Site icon untoldvichar

Why Are Baniyas Rich? बनिये इतने अमीर क्यों होते हैं? | Why Banias Are Rich? Baniya vs Other

Why Are Baniyas Rich? बनिये इतने अमीर क्यों होते हैं? | Why Banias Are Rich? Baniya vs Other

वैसे तो हमारे देश में बहुत सी कम्युनिटी हैं और हर कम्युनिटी की अपनी-अपनी खासियत हैं किसी से आप बहादुरी सीख सकते हो तो किसी से कल्चरल एन रिचमेंट तो कोई मशहूर है अपने खानपान और हुनर के लिए ऐसी एक फेमस कम्युनिटी है बनिया कम्युनिटी जिसका नाम सुनते ही हमें याद आता है धंधा प्रॉफिट और पैसा।

जी हां चाहे एरोप्लेन हो या धनिया सब कुछ बेचता है बनिया बनियों की बिजनेस स्किल्स पर अगर आपको जरा सा भी डाउट है तो आइए पंचतंत्र की एक कहानी सुनिए एक बार एक जमींदार का घोड़ा बीमार हो गया जमींदार ने सोचा बनिए के पास बहुत पैसा है जरा उसे चूना लगाया जाए वो बनिए के पास गया और बोला भाई मुझे पैसों की जरूरत है तुम मेरा घोड़ा खरीद लो और पैसे दे दो मैं केवल 1000 रुपए में घोड़ा दे दूंगा।

Why Are Baniyas Rich? बनिये इतने अमीर क्यों होते हैं? | Why Banias Are Rich? Baniya vs Other

 

बनिया बोला चौधरी साहब मेरे पास तो केवल 500 ही है देना है तो बोलो जमींदार को यह भाव सही नहीं लगा और वह वापस घर चला गया घर जाते ही उसने देखा कि उसका घोड़ा तो मर चुका है वो फौरन बनिया के पास गया और बोला ठीक है मुझे तुम्हारा सौदा मंजूर है बनियों ने उसे 500 दिए और जमींदार वो पैसे लेकर कुछ दिनों के लिए गांव से बाहर चला गया कुछ महीनों के बाद जब वह गांव वापस आया तो उसने देखा कि बनिया की दुकान और बड़ी हो गई है।

वह सोच रहा था बनिया उसे गालियां देगा लेकिन बनिय ने कहा भाई आओ कैसे हो कुछ चाय पानी ले लो जमींदार हैरान हो गया उसने बनिये से पूछा यह सब कैसे हुआ बनिया ने कहा आपका ही दिया हुआ है सब कुछ जमींदार बोला पर मैंने तो तुम्हें मरा हुआ घोड़ा बेचा था बनिया बोला मैंने उस मरे हुए घोड़े से 10000 कमा लिए जमींदार हैरान रह गया बनिया ने कहा मैंने एक लॉटरी का विज्ञापन दिया कि जो जीतेगा मैं उसे ₹1 में घोड़ा दूंगा बहुत से लोग लॉटरी खरीदने आए और लॉटरी की टिकट बेचकर मैंने 10000 कमाए।

बनिया कौनसी जाति होती है baniya kounsi jati hoti h

जमींदार ने पूछा अरे तो विजेता को क्या दिया घोड़ा तो मरा हुआ था बनिया ने कहा विजेता को मैंने उसके टिकट का दाम यानी कि ₹10 और एक रुप एक्स्ट्रा जो उसने घोड़ा खरीदने के लिए दिए थे वह वापस कर दिए और कहा कि घोड़ा इलाज के दौरान मर गया तुम्हारा जो भी नुकसान हुआ है वह वापस ले लो वो भी खुश मैं भी खुश लगभग 600 लगाकर मैंने 10000 कमा लिए तो देखा आपने चाहे मरा हुआ घोड़ा हो या मिट्टी सच में बनिया कुछ भी बेचकर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

लेकिन कैसे आज हम इसी सीक्रेट को रिवील करेंगे और जानेंगे कि वो कौन सी स्ट्रेटेजी हैं जिन्हें फॉलो करके बनिये एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन बनते हैं

