरिका के टेंपरेचर में जमीन आसमान का फर्क है

और इसलिए लकड़ी वाला घर भारत के लिए इतना भी सूटेबल नहीं होगा और साक्षी दूसरी सबसे बड़ी प्रॉब्लम है दीमक अगर इंडिया में लकड़ी से घर बनाया जाएगा तो कुछ सालों में घर में दीमक लग सकते हैं और पूरे घर को खोखला कर सकते हैं वहीं पर अमेरिका में भी दीमक की थोड़ी बहुत प्रॉब्लम है लेकिन जिसको भी प्रॉब्लम है वह बहुत सीरियस है लकड़ी के घर को बदलना और इसमें चेंज करना बहुत आसान है वहीं पर दूसरी तरफ देखा जाए तो विकार और सीमेंट वाले घर ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होते हैं

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

नंबर फाइव फर्नीचर पर दोस्तों अगर आप इंडिया में घर को पर लेते हैं तो आपको दो तरीके के घर मिलते हैं एक जो कि पूरी तरीके से फर्निश्ड है इसमें एक फिर से लेकर जेड तक सब कुछ है और दूसरा जिसमें कुछ भी नहीं है और अमेरिका में भी काफी हद तक सिस्टम लेकिन थोड़ा अमेरिका में आपको दो तरीके घर में एक पूरा लेकिन यहां के घर में कुछ ऐसी शीघ्र जो आपको जरूर मिलेगी सबसे पहली चीज है फ्रीज अनफर्निश्ड होने के बाद भी आपको फ्री मिलेगा साथ ही दूसरी चीज है वन अमेरिका जैसे बड़े वाले ओपन होते हैं

और वह आपको कंपलसरी वहां पर मिलते हैं तीसरी चीज है चिमनी अमेरिका के हर एक घर में आपको चीन जरूर मिल जाएगी क्योंकि वह अ क्वेश्चन का हिस्सा है और चौथी चीज है एक विशाल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस ज्यादा नहीं है लेकिन बाहर के देशों में इसकी बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है और पांचवी चीज है वॉटर नो यह कि अमेरिका के हर घर में आपको नल से ठंडा और गर्म दोनों पानी मिल जाएगा क्योंकि इन सब चीजों को नैक सिटी माना जाता है जो आपको मिलना चाहिए भारत में यह सब चीजें आपको खुद लेकर आनी पड़ेगी

नंबर सिक्स वाटर सिस्टम दोस्तों एयर कंडीशनिंग की तरह यहां का वाटर सिस्टम भी सेंट्रल होता है यानि कि भारत में कैसे हरेक घर का एक क्लिक से वॉटर टैंक होता है कुछ लीटर का वैसा यह नहीं होता है यहां 24 घंटे पानी चलता रहता है लाल मिर्च से और यह वाटर टैंक बिल्डिंग परसेंट होता है और आप जितना पानी यूज करते हो उस हिसाब से आपको पैसे देने पड़ते हैं

यह सिस्टम वैसे देखा जाए तो बहुत अच्छा है क्योंकि इससे रहने वाले को फायदा होता है वरना आप एक व्यक्ति रहते हो यार तो आपको इस अमाउंट में पानी दिया जाता है और इससे पानी वेस्ट होता है लेकिन यह से के वाटर सिस्टम से ना ही पानी वेस्ट होता है

बल्कि लोगों को कम पैसे भी देने पड़ते हैं और यह सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम में ठंडा-गर्म दोनों पानी आता है और आपके घर में जितने भी नल होते हैं बाथरूम के किचन की हर जगह आपको ठंडा और कर्म दोनों को मिलेगा वैसे नल में दो पानी आते हैं यह तो समझ गए लेकिन यह किचन में आपके दोस्त नहीं क्यों होते हैं नंबर सेवन दो मुगल सैनिक दोस्तों अपने डुअल सिम का तो नाम सुना होगा लेकिन आज आप भैया ऑल Dual सिम देखोगे अमेरिका के सारे घरों में ऐसे दो सिम होते हैं अगर आप सोच रहे हो कि यह एक्स्ट्रा सिम है तो आप गलत हो यह कोई आम सिंह नहीं है

