खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024 अगर मैं आपसे यह कहूं कि हम सभी एक ऐसे जाल में फंसे हुए हैं जहां हमारी पूरी लाइफ को इस दुनिया के सबसे अमीर लोग खुद के हिसाब से चलाते हैं हमें क्या खाना है क्या पीना है क्या पढ़ना है

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024
खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

 

कौन सी जॉब करनी है और कितने पैसे कमाने हैं यह सब कुछ एक तरह से हम सभी एक गुलाम की तरह हैं जिन्हें डायरेक्ट या इनडायरेक्ट दुनिया के सबसे अमीर लोग अपने इशारों पर काम करवाते हैं और जिस भी इंसान ने इस गुलामी से खुद को बाहर निकाल लिया वो भी इन अमीरों की लिस्ट में शामिल हो जाता है और वो भी इस दुनिया पर राज करने लगता है वह भी लोगों पर राज करने लगता है और यही वजह है कि हम लाख कोशिश करने के बाद भी इस चक्र से बाहर नहीं निकल पाते शायद आपको मेरी इस बात पर विश्वास नहीं होगा

लेकिन आज की इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको मेरी इस बात पर विश्वास भी होगा और आपको यह भी समझ आ जाएगा कि आपको इस मैट्रिक्स से बाहर कैसे निकलना है आपको इस चक्रव्यू को कैसे तोड़ना है और अगर आप एक बार इससे बाहर निकल गए तो उसके बाद आपको अमीर बनने से कोई भी नहीं रोक सकता दोस्तों साइकोलॉजी में एक थ्योरी है

जिसका नाम है सोशल इन्फ्लुएंस थ्योरी इस थ्योरी के अंदर बताया गया है कि कैसे आप पूरे समाज को इन्फ्लुएंस कर सकते हो बस आपको किसी एक इंसान को इन्फ्लुएंस करना है और फिर इन्फ्लुएंस की चैन बनती चली जाएगी इंसान रोबोट्स की तरह काम करने लगेगी वैसे माना जाता है कि आने वाले समय में इस दुनिया के सबसे अमीर और पावरफुल लोग ऐसी टेक्नोलॉजी बनाएंगे जहां सिर्फ और सिर्फ उनकी बातें ही मानी जाएगी उनके ऑर्डर्स ही माने जाएंगे सीक्रेट जो कि हमसे छुपाया जा रहा है

टेक्नोलॉजी लाने की कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि हम सभी लोग उन रोबोट्स की तरह ही आज अमीरों के लिए काम कर रहे हैं जी हां आप हो या मैं हम सभी रोबोट ट्रैप का हिस्सा बन चुके हैं अब आप सोचेंगे कि भाई यह क्या बकवास है लेकिन जरा गौर से अपनी लाइफ को देखिए एक रोबोट की तरह आपने अपने सारे डिसीजंस दूसरों की कमांड पे लिए है प्रोफेशन से लेकर एंटरटेनमेंट के ऑप्शंस तक चाहे वो टूरिस्ट डिसीजन हो कि आपको कहां घूमना है

कहां पर जाना है या फिर फूड सिलेक्शन हो कि आपको क्या खाना है कितना खाना है कितनी बजे खाना है आपको लगता है कि यह सब भी फैसले तो आपके हैं लेकिन दोस्तों आप सभी बाकी के 99% लोगों की तरह इन्फ्लुएंस है और मैट्रिक्स में फंसे हुए हैं और उस मैट्रिक्स को चलाने वाले और कोई नहीं बल्कि हम में से ही कुछ लोग हैं जो कि इस ट्रैप से बाहर निकलकर उन अमीरों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं और आज वो सब मिलकर हमें हैंडल करते हैं

तो दोस्तों क्या आप इस मैट्रिक्स से बाहर निकलकर अमीरो की लिस्ट में शामिल होना चाहते हैं अगर हां तो आज की हमारी इस आर्टिकल को बिना स्किप किए पूरा पढ़े क्योंकि इस आर्टिकल का एक-एक वर्डस आपको कुछ ऐसी चीजें सिखा कर जाएगा जो कि आपको पूरी लाइफ काम आएगी एक छोटी सी स्टोरी सुनिए नमन और राघव बचपन से साथ पढ़ते थे लेकिन उनकी लाइफ कभी भी एक जैसी नहीं रही थी