नंबर वन: बनिए मतलब अकाउंट्स के पक्के वो बही खाते की लाल किताब याद है आपको जो फिल्मों में मुनीम जी के हाथ में नजर आती थी उसे चोपड़ी कहते हैं यह चोपड़ी बनियों के लिए किसी गीता से कम नहीं हर दिवाली वो इसकी पूजा करते हैं अपने अकाउंटिंग के नए साल का शुभारंभ वो एक नई बुक के साथ करते हैं ये उनका कोई अंधविश्वास नहीं बल्कि ये सिंबलाइज करता है इस फैक्ट को कि मनी मैनेजमेंट में अकाउंटिंग कितनी जरूरी है चाहे बिजनेस हो या आम जिंदगी।

अगर आपने पैसे का हिसाब नहीं रखा तो आप भी बाकियों की तरह यही कहते रह जाओगे कि यार पैसा कहां जाता है कुछ पता ही नहीं चलता और जिस चीज को आप मेजर नहीं कर पा रहे उसे मैनेज कैसे करोगे इसके अपोजिट अगर आप किसी बनिए को देखोगे तो वो हिसाब का बिल्कुल पक्का होगा इसलिए इनके ऊपर यह कहावत है कि दोस्ती पक्की हिसाब अपना अपना चाहे घर का खर्चा हो या बिजनेस में लगने वाला पैसा या अपने एंप्लॉयज की सैलरी सबका हिसाब बनाकर बिल्कुल बारीकी सी रखते हैं।

और रखे भी क्यों ना हिसाब के बिना छोटे से छोटा बिजनेस भी सक्सेसफुल नहीं हो सकता यहां सीखने वाली बात यह है कि मनी मैनेजमेंट सीखने से पहले आपको मनी मेजरमेंट सीखना होगा ताकि आपको पता चले कि आपका पैसा आखिर कहां जा रहा है अब इसका यह मतलब नहीं है कि आप 0-10 का हिसाब रखो क्योंकि ये बहुत इंप्रैक्टिकल है लेकिन बड़े हिसाब को रखना बहुत जरूरी है।

नंबर टू: इट्स इन द जींस बनिया शब्द संस्कृत के शब्द वाणिज्य से बना है जिसका मतलब है कॉमर्स यानी जिसके नाम में ही ट्रेड और कॉमर्स जैसे शब्द आते हैं भला व बिजनेस कैसे नहीं सीखेंगे यह कहना गलत नहीं होगा कि बिजनेस उनके जींस में ही होता है हमारे घरों में जिस तरह पॉलिटिक्स करंट अफेयर्स और रोज की बातें डिस्कस होती हैं उसी तरह बनियों के घरों में धंधा रोकड़ा बचत जैसे टॉपिक्स पर बात होती है वो डिस्कस करते हैं कि कौन सा बिजनेस चल रहा है मार्केट में किसकी डिमांड है कौन सा रॉ मटेरियल कहां सस्ता मिलता है।

बनिया के बंसज कौन थे baniya ke bansaj kon the

किसने कैसे पैसा बचाया और ज्यादा प्रॉफिट कमाया टैक्स कैसे बचाया जाए यानी बचपन से ही फुल फाइनेंशियल नॉलेज इसलिए बाय बर्थ ही उनके दिमाग में बिजनेस फिट होता है चाहे अंबानी हो या अडानी या मित्तल या गोयल इनकी पिछली जनरेशन भी कहीं ना कहीं बिजनेस में ही इवॉल्व रही है जहां हम मिडिल क्लास लोग स्कूल और कॉलेज की फॉर्मल एजुकेशन लेकर खुद को एक अच्छा एंप्लॉई बनाने की तैयारी करते हैं वहीं बनिए अपने बच्चों को बिजनेस और फाइनेंस सिखा कर नौकरी देने वाला बनाते है।

अब यहां पर सीखने वाली एक बहुत बड़ी बात यह है कि हमें भी अपने घरों में ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां हम बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन दें ताकि उन्हें पैसों की इंपॉर्टेंस पता चल सके लेकिन ज्यादातर घरों में इसका उल्टा ही हो रहा है मां-बाप बच्चों को इतना पैंपर कर रहे हैं कि उन्हें बिना मेहनत के सब कुछ मिल रहा है उन्हें कुछ पता ही नहीं होता कि पैसा क्या है कहां से आता है कैसे कमाया जाता है उन्हें बस इतना पता है कि जो चीजें हमें पसंद है वो हमें मम्मी पापा दिला देंगे। इस तरह वह कभी पैसा बचाना नहीं सीख पाएंगे आज आपसे जिद्द करके ले रहे हैं कल ईएमआई पर लेंगे।

