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Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

अगर हम लोग शॉपिंग करने कहीं बाहर जाते तो एक ऐसी शॉप जो कि सबसे पहले हमारा ध्यान खींचती है वह है कपड़ों की शॉप फिर चाहे वह कोई लोकल मार्केट में हो या एक मॉल के अंदर हो वहां पर लगे अलग-अलग डिजाइनिंग के कपड़ों की डिस्प्ले हमें रुकने पर मजबूर कर देती है Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

 

लेकीन रूक कर देखने और जाकर खरीद लेने में एक बड़ा फर्क है और यह फर्क हर मिडिल क्लास इंसान जानता है क्योंकि एक लिमिटेड बजट होता है उनके पास एंड उनके लिए कपड़े कोई ऐसी चीज नहीं है जिन्हें वो जब मन चाहे तब खरीद सके कई जगहों पर तो कपड़ों का रेट इतना हाई होता है कि इतने में तो भाई कई दिनों का राशन पानी चल जायेगा।

तो एक ऐसी शॉप ढूंढना जहां स्टाइलिश और ट्रेडिंग कपड़े भी मिल जाएं और वह बजट फ्रेंडली भी हो यह मिडिल क्लास इंसान के लिए एक बड़ी दिक्कत थी मैंने इसलिए बोला क्योंकि हमारे प्यारे रतन टाटा सर ने अपनी एक कंपनी के थ्रू हमारी इस प्रॉब्लम का एक यूजफुल सॉल्यूशन निकाल दिया है इस कंपनी का नाम है Zudio कहीं ना कहीं पर आपने इसका जिक्र जरूर होते हुए देखा होगा।

क्योंकि ये एकमात्र ऐसी बड़ी कंपनी है जो कि ट्रेंडिंग फैशन क्लॉथस आपको बजट में प्रोवाइड करती है यह वह कंपनी है जिसको शायद 2 साल पह पहले तक कोई जानता ही नहीं था बट आज यही कंपनी हर छोटे यंगस्टर की एक पहली पसंद बन चुकी है मैं खुद भी मेरे जानने वाले लोगों से अक्सर सुनता रहता हूं कि भाई सस्ते और अच्छे कपड़ों के मामले में Zudio की कोई टक्कर नहीं है।

लेकिन एक सवाल है कि zudio आखिर इतना जल्दी इतना आगे कैसे बढ़ गया बिकॉज अगर आपने गौर किया हो तो आपने इसकी कहीं भी एडवर्टाइजमेंट होते नही देखी होगी ना ही किसी इनफ्लुएंसर को देखा होगा जो कि प्रमोट कर रहा हो इस कंपनी को।

फिर भी Zudio यंग लोगों में इतना फेमस कैसे हो गया इनफैक्ट अगर मैं रेवेन्यू स्टेटस की बात करूं तो इसके नंबर्स भी आपको हैरान करके रख देंगे यहां पर आप देख सकते हो कि सिर्फ 6 साल पहले zudio का 1 साल का रेवेन्यू कलेक्शन करीब 140 करोड़ था और इसी साल 2024 में अब इसका रेवेन्यू 4000 करोड़ के पार जा रहा है और वह भी ऐसे टाइम में जहां मुफ्ती जारा, टॉमी, हिलफिगर इस तरह के फेमस ब्रांड्स ऑलरेडी मार्केट में एजिस्ट करते हैं।

अब तो हाल यह हो गया है कि बड़ी-बड़ी कंपनीज भी Zudio की मार्केट डाउन करने के लिए ऐसा कुछ भी खास नहीं ला पा रही जिससे मन बदल जाए लोगों का।

तो ये जानना बहुत इंटरेस्टिंग रहेगा कि आखिर 2 साल पहले तक जिसका नाम शायद कोई नहीं जानता था कैसे आज वह फैशन की दुनिया में किंग बना बैठा है और खासकर यूथ में तो इसकी पॉटुलर्टी बढ़ती ही चली जा रही है तो चलिए फिर शुरुआत करते हैं अपने मेन पॉइंट्स की।

No.1. The Price Phenomenon: लोकल मार्केट्स में आपने एक स्लोगन बहुत सुना होगा रस्ते का माल सस्ते में मतलब चीज तो उतनी खास नहीं है लेकिन आपको सस्ते में मिल जाएगी बट zudio ने इस बात को एकदम गलत साबित कर दिया क्योंकि zudio के सक्सेस का जो एक बड़ा रीजन है वो प्राइसिंग ही है। 