अगर नमन की लाइफ को शुरू से देखा जाए तो व एक होशियार और पढ़ने वाला बच्चा था वही राघव एक ऐसा बच्चा था जो कि बैक बेंचर था हमेशा पीछे बैठता था मस्ती करता था और घूमने फिरने में ज्यादा ध्यान देता था हमेशा केवल पासिंग मार्क्स लाकर ही पास होता था नमन की फैमिली ने हमेशा उसे सिखाया कि भाई पढ़ाई करने से समाज में इज्जत मिलती है अच्छी नौकरी मिलती है

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

अच्छी पोजीशन मिलती है और उनकी बातों से इन्फ्लुएंस होकर नमन ने अपनी पूरी लाइफ में केवल पढ़ाई करी 12th पास करने के बाद नमन आईआईटी करने के लिए कोटा चला जाता है वहां से आने के बाद एक प्राइवेट कॉलेज में बीटेक कर लेता है उसके बाद वह आईआईएम की तैयारी करने लगता है आखिर में जब आईआईएम क्लियर नहीं हुआ तो उसने अपने पास के कॉलेज से एमबीए भी कर लिया उसके बाद उसने कुछ साल यूपीएससी की तैयारी भी करी लेकिन उसमें भी उसका सिलेक्शन नहीं हो पाया और आज के समय में नमन अपने पास के मार्ट में से इंचार्ज था

और महीने के 40 से 50000 हजार कमा रहा था उसके चेहरे पर थकान और आवाज में हमेशा निराशा रहती थी क्योंकि कहीं ना कहीं वह जानता था कि वह बचपन से हमेशा टॉपर रहा है लेकिन उसके बाद भी उसे 40 से 50000 हजार की नौकरी मिली है जिसमें भी उसे दिन भर बहुत ही ज्यादा हार्ड वर्क करना पड़ता है एक दिन अचानक से मार्केट में नमन की मुलाकात राघव से होती है राघव एक लग्जरी कार में घूम रहा होता है तभी नमन उसे पूछता है नमन राघव से कहता है

अरे वाह राघव कांग्रेचुलेशन तूने तो नई कार ले ली और आजकल क्या करता है नेटवर्क मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग या फिर ट्रेडिंग या फिर कोई और प्रोफेशनल डिग्री ले ली राघव बड़ी शांति से जवाब देता है इनमें से कुछ भी नहीं मैं एक ऑथर हूं मुझे शुरू से पढ़ने का शौक तो था लेकिन अकडम पढ़ाई मुझसे कभी भी नहीं होती थी इसलिए मैंने लिखना शुरू कर दिया और आज मार्केट में मेरी लिखी हुई बुक्स लोगों को काफी पसंद आती है

लोग उसे खरीदते हैं और मैं अच्छा पैसा कमाता हूं यह सुनकर नमन हंसते हुए कहता है फेमस होकर चेतन भगत की तरह इस पर राघव जवाब देता है नहीं भाई चेतन भगत की तरह नहीं मुझे खुद को इंटरेस्ट था और मैं अपने खुद के मन से ऑथर बना हूं उसके बाद राघव नमन से पूछता है कि भाई तुमने क्या किया इस पर नमन अपनी पूरी जर्नी बताता है और एंड में बोलता है

कि भाई मैं अपने घर वालों की बात मानकर सोसाइटी की बात मानकर यह सारी चीजें करता रहा और आज मैं एक माठ के अंदर 40 से 50000 हजार की जॉब करता हूं सारा दिन मेहनत करने के बाद भी मुझे उतना पैसा नहीं मिलता जितना मैं काबिल हूं अब इस कहानी से क्या सीखने को मिलता है इस आर्टिकल के आखरी पॉइंट में आपको समझ आ जाएगा दोस्तों हमारा हर एक डिसीजन किसी ना किसी से इन्फ्लुएंस है हमें लगता है कि हमने खुद ने हमारा डिसीजन लिया है लेकिन रियलिटी में ऐसा कुछ भी नहीं है

क्या कभी आपने सोचा है कि हमने [संगीत] के प्रोफेशन में आज हमारे देश में अगर आप किसी भी इंसान को उसके पांच ड्रीम प्रोफेशन लिखने को बोलेंगे तो वह लिखेगा इंजीनियर डॉक्टर टीचर पुलिसमैन या फिर गवर्नमेंट ऑफिसर और यह सभी ऐसे प्रोफेशन है जिनमें जाने वाला इंसान कभी भी इंडिया के टॉप 1% अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल नहीं हो सकता और ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सभी प्रोफेशन में इनकम की एक लिमिट है