बल्कि डिस्पोजल सिम है जैसे कि इंडिया में जो भी खाना बचता है उसे हम किसी जानवर को खिला देते हैं या फिर अगले सुबह उठकर हम फिर से खा लेते हैं और अगर खाना ज्यादा ही बिगड़ गया है तो ही उसे फेंकते हैं लेकिन ऐसा से अमेरिका में नहीं होता है अमेरिका में जितना भी खाना बचता है उन सबको फेंक दिया जाता है और उसे इस सिम के रूप में देखा जाता है इस अंक में खास तरीके का मशीन होता है इस सिम का और नार्मल सिम केवल इतना ही होता है लेकिन इसमें दो अपने होती है और इस मशीन को स्टार्ट करने के लिए बटन भी दिया जाता है

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जिसे दबाने के बाद अगर आप इसमें खाना डालते हो तो आपका खाना बहुत ही छोटे-छोटे टुकड़ों में काट जाता है और पानी के साथ वेस्ट में निकल जाता है आप कह सकते हो कि खाने का पेस्ट बनाकर वेस्ट में डाल दिया जाता है तो भैया अमेरिका लोगों में दिमाग लेकिन भारतीय जितना जुगाड़ नहीं है नंबर एट करते हैं दोस्तों इंडिया में खिड़की पर दो कि बिना अधूरी है और अगर आपको भी ऐसा लगता है

तो मेरी घर की खिड़की आपको काफी अधूरी लगी क्योंकि अमेरिका के किसी भी घर में जो खिड़कियां होती है उसमें पर दे दिए ही नहीं जाते हैं अब इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे अमेरिका में पर्दे कहीं पर भी यूज नहीं होता है

लेकिन मैक्सिमम जगह पर पर्दे नहीं होते हैं और बस बड़े और रिच लुक ही अपने घर पर इस्तेमाल करते हैं क्योंकि पर्दों को बार-बार साफ करना पड़ता है और वह कपड़े के बने होते हैं इसलिए थोड़े महंगे होते हैं तो अगर उस पर कुछ गिर जाता है तो जल्दी से खराब हो जाता है और इसलिए वहां के लोग इस तरीके के प्लास्टिक लाइट्स को इस्तेमाल करते हैं

यह साइट को अच्छे से डायवर्ट करते हैं और आप लाइट के एक्सपोज़र को सेट कर सकते हैं यदि आपको रूम में ज्यादा हाइट चाहिए कम लाइट आप यह सब बस यह घुमाकर सेट कर है और यह तो छोटी खिड़की की बात हुई बड़ी के में भी इस टाइप के लाइट शेड्स का इस्तेमाल होता है जो कि साइज में बड़े होते हैं

नंबर नाइन रोफ यहां की छत और भारत की छत में जमीन आसमान का फर्क है यह देखकर ही पता चलता है आपको पूरे अमेरिका मुश्किल से किसी छत पर तेरस दिखेगा क्योंकि इसके चार रीजन है सबसे पहले अच्छा दिखता है दूसरे के छत पर इंसुलेटर होते हैं यह ठंडी से बचाते हैं और इसका रिजल्ट यहां ठंड बहुत ज्यादा होती है और इंसुलेटर तेरस पर नहीं लगा सकते हैं और ऐसा करेंगे भी तो खर्चा बहुत ज्यादा जाएगा पहले तेरस बनानी पड़ेगी और उसके अंदर आर्टिस्ट बनाना पड़ेगा और तीसरा रीजन है बारिश यह बारिश में पानी ऊपर जब ना जाए

क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो लकड़ी पानी सोख लेगी और फूल के कमजोर हो जाएगी एंड फॉर थिस रीजन है सुनो यहां पर कई बार बर्फबारी होती है और अगर शेप की सख्त नहीं होती है तो बर्फ और निकालना बहुत मुश्किल हो जाएगा अब दोस्तों आप यह सोच रहे हैं आपको इंडिया के घर बेस्ट लगते हैं या अमेरिका के हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा क्योंकि वहीं पर हमें पता चलेगा कि आपकीआपकी राय क्या है । धन्यवाद

अमेरिका और इंडिया के घर मे अन्तर, यह बाते आपको अमीरकी घर की बाते है। 2024

https://youtu.be/b74Sq9yfZVc?si=yYCMRjQT1dWIPt_f

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