आपको पता है टाटा कोई आज की नई कंपनी तो है नहीं इनके बनाए बाकी प्रोडक्ट्स कई दशकों से मार्केट में छाए हुए हैं तो इनके पास यह एबिलिटी है कि यह अपने प्रोडक्ट्स को कम दाम पर भी बेच सकते हैं वो भी क्वालिटी से समझौता किए बगैर इन लोगों का सप्लाई चेन मैनेजमेंट यानी कि वह पूरा प्रोसेस जिससे एक प्रोडक्ट सेल होने की स्टेज पर पहुंचता है यह मैनेजमेंट इनका काफी एफिशिएंट है।

जो इस बात को अच्छे से समझता है कि किस तरह से ट्रेंडिंग क्लोथ्स को बजट फ्रेंडली बनाया जा सकता है तो इसी वजह से इन्हें क्वालिटी कपड़ों को तैयार करने में ज्यादा कॉस्ट नहीं आती और अगर इनकी कॉस्ट कम लग रही है तो कस्टमर तक भी इनका फाइनल प्राइस काफी कम हो जाता है।

zudio एक फैक्ट को लेकर काफी अवेयर था कि लोग यहां पर ब्रांड के पीछे भागते तो हैं लेकिन ऐसे लोग  बहुत कम है ज्यादातर लोग ब्रांड के लेबल से ज्यादा, चीज को देखते हैं वह देखते हैं कि कपड़ा देखने में और पहनने में कैसा लग रहा है और उनके अपने बजट के अंदर यह कितना अफोर्डेबल है तो Zudio अपने इस कोर यूजर बेस को लेकर एकदम क्लियर था स्टार्टिंग से इनके टारगेट कस्टमर्स स्टूडेंट्स टायर 2 और टायर 3 के लोग थे।

इस कंपनी ने उनको यह बिलीव कराया कि आप बिना अपनी पूरी जेब खाली किए ट्रेंडी और स्टाइलिश भी दिख सकते हो इनका प्राइस लेवल अपने कंपीटीटर से इतना कम होता है कि उनके कॉम्पटीटर चाह कर भी उनके प्राइस को मैच ही नहीं कर सकते जैसे एग्जांपल के लिए हम एक प्लेन टीशर्ट के प्राइस को कंपेयर करते हैं।

जैसे reliance Trends में यही टीशर्ट आपको मिलेगी 999 में और westside में आपको ये tshirt 599 में मिलेगी लेकिन अगर यही टीशर्ट आप Zudio से परचेस करते हो तो यह आपको सिर्फ 299 में मिल जाएगी अब वैसे तो वेस्ट साइड और Trends दोनों ही टाटा के क्लोथिंग ब्रांड्स हैं मगर जहां Zudio टायर टू और टायर थी के लोगों को टारगेट करता है वहीं ये दोनों सिर्फ टायर वन के लोगों को टारगेट कर पाते हैं।

Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

देखो इंडिया में मिडिल क्लास पॉपुलेशन बहुत ज्यादा है और इसी चीज को समझते हुए Zudio ने भले ही प्राइस कम रखी है लेकिन अपने स्टाइलिश लुक और अप टू ट्रेंड में रहने की वजह से इन्होंने लोगों के बीच में अपनी खुद की डिमांड बढ़ा ली और ये इनकी ग्रोथ का एक सबसे बड़ा रीजन है।

No.2. Drawing Inventories: अब पहले तो मैं आपको इन्वेंटरी का सही मतलब बता देता हूं इन्वेंटरी यानी कि वह प्रोसेस जहां गुड्स आइटम्स मटेरियल या मर्चेंडाइज इनको अपने प्रॉफिट कमाने के मकसद से सेल करने को रखा जाता है अगर हम zudio के इन्वेंटरी की बात करें तो इनकी इन्वेंटरी है इनके अलग-अलग तरह के क्लोथिंग आइटम्स जैसे शर्ट्स ड्रेसेस जींस एक्सेसरीज शर्ट्स वगैरह वगैरा कोई भी फैशन रिटेलर अगर इंडिया में सरवाइव और ग्रो करना चाहता है तो उसके लिए सबसे बड़ा चैलेंज ये इन्वेंटरी ही होती है।

बिकॉज़ मार्केट में सिर्फ एक दो तरह के आइटम ज्यादा लंबे टाइम तक सेल नहीं हो पाते क्योंकि ट्रेंड खत्म हो जाता है उनका और लोगों की चॉइस बदलने लगती है लेकीन Zudio के केस में तो यह प्रॉब्लम ही सॉल्वड है zudio पहले तो बहुत अच्छे दिखने वाले कपड़े अपने सभी स्टोर पर भेजते हैं उस पर एक अट्रैक्टिव सा प्राइस टैग लगाते हैं और कस्टमर के रिस्पांस के अकॉर्डिंग अपनी इन्वेंटरी को रिफ्रेश करते रहते हैं।