लेकिन दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि 1947 से जब हम सभी लोग खेती करते थे तब से लेकर अब तक हम सभी इन प्रोफेशन तक कैसे पहुंचे इसे समझने के लिए अपनी आंख बंद करिए और किसी भी बॉलीवुड मूवी को इमेजिन कीजिए या फिर किसी भी टीवी शो को इमेजिन कीजिए हर जगह हमें इन्हीं प्रोफेशन के इर्दगिर्द घुमाया जाता है रिश्तेदारों परिवार वालों सभी के द्वारा डायरेक्ट या इनडायरेक्ट हमें बार-बार समझाया जाता है

कि केवल डॉक्टर इंजीनियर गवर्नमेंट जॉब में ही इज्जत मिलेगी खुद का काम करने में रिस्क है और अगर फेल हुए तो पूरा समाज तुम पर हंसेगा और यही वजह है कि हम जैसे आम लोग कभी भी यूनिक और बड़े सपने नहीं देख पाते अब अपने फ्रेंड सर्कल के बारे में सोचिए क्या उस सर्कल में कोई भी एक ऐसा इंसान है जो एक्टर बनना चाहता है नहीं होगा और यही वजह है कि एक्टर्स के बच्चे ही एक्टर्स बनते हैं आप अगर कनेक्शन देख पा रहे हैं तो आपको समझ आ रहा होगा कि किस तरह से हमें इन्फ्लुएंस किया जाता है

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

सिनेमा हमारी सोसाइटी का सबसे बड़ा इन्फ्लुएंस है और उसके बाद नंबर आता है सोशल मीडिया का जिसने हमें पूरी तरह से पागल बना कर रखा है अब आप बोलोगे कि भाई सोशल मीडिया से क्या प्रॉब्लम है सोशल मीडिया से हम लोगों को देखते हैं उनसे सीखते हैं लेकिन दोस्तों दिक्कत है एक्सपेक्टशंस की क्योंकि हम सोचते हैं कि जैसे हमें सोशल मीडिया पर बड़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है हम उतना ही पैसा इन सब चीजों से कमा लेंगे या फिर हम जिन्हें फॉलो करते हैं वह इतना ही पैसा कमाते हैं ऐसी लग्जरी लाइफ जीते हैं

लेकिन देखा जाए तो इसमें कभी भी सच्चाई नहीं होती लोग हमें पागल बनाते हैं और हम आंख बंद करके उनकी बातों पर विश्वास कर लेते हैं बड़े-बड़े यूट्यूब की लेविस लाइफस्टाइल देखकर हम भी उनकी तरह बनने की कोशिश करते हैं और ऐसा कोई भी इंसान जो कि अपने डिसीजन खुद नहीं ले रहा वे अपनी पूरी लाइफ इस रेट रेस से बाहर नहीं निकल पाएगा इस मैट्रिक्स से बाहर नहीं निकल पाएगा अब सवाल यह उठता है

कि आखिर इससे बाहर कैसे निकला जाए लुक हु इनफ्लुएंस यू सबसे पहले आप जहां भी है अपनी लाइफ में एक दिन निकालिए जिसमें आप खुद के साथ बैठे हो आपने अपनी लाइफ में अब तक बहुत सारे गलत डिसीजन और सही डिसीजन लिए हैं जिनके बाद ही आप यहां तक पहुंचे हैं कई बार आपका मन किया होगा कि इस लाइफस्टाइल को छोड़कर इस प्रोफेशन को छोड़कर कुछ ऐसा किया जाए जो कि सच में आप करना चाहते हैं

लेकिन फिर किसी यूटर की मोटिवेशन या फिर किसी रिश्तेदार की बातों ने आपको रोक लिया होगा इसलिए सबसे पहले आप अपनी लाइफ का एक पूरा दिन निकालिए और उसे खुद को दीजिए बिना किसी सोशल मीडिया का यूज किए बिना किसी ई स्पेस मेथड को अपनाए सब कुछ एक दिन के लिए पूरी तरह से बंद कर देना है आप यह सोचिए कि आपने कौन-कौन से डिसीजन अब तक दूसरों से प्रभावित होकर लिए हैं

