बिहार के डिप्टी cm सुशील मोदी का निधन जानिए उनकी राजनीति और जीवन के बारे में
बिहार के डिप्टी cm सुशील मोदी का निधन जानिए उनकी राजनीति और जीवन के बारे में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है सोमवार यानी 13 मई की शाम यह खबर आई कि सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था वह 72 साल के थे।
और गले के कैंसर से पीड़ित थे अभी अप्रैल के महीने में ही उन्होंने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी थी कि उनको गले का कैंसर है सुशील कुमार मोदी का बिहार और देश की राजनीति में क्या योगदान रहा है उनसे जुड़े जो यादगार किस्से हैं वह उसके बारे में आज हम जानेंगे इस दुख भरी खबर पर बीजेपी के किन-किन नेताओं की तरफ से ट्वीट्स आए हैं
अभी तक तो जो अमित शाह देश के गृह मंत्री उनका एक ट्वीट आया है उन्होंने लिखा है कि हमारे वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के निधन की सूचना से आहत हूं उन्होने लिखा है कि आज बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया
एवीपी से भाजपा तक शुशील जी ने संगठन व सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया उनकी राजनीति गरीबों व पिछड़ों के हितों के लिए समर्पित रही उनके निधन से बिहार की राजनीति में जो शून्यता उभरी है उसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता
दुख की इस घड़ी में पूरी भाजपा उनके शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे
और योगी आदित्यनाथ जो यूपी के सीएम है उन्होंने भी ट्वीट करके लिखा है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य मोदी जी सुशील कुमार मोदी जी का अत्य अत्यंत दुखद है मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि
और भी बिहार के जो डिप्टी सीएम है फिलहाल दोनों विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी दोनों ने ट्वीट किया है इसके अलावा अभी और नेताओं के बयान आ रहे हैं धीरे-धीरे सभी अभी फिलहाल ट्वीट ही कर रहे हैं
क्योंकि देर रात का समय है और एक एक उन्होंने खुद सुशील कुमार मोदी ने जब पिछले महीने ट्वीट किया था उसके बाद ही बहुत लोगों ने लिखा था कि क्योंकि वो खुद बहुत बीमार थे बहुत लोगों ने शुभकामनाएं दी कि जल्दी आप स्वस्थ हो जाएं क्योंकि उन्होंने लिखा था पिछले छ माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं
3 अप्रैल का ये ट्वीट है उन्होंने किया था कि अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा पीएम को सब कुछ बता दिया है देश बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित ये लंबे समय से चल रहा था
बिहार के डिप्टी cm सुशील मोदी का निधन जानिए उनकी राजनीति और जीवन के बारे में
लंबे समय से मतलब वो जब से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहे तभी से वह इनके साथ हमेशा से डिप्टी सीएम रहे और वित्तीय मामलों के जानकार रहे हैं हमेशा से मतलब लोग बोलते हैं कि इनको मतलब केंद्री केंद्र में भी वित्त मंत्री होना चाहिए।
बिहार के वित्तमंत्री बनकर रह गए ये तो इनको मतलब जब जीएसटी की एक एंपावर्ड कमेटी बनी थी 2011 में तो उनको उसका सदस्य बनाया गया था तो वित्तीय मामलो के भी अच्छे खासे जानकार रहे 2005 से 2013 तक जो नीतीश कुमार की जो पहली गवर्नमेंट थी 2013 तक तो उसमें लगातार ये जब तक बिहार में वो सीएम रहे ये डिप्टी सीएम उनके साथ-साथ चलते रहे
और हमेशा से मतलब बिहार में तब तक मतलब बीजेपी का एक बड़ा चेहरा इनको माना जाता था और जब दोबारा जब नीतीश कुमार की फिर से वो सरकार बनी एनडीए की जब भी एनडीए की जब भी सरकार बनी नीतीश कुमार ने फिर से तो उनको ही मतलब डिप्टी सीएम उस टाइम भी बनाया
और उस टाइम भी ये वित्त मंत्री भी फिर से बने थे इनका जो पूरा राजनीतिक सफर रहा है जो बिहार की राजनीति में इनका योग रहा है और जो देश की राज राजनीति में रहा है तो किस तरीके से यह उभरे और इनकी राजनीति किस तरीके की रही तो यही ये जो आप देखिए
बिहार के डिप्टी cm सुशील मोदी का निधन जानिए उनकी राजनीति और जीवन के बारे में
कि बिहार में अभी जो नेता हैं सुशील मोदी हो गए अभी जो उनका निधन हो गया लालू यादव नीतीश कुमार ये लोग सब मतलब जेपी का जो आंदोलन हुआ था 70 के दशक में तो उसी दौर के ये लोग नेता है
छात्र राजनीति से सबकी शुरुआत हुई थी भले अलग-अलग गुटों में रहे ये लोग लेकिन सबकी शुरुआत इसी तरीके से हुई सुशील मोदी भी जैसे इन्होंने अब ये इनका आरएसएस बैकग्राउंड रहा है एवीपी के एबीपी में बहुत सारे पदों पर रहे शुरू से मतलब ये भी एक चेहरा माना जाता है