इसी वजह से Zudio का कोई भी प्रोडक्ट आउटडेटेड नहीं लगता क्योंकि यह हर दो महीने में अपने स्टोर्स को नए फैशन और ट्रेंडिंग क्लोथ्स के साथ में कवर अप कर देते हैं यह एक बड़ा डिफरेंस है Zudio में और बाकी इसके दूसरे कंपीटीटर्स में zudio के कंप्इटीटर ईतनी आसानी से रिफ्रेश प्रोसेस पूरा ही नहीं कर पाते उनको बजट को प्रोब्लम होने लग जाती हैं और zudio यहां बाजी मार जाता है।

 Zudio कुछ मर्चेंडाइज बहुत ही कम रेंज में रखता है दूसरे वर्ड्स में कहूं तो बिल्कुल ना के बराबर और इसमें आते हैं विंटर वियर वह फैशन जो साल में सिर्फ एक दो महीने ही बिकेंगे जैसे जैकेट और हूडीज वगैरह अगर आप Zudio से ज्यादा शॉपिंग करते हो तो आपने नोटिस किया होगा आपको अक्सर ऐसे कपड़े दिखेंगे जो हर इंसान नॉर्मल सीजन में पहन सकता है।

इस तरह की सीजनल मर्चेंडाइजिंग को ना लेकर Zudio अनसोल्ड रहने के रिस्क को भी बहुत हद तक कम कर लेता है और ये Zudio के सफलता दूसरा सबसे बड़ा रीजन है।

Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

Cost Savings on Execution: देखो मान कर चलते हैं की आपने अपने बिजनेस के लिए वह सारी चीजें कर ली जो इंपॉर्टेंट थी जैसे शॉप को डेकोरेट करना प्रोडक्ट को स्टॉक के साथ में रखना मैन्युफैक्चरिंग और मार्जिन का पूरा हिसाब रखना वगैरह वगैरह बट इन सारी चीजों के बावजूद अगर एक चीज आपने नहीं की तो बिजनेस चल ही नहीं पाएगा और वह है आपके धंधे की मार्केटिंग।

क्योंकि जो दिखता है वही बिकता है लेकिन यह बात बहुत शॉकिंग है कि Zudio ने जो भी बिल्डअप किया है वह बिना मार्केटिंग के किया है एक तरफ जारा एचएनएम इस तरह के ब्रांड्स हैं जो मार्केट के ऊपर पानी की तरह पैसा बहाते हैं पर Zudio कंपनी ने यह अप्रोच अपनाई ही नहीं पर मार्केटिंग नहीं कर रहे तो इतनी सेल्स कैसे निकाल पा रहे हैं?

इन सबके सबके पीछे एक हिडन मार्केटिंग है जो कंपलीटली फ्री है और इसको लोग वर्ड ऑफ माउथ के नाम से जानते हैं इनका फंडा बहुत सिंपल है कस्टमर को उनकी रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग सेटिस्फाई करो और फिर यही कस्टमर इनडायरेक्टली इस ब्रांड के लिए एडवर्टाइज एजेंट बन जाता है जैसे मान लो आप पहली बार Zudio के शोरूम में गए।

वहां आपको काफी ज्यादा स्टाइलिश और मॉडर्न कपड़े देखने मिल रहे हैं अब पहली बार में आपको कपड़े देखकर ऐसा लग सकता है कि यार इसकी प्राइसिंग ज्यादा होगी पर जैसे ही आपकी नजर इसके प्राइस टैग पर जा जाती है तो यह देखते ही आपका दिल खुश हो जाता है बिकॉज़ उनका प्राइस रेट आपके बजट में आराम से फिट हो रहा है अब इतने कम प्राइस में अगर आपको ऐसे स्टाइलिश कपड़े मिल रहे हैं तो ऐसा तो होगा नहीं कि आप इस बात को खुद तक ही सीमित रखो।

पहले तो आप इस बात को अपने फ्रेंड सर्कल में फैलाओगे फिर घर पर बताओगे और फिर भी अगर मन नहीं भरेगा तो कुछ रिलेटिव्स को भी बता दोगे और इस तरह से बिना एक भी पैसा खर्च किए Zudio की अपने आप ही मार्केटिंग होती रहेगी वैसे इनकी एक और यूनिक टेक्नीक है जो है एवरीथिंग अंडर 999 मतलब कोई भी चीज यहां पर 999 से ज्यादा की नहीं है।

वरना अगर आप किसी लोकल मार्केट की शॉप पर भी जाते हो तो एक क्वालिटी जींस आपको 1500 से 2000 तक की पड़ जाएगी तो इस वजह से भी Zudio पर अब लोग ज्यादा विजिट करने लग गए हैं