नंबर थ्री: एडवर्सिटी में अपॉर्चुनिटी ढूंढना कोरोना का वो टाइम जब हर कोई परेशान था ऐसे में इंडिया के वॉरेन बूफेट कहलाने वाले राकेश झुंझुनवाला ने विनय दुबे के साथ अकासा एयरलाइंस में 49% शेयर्स खरीद लिए उस समय जब लोग शहर से बाहर जाना तो दूर घर से बाहर भी नहीं निकल रहे थे ऐसे में एयरलाइंस बिजनेस में पैसा लगाना थोड़ा अजीब नहीं है हां है तो लेकिन यही तो है एडवर्सिटी में अपॉर्चुनिटी ढूंढने की कला।

कोरोना के कारण एविएशन इंडस्ट्री की कमर टूट चुकी थी ऐसे में कई एयरलाइंस अपने एयरक्राफ्ट कम कीमतों में बेच रही थी झुनझुन वाला यह जानते थे कि एक ना एक दिन लोग फिर से घरों से बाहर आएंगे घूमेंगे फिरेंगे और तब इंडस्ट्री में एक बार फिर से बूम आएगा और हुआ भी ऐसा ही कोरोना के समय आकासा ने कम दामों पर बहुत सारे एयरक्राफ्ट खरीदे।

Ba

और अपने इनिशियल कॉस्ट को कम कर लिया जैसे ही कोरोना खत्म हुआ अगस्त 2022 में विनय और राकेश झुनझुन वाला ने मिलकर आकासा एयरलाइंस लॉन्च कर दी अपनी पहली उड़ान भरने के एक साल के अंदर ही आकाशा अपने कैंपतीतर स्पाइस जेट और गो एयर को बीट करके $1बिलियन डॉलर्स की वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई।

बनियों की यह क्वालिटी हमें सिखाती है कि एडवर्सिटी लाइफ का एक पार्ट है आप चाहो तो मुश्किल समय में डर कर कंफर्ट को चुन सकते हो या फिर आप लाइफ की स्टेरिंग अपने हाथ में लेकर एडवर्सिटी में भी अपॉर्चुनिटी ढूंढ सकते हो।

नंबर फोर: साथ रहो साथ कमाओ अगर आपके आसपास कोई बनिया रहता है तो आपने नोटिस किया होगा कि बनिए साथ-साथ रहते हैं यानी उनके मामा चाचा मौसा सब या तो आसपास ही रहते होंगे या एटलीस्ट सेम सिटी तो पक्का क्योंकि बनिया हमेशा कम्युनिटी लिविंग में विश्वास करते हैं मेरे अपने शहर में पूरी की पूरी कॉलोनी बनियों की होती है चाहे देश में काम करना हो या विदेश जाना हो सब कुछ ये लोग साथ-साथ करते हैं। 

अगर आप अपने आसपास भी गौर करोगे तो देखोगे कि जब भी एक बनिया एक शहर से दूसरे शहर जाता है और वहां अपना बिजनेस जमाता है तो उसके साथ-साथ धीरे-धीरे उसके कई रिश्तेदार भी उसी तरह के बिजनेस को करने उस शहर में आ जाते हैं ऐसा क्यों क्योंकि बनिए यह मानते हैं कि खुद भी बनिए और दूसरों को भी बनाइए यानी खुद को ग्रो करने के साथ-साथ अपनी कम्युनिटी की भी ग्रोथ में पार्टिसिपेट करिए।

क्योंकि आपकी कम्युनिटी ही आपका नेटवर्क है और नेटवर्क जितना स्ट्रांग होगा आपका नेटवर्थ भी उतना बढ़ेगा और सिर्फ बिजनेस ही नहीं लाइफ के कई उतार-चढ़ाव में आपके अपने आप का साथ देने के लिए आपके साथ खड़े होंगे जहां एक तरफ लोग न्यूक्लियर फैमिली कल्चर की तरफ अट्रैक्ट हो रहे हैं ऐसे में बनिए जॉइंट फैमिलीज में रहना एक साथ बिजनेस करना पसंद करते हैं।