कहां-कहां आप मैट्रिक्स की वजह से इन्फ्लुएंस हुए थे 10th क्लास के बाद कॉमर्स को छोड़कर साइंस लेना हो या फिर अपने यूक सपने को छोड़कर एमबीए की तैयारी करना हो या फिर इन दोनों कामों को साथ में करते हुए किसी और प्रोफेशन की ओर जा ने की कोशिश करना हो जब आप एनालाइज करने बैठेंगे तो आप पाएंगे कि आपकी पूरी लाइफ में अब तक आपका कुछ भी नहीं है

youtube2 वेशन स्पीकर से लेकर दूर के रिश्तेदार तक सबके कई डिसीजंस आपको मिल जाएंगे लेकिन आपका खुद का डिसीजन एक भी नहीं होगा जो कि आपने अपने पोटेंशियल के आधार पर लिया हो अब सबसे पहले खुद को आपको इस मैट्रिक्स से बाहर निकालना होगा ऐसा करने के लिए आपको रॉकेट साइंस का इस्तेमाल नहीं करना ऐसा करने के लिए कुछ स्टेप्स है

सबसे पहले तो इस भीड़ का हिस्सा बनना बंद करिए अपने दिमाग का यूज कर करिए और अपने दिमाग से ही फैसला लीजिए जो कि आप वास्तव में करना चाहते हैं अगर फंडामेंटली आपका डिसीजन सही निकला तो आपको सक्सेस मिलेगी या फिर लर्निंग जो कि आपको पूरी जिंदगी काम आएगी आपका खुद का लिया हुआ डिसीजन कभी भी पूरी तरह से बेकार नहीं जाएगा दूसरा स्टेप होगा मैनिपुलेटिव मैट्रिक्स का हिस्सा होना बंद करिए यह तब हो सकता है

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जब आप खुद को जानने लगोगे कि आप क्या कर सकते हो आपका पोटेंशियल क्या है आप क्या बन सकते हो क्योंकि जब तक आप खुद को नहीं जानते तब तक ही आप इस मैट्रिक्स का हिस्सा बनते हैं इस रेड रेस का हिस्सा बनते हैं लोगों को देखकर इन्फ्लुएंस होते हैं वो कैसे आइए जानते हैं हमारे आखिरी पॉइंट में हम इस मैट्रिक्स का हिस्सा क्यों बनते हैं

इसका जवाब आपको मिलेगा नमन और राघव की कहानी में नमन एक तरफ कोठ में आईआईटी बीटेक और आईआईएम से लेकर एमबीए तक उसके बाद सेल्समैन की जॉब अपनी पूरी लाइफ भागता हुआ नजर आया है वही दूसरी तरफ अगर हम राघव की बात करें तो उसे लाइफ की शुरुआत में ही पता था कि वह एकेडमिक पढ़ाई के लिए नहीं बना है उसे उसमें कोई भी इंटरेस्ट नहीं इसलिए उसने शुरुआत से ही अपने प्रोफेशन को अपना 100% दिया अब राघव एक ऐसा इंसान था

जो कि अगर अपने प्रोफेशन में फेल भी हो जाता तो वह बैठकर एनालाइज करता और उसके बाद दूसरा प्रोफेशन चूज कर लेता नमन के साथ दिक्कत यह हुई कि उसने अपनी पूरी लाइफ अपने खराब डिसीजंस को सही साबित करने के लिए एक के बाद एक कोर्स करने लगा एक के बाद एक डिग्री लेने लगा जिन्होंने उसका काम और भी ज्यादा खराब कर दिया और उसकी लाइफ बिगड़ती चली गई और इतना टैलेंटेड होने के बावजूद उसे एक मॉल में नौकरी करनी पड़ी और यह सब कुछ हुआ है

साइकोलॉजी के स्केप कांसेप्ट की वजह से से नमन स्केप करना चाहता था वह चाहता था कि बस वह भागता रहे और उसे मंजिल मिल जाएगी जब हम सारा दिन बैठकर सोशल मीडिया पर स्क्रोलिंग करते हैं तब एक तरह से हम भाग रहे होते हैं हम बार-बार देख रहे होते हैं कि हमें कहां जाना है क्या खरीदना है क्या खाना है इसलिए स्केप करना बंद कीजिए और खुद के साथ बैठिए धीरे-धीरे आप देखेंगे कि कैसे सेल्फ रियलाइफ की मदद से आप इस मैट्रिक्स को छोड़कर हमेशा के लिए आगे बढ़ चुके हैं

और जिस दिन आपने खुद के डिसीजन खुद से लेना शुरू कर दिए उस दिन आपको इस दुनिया के अमीरों की लिस्ट में शामिल होने से कोई भी नहीं रोक सकता तो दोस्तों क्या अब भी आप अपनी लाइफ के सारे डिसीजन किसी और से इन्फ्लुएंस होकर लेने वाले हैं या फिर अपने टैलेंट अपने पोटेंशियल के हिसाबहिसाब से लेने वाले हैं