Smart Set-up Of Stores: मुंबई के अंदर Zudio के लगभग 21 स्टोर्स हैं मगर इनमें से कोई भी मुंबई के सेंट्रल या साउथन पार्ट में नहीं है क्योंकि इन सिटीज में रियल एस्टेट की वैल्यू बहुत ज्यादा एक्सपेंसिव है इसी वजह से Zudio ने अपने स्टोर्स को टायर टू सिटीज में जमाया हुआ है अब इससे इनके दो फायदे हैं एक तो इनके टारगेट कस्टमर्स यहीं से आ जाएंगे और दूसरा यहां कंपटीशन कम होगा।

जिससे रेंटल कॉस्ट भी कम आएगी इनकी यह एक बहुत स्मार्ट मूव है इनका और दूसरा स्मार्ट मूव इनका मार्जिन को लेकर अब वो कैसे यह भी मैं आपको समझा देता हूं देखो बिजनेस से पैसा कमाने के दो रास्ते हैं या तो आप 1000 रुपए का कोई प्रोडक्ट बेचो और उसपे ₹500 का प्रोफिट मार्जिन निकाल लो या फिर उसी 1000 रुपए के प्रोडक्ट को आप ₹200 रुपए के मार्जिन पर रखो।

पहले वाले रास्ते पर चलकर आपका प्रॉफिट ज्यादा होगा बट ज्यादा लोगों तक आप पहुंच नहीं पाओगे दूसरे वाले रास्ते पर चलकर आपका प्रॉफिट तो कम होगा बट आप ज्यादा लोगों तक पहुंच पाओगे zudio दूसरे वाले ऑप्शन के साथ है बिकॉज इंडिया में लोग सस्ती चीजों की तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं।

इसीलिए Zudio यहां भी आगे निकल जाता है अच्छा एक फैक्ट मैं आपको इनके बारे में बता देता हूं कि इनकी कोई ऑफिशियल वेबसाइट नहीं है कोई ऐसी वेबसाइट नहीं है जहां से आप ऑनलाइन खरीद सको कपड़े क्योंकि इन्होंने कोई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बनाया ही नहीं बट इसके पीछे भी कुछ रीजंस हैं।

जो जस्टीफाइड कर देते हैं इस फैक्ट को अगर यह ऐसा करते हैं तो जिस फाउंडेशन पर इनका बिजनेस स्टेबल है यानी मिनिमम कॉस्ट वह तो यहीं पर गिर जायेगा जाएगा क्योंकि डिलीवरी वगैरह के जो एडिशनल चार्जेस होंगे वो उनको इसमें ऐड करने पड़ेंगे इसके अलावा जितने भी ऐसे ऑर्डर्स होंगे जो कैंसल या रिटर्न कर दिए जाएंगे उसका नुकसान भी Zudio को अपनी ही तरफ से भरना होगा जिससे फाइनेंशियल लॉस होगा उनका इसीलिए इनका प्राइम फोकस ऑफलाइन स्टोर्स ही है

Zudio क्यों है इतना फेमस क्या है इसके सफलता की कहानी।2024

Privet Labeling: एक ऐसा प्रोडक्ट जो किसी अलग कंपनी ने बनाया लेकिन उस पर लेबल किसी और कंपनी का लगकर बिक रहा है इस तरह का जो प्रोसेस है इसको हम प्राइवेट लेबलिंग कहते हैं जो रिटेलर्स होते हैं वह अक्सर प्राइवेट लेबलिंग का ही इस्तेमाल करते हैं ताकि वह अपने कैंपटीटर से अलग दिख सकें और प्राइस को कंट्रोल कर सकें।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह हो जाता है कि आप अपना प्रॉफिट मार्जिन अपने हिसाब से सेट कर सकते हो आपके ऊपर कोई दबाव नहीं रहता इतना प्रॉफिट मार्जिन तो रखना ही रखना है आपको।

ZUDIO भी अपने बिजनेस के लिए इसी प्रोसेस का इस्तेमाल करता है क्योंकि एक तो इससे वो अपने हिसाब से मार्जिन सेट करके होने वाले अपने रिस्क को बहुत कम कर लेते हैं दूसरा मार्केट में ट्रेंड को देखते हुए वह एकदम से कपड़ों में वैराइटीज ला पाते हैं।

तो यह था zudio कंपनी की कामयाबी के कुछ मेन हाइलाइटेड पॉइंट्स वैसे यह बात तो माननी पड़ेगी कि टाटा ग्रुप की लगभग हर कंपनी हम इंडियंस के लिए वरदान साबित हुई है क्योंकि इनकी पहली प्रेफरेंस प्रॉफिट बनाना नहीं अपने कस्टमर को सेटिस्फाई करना होता है वैसे आपको क्या लगता है कि टाटा ग्रुप पर इससे कम मार्जिन निकालना क्या इनको और कई सालों तक टिका पाएगा कमेंट में जरूर बताना।।।

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