क्योंकि उन्हें पता है कि साथ रहने में कम एफर्ट और ज्यादा प्रॉफिट मिलता है और अलग-अलग होने पर काम ज्यादा हो जाता है और प्रॉफिट भी बढ़ जाता है चाहे आप किसी भी बनिया बिजनेसमैन को देख लो जब भी वह ऊपर उठा है उसने अपनी कम्युनिटी को भी उठाने की कोशिश की है।

जैसे यूं तो अनिल और मुकेश अंबानी में कितने भी डिस्प्यूट हो लेकिन जब अनिल की जेल जाने की नौबत आ गई तो मुकेश ने लगभग 600 करोड़ की मदद करके अनिल अंबानी को जेल जाने से बचाया था इस पॉइंट से नोट टू सेल्फ यह है कि हमें भी हमेशा कम्युनिटी को साथ लेकर चलना चाहिए एक दूसरे की टांग खींचने के बजाय एक दूसरे को ऊपर उठाने में हेल्प करनी चाहिए क्योंकि किसी ने सच ही कहा है कि अगर आपको तेज चलना है तो आप अकेले चलो लेकिन अगर आपको दूर तक जाना है तो साथ चलो।

नंबर फाइव: मार्केट में टिकना है तो मार्केट को समझना जरूरी है राधेश्याम अग्रवाल और राधेश्याम गोयंका स्कूल के पक्के दोस्त दोनों बचपन से ही सिंगल फेज डबल चक्री दिमाग के थे यानी टोटल बनिया बुद्धि कभी होममेड ग्लू बनाकर बेचते कभी साबुन बनाकर बेचते इस तरह बचपन से ही उन्होंने प्रोडक्ट बनाना और बेचना सीख लिया था जब वो बड़े हुए तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए कैपिटल चाहिए ऐसे में गोयंका के डैड ने उन्हें ₹20000 दे दिए और इस तरह जन्म हुआ इमामी कॉस्मेटिक्स का।

राधेश्याम को मार्केट स्टडी से ये तो समझ में आ चुका था कि इंडियन मार्केट में फॉरेन कॉस्मेटिक्स की बहुत डिमांड है लेकिन हाई प्राइस होने के कारण देश के ज्यादातर मिडिल क्लास लोग उसे अफोर्ड नहीं कर पाते थे यानी उन्हें अपनी टारगेट पॉपुलेशन मिल चुकी थी मिडिल क्लास लोग जो इंटरनेशनल प्रोडक्ट यूज करना चाहते थे वह भी सस्ते दामों में तभी उनका दिमाग चला कि सारा खेल तो विजुअल्स का है।

लोकल प्रोडक्ट और इंपोर्टेड प्रोडक्ट में मेजर डिफरेंस था पैकेजिंग का बस फिर क्या था उन्होंने इंडियन प्रोडक्ट में कर दी फॉरेन जैसी पैकेजिंग और कमाल हो गया चाहे फेयर एंड हैंडसम हो डर्मी कूल या वर्सों पुराना बोरो प्लस इमामी के प्रोडक्ट्स ने हर जगह धूम मचा दी वो घर-घर पहुंचने वाला इंडिया का सबसे पहला कॉस्मेटिक ब्रांड बन गया यह कैसे हुआ यह पॉसिबल हुआ क्योंकि राधेश्याम अग्रवाल और घनस्याम गोयंका ने मार्केट को समझा और यही खासियत होती है बनियों की।

कि वो पहले मार्केट को समझते हैं उसके अकॉर्डिंग धंधा चुनते हैं उनका फोकस सस्टेनेबिलिटी कस्टमर सेटिस्फैक्ट्रिली और लो कॉस्ट प्रोडक्शन पर रहता है इसके साथ ही वो अपने कंपीटीटर्स पे भी पूरी नजर रखते हैं और मार्केट में आने वाले सभी चेंजेज के लिए खुद को तैयार रखते हैं इससे आप ये सीख सकते हो कि बिजनेस करने से पहले मार्केट स्टडी और टारगेट कस्टमर को समझना बहुत जरूरी है मार्केट में होने वाली हर छोटी बड़ी चीज डायरेक्टली और इनडायरेक्टली आपके बिजनेस पर असर डाल सकती है। इसलिए एक सक्सेसफुल बिजनेस पर्सन वही है जो मार्केट को अपनी उंगलियों पर रखे