कि बीजेपी में एक उदार चेहरा बिहार में था हमेशा से इन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया था वनस्पति विज्ञान में जब जब पटना में देखि आप मैं देख भी रहा हूं नेट पे कि जब पटना विश्वविद्यालय के अध्यक्ष लालु प्रसाद और संयुक्त सचिव ये चुने गए थे तभी ये मतलब बहुत एक्टिव थे
ये भी राजनीति में वहां पर 19 बिहार में बीजेपी का बहुत बड़ा चेहरा थे हां आप कह सकते हैं मतलब आज से नहीं मतलब जब 1980 उनसे आप बता सकते हैं कि ये मतलब उनका उभार हो चुका था और ये मतलब उसी माने जाते हैं
कि उस पीढ़ी के नेता है मतलब जिसमें जब आडवाणी और लाल वो पूर्व प्रधानमंत्री जो हमारे अटल बिहारी वाजपेई उस टाइम के मतलब नेता माने जाते हैं कि उन जो पुरानी पीढ़ी के नेता थे उनमें एक बहुत अच्छे माने जाते तो उनका उनका मेंटर को माना जाता है जो भारतीय जनता पार्टी और संघ के
विचारक रहे हैं जो गोविंदाचार्य उनका उनका इनको मेंटर माना जाता है तो बिहार में लंबे समय तक मतलब मतलब एक बोल सकते हैं कि बीजेपी में जो एक अनुशासित नेता के तौर पर इनकी पहचान हमेशा से हुई है और आप दो चीजें इनके बारे में हमेशा कहा जाता है
एक तो बिल्कुल बीजेपी में जो अनुशासित नेता अगर बोलेंगे बिहार में अगर कोई है तो सुशील कुमार मोदी है और और जो अगर बोले कि कोई बहुत जानकार व्यक्ति कौन है
तो आप देखें कि इसके बाद भी अभी जब राज्यसभा सांसद इनको चुना गया था तो संसद में मतलब यह सवाल वगैरह जब भी होता था वित्तीय मामलों पे तो यह सरकार सवाल भी पूछते थे उसी तरीके सरकार से भी ये भी सवाल वगैरह पूछते थे कि जेएसटी हो या फिर जिस तरीके के मुद्दे इस तर वि मामलो के जितने भी मामले हैं
बिहार के डिप्टी cm सुशील मोदी का निधन जानिए उनकी राजनीति और जीवन के बारे में
तो ये सवाल अपना लाते थे सुशील कुमार मोदी की राजनीति से जुड़े ऐसे और भी तमाम किस्से हैं उसी में से एक किस्सा हम अपने साथी दीपक से जानते हैं देखिए सुशील कुमार मोदी के हालाकि एक बहुत लंबा इंटरव्यू हमारे पे हुआ ही भी है और सुशील कुमार मोदी मतलब लोकसभा राज्यसभा ऐसे विरले नेता हैं जिनको दोनों सदनों का अनुभव रहा है
जैसे न 2020 में रामविलास पासवान जी की डेथ के बाद जो सीट खाली होती है उसमें सुशील कुमार मोदी निर्विरोध रूप से चुने गए लोकसभा में 2004 में भागलपुर जीत के गए ही थे हालांकि बाद में 2005 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था 1990 में पटना सेंट्रल असेंबली से दो बार जीते 2000 तक जीतते रहे जैसा
कि विशाख ने बताया कुछ किस्सों के बारे में मैं जानकारी कर रहा था कुछ पत्रकारों से बात कर रहा था तो बताया गया कि सुशील कुमार मोदी अखबार बहुत तसल्ली बख तरीके से पढ़ते थे देश और विदेश के और जो भी अखबार उनके पास आते थे उसमें से जिस खबर पर वो कटिंग पर क्लिक कर लेते थे कि यह पेंसिल से निशान लगा दिया उसको अलग से
बाकायदा क्रमबद्ध तरीके से एक फाइल में उसकी कतरन को रखा जाता था और यह बहुत वेरल हो चला है क्योंकि आजकल तो अखबार ऑनलाइन वगैरह तो एक ही उके बारे में बताया गया दूसरा कि तकनीक से उनकी बड़ी दोस्ती थी 90 के दशक में भी जब वो विधायक थे
तो उनके ऑफिस संभालने वाले लोगों के मैं बाकायदा उस परे टाइपराइटर प हो कर के वो अखबारों के पास पहुंचा करती थी और इनके बारे में बताते हैं कि सुशील कुमार मोदी के एन गोविंदाचार्य जो कि बहुत बड़े संघ के नेता रहे हैं
और कैसे उनकी विदाई हुई पार्टी से एक अलग दिन की बात है बलगारिया से आने के बाद और विजय दशमी शुभ हो लेकिन के एन गोविंदाचार्य इनके बारे में बताते उनका कोर्ट में पढ़ रहा था कि आप कहीं भी अलग से इनको पा सकते थे अपने कार्य में केंद्रित होते हुए धैर्य के साथ रखते हुए और जैसे कि साकेत जी ने बताया अभी कि जब 70 के दशक की पॉलिटिक्स उफान लेती है
जिसमें राम माफ कीजिएगा ये जिसमें में अ लालू यादव लालू यादव आते हैं जिसमें लालू यादव नितीश कुमार आते हैं जिसमें रविशंकर प्रसाद आते हैं मैं नाम मिस कर रहा था क्योंकि रविशंकर जब लालू याद प्रेसिडेंट थे
तो वो वहां पर संगठन उपमंत्री को एक पद पर थे तो उस पूरा एक कद के तौर पर वो 17 की पॉलिटिक्स से निकलते हैं फिर 20 वरस का एक गैप लेते हैं और दो चीजें मैं देख रहा था कि जो मीसा एक्ट था मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट जो इमरजेंसी के टाइम पर जो भी राजनीतिक प्रतिनिधि थे उनको जेल में बंद करने में इस्तेमाल किया जाता था
उसके खिलाफ याचिका इन्होंने ही दायर करी थी और जो सेक्शन नाइन था वो डाउन हुआ था इन्हीं की याचिका के आधार पर और लालू यादव के विरुद्ध एक तरफ चुनावी राजनीति उनको नितीश कुमार ने हराया तो जो लीगल बैटल थे पूरे के पूरे वो सुशील कुमार मोदी ने लड़े थे
सुशील कुमार मोदी से जुड़े कुछ किस्से थे