नंबर सिक्स: पैसा बचाया इज इक्वल टू पैसा कमाया अब ये कहावत तो सबने सुनी होगी कि बनिया कंजूस होते हैं लेकिन मैं असल बात बताऊं वो कंजूस नहीं बल्कि पैसों को लेकर समझदार होते हैं अब कंजूस में और पैसों को लेकर समझदार में क्या डिफरेंस है तो देखो मान लो कि आपका कूलर खराब हो गया इलेक्ट्रिशियन ने बोला कि भाई मोटर जल गई अब कंजूस क्या करेगा इलेक्ट्रिशियन को बोलेगा कि मैं मोटर ले आऊंगा तू बस फिट कर दे वो होलसेल मार्केट में जाकर मोटर लेकर आएगा 50 ₹ बचाने के चक्कर में पूरा दिन बिगाड़े और और खुश हो जाएगा।

वहीं बनिया ऐसा नहीं करेंगे वह कभी भी पैसों को टाइम से ज्यादा इंपॉर्टेंस नहीं देंगे वो सोचेंगे कि मैं जाऊंगा सारा दिन वेस्ट करूंगा पेट्रोल लगेगा धंदे का टाइम वेस्ट होगा भाई तू ही लगा दे मोटर तेरा जितना बनेगा ले ले कंजूस सब्जी वाले से राशन वाले से इन सबसे नेगोशिएट करेगा वहीं बनिए ऐसा नहीं करेंगे वो बड़े नेगोशिएशंस में विश्वास रखते हैं जैसे मेरा एक फ्रेंड था एक बार हम सभी दोस्त एक बड़े होटल में खाना खाने गए लगभग 10 12 लोग थे अब वो गया उसने मैनेजर से बोला कि इतने लोग हैं क्या डिस्काउंट दोगे।

मुझे बड़ा एंब्रेशिंग महसूस हुआ लेकिन भाई ने ₹ 700 का डिस्काउंट दिलवाया ऊपर से कंप्लीमेंट्री डेजर्ट भी वो हमेशा बोलता था जहा मौका मिले नेगोसिएट करो लेकिन हम करते क्या है 5–10 रूपए के लिए सब्जी वाले से  नेगोशिएट करेंगे पर बड़ी जगहों पर हमें शर्म आती है इस तरह अपनी नेगोशिएटिंग पावर और पैसों को लेकर समझदारी से डिसीजन लेकर बनिए पैसे बचाते हैं।

चाहे कैसी भी डील हो वो लोएस्ट पॉसिबल प्राइस में सेटल करने की कोशिश करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि पैसा बचाना यानी पैसा कमाना आप जितनी कम प्राइस पर प्रोडक्ट बनाओगे आपका प्रॉफिट मार्जिन उतना ही ज्यादा होगा एक और इंपॉर्टेंट चीज जो बनिये  पैसे को लेकर करते हैं वो है यूज़ ऑफ कंपाउंडिंग दोस्तों फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए कंपाउंडिंग उतनी ही जरूरी है जितना कि आपके खाने में नमक जिस तरह से खाना कितना भी डिलीशियस हो पर नमक के बिना उसमें स्वाद नहीं आएगा उसी तरह से आप लाख कोशिश कर लो कंपाउंडिंग का यूज़ किए बिना आप वेल्थ क्रिएट नहीं कर सकते।

जिस कंपाउंडिंग को कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स लाखों के कोर्सेस के जरिए लोगों को समझाते हैं उसी कंपाउंडिंग का इस्तेमाल बनया कम्युनिटी सालों से करती आई है अगर आप गौर करोगे तो बनिया कभी भी अपने लग्जरीज के लिए बिल्कुल लोन नहीं लेते अगर वो लोन लेंगे तो किसी टैक्स बेनिफिट के लिए यानी वो कंपाउंडिंग का यूज करते हैं अब यहां नोट करने वाली बात यह है कि पैसों को लेकर हमेशा समझदार होना चाहिए जहां पैसे लगाने हैं वहां कंजूसी नहीं जैसे हेल्थ में अच्छे खाने पीने में लेकिन जहां बचा सकते हो वहां बचाकर इन्वेस्ट करना बहुत जरूरी है। 

नंबर सेवन: दूर का सोचो बड़ा सोचो अगर आपकी 40 लाख की लॉटरी लगेगी तो आप क्या करोगे 30 लाख में अपनी ड्रीम कार लेकर शायद 10 लाख कहीं इन्वेस्ट कर दोगे या उससे भी अपना कोई अधूरा सपना पूरा कर लोगे जैसे फॉरेन ट्रिप फ्री के पैसे हैं क्यों ना शौक पूरे किए जाए वहीं बनिया क्या करेगा सबसे पहले वह 20-25 लाख का सोना खरीद लेगा और लॉकर में रख देगा कुछ 10–15 लाख धंधे में इन्वेस्ट करके धंधा बढ़ाएगा।

और बचे हुए एक दो लाख से सोचेगा कि क्या सपना पूरा करना है तो आपको इसमें बेसिक फर्क समझ आया चलिए समझाता हूं हम चाहते हैं कि बस जो है अभी है अभी ही जी लो जबकि बनिया दूर की सोचते हैं ऐसा नहीं है कि बनिया लोग लाइफ नहीं जीते जीते हैं लेकिन वो पहले 1 करोड़ कमाते हैं तब 20 लाख की गाड़ी लेते हैं अगर बात दूर की सोचने की हो और गौतम अडानी का नाम ना आए ऐसा हो सकता है क्या जिन्होंने अपना बिजनेस साड़ी बेचने से शुरू किया और केवल 35 सालों में अरबों का बिजनेस एंपायर खड़ा कर लिया।

डायमंड प्लास्टिक जैसे कई बिजनेसेस में अपना हाथ आजमाने के बाद गौतम अडानी के हाथ फाइनली वो मौका लगा जिसने उनके करियर को सक्सेस की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया वो मौका था मुद्रा पोर्ट दुनिया के सबसे बड़े ट्रेडिंग पोर्ट्स में से एक 260 मिलियन टंस की कैपेसिटी रखने वाले यह मरीन पोर्ट अपने आप में बहुत खास है लेकिन इस पोर्ट के लिए जब अडानी ने जमीन खरीदी तो लोग उन पर हंस रहे थे वो जमीन दरअसल हाई टाइड के समय पानी से भर जाती थी।

वहां पोर्ट बनाना बहुत मुश्किल था लेकिन अडानी की दूर की सोच ने उसे सच कर दिखाया चूंकि वह जमीन पानी से भरी थी इसलिए अडानी को कौड़ियों के भाव में मिल गई उसके बाद अडानी ने वहां रोड रेलवे लाइन और एयरपोर्ट बनाया और देखते ही देखते यह पोर्ट इंडिया के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का सबसे इंपॉर्टेंट पार्ट बन गया इसी तरह लक्ष्मी मित्तल ने घाटे में चल रहे कई स्टील प्लांट्स को अपनी दूर की सोच के कारण ही लिया और सक्सेसफुल बने तो यहां नोट टू सेल्फ यह है कि जो काम आज मुश्किल दिख रहा है उसे छोड़कर अगर आप आज के कंफर्ट को देखोगे तो आप कभी भी कुछ बड़ा नहीं कर पाओगे इसलिए दूर की सोचो बड़ा सोचो। 

सबसे पहले आपको हिसाब का पक्का होना चाहिए आपके घरों में फाइनेंशियल एजुकेशन से रिलेटेड डिस्कशन होने चाहिए कम्युनिटी लिविंग में विश्वास होना चाहिए बिजनेस करने से पहले मार्केट स्टडी जरूरी है पैसों को लेकर समझदार होना चाहिए एडवर्सिटी में डिप्रेस होने के बजाय अपॉर्चुनिटी तलाश नहीं चाहिए और सोच हमेशा दूर की रखनी चाहिए।

धन्यवाद।।।

खुद को इतना बदल दो की दुनिया हयरान हो जाए, सफलता पक्की है । 2024

Please follow and like us:
Exit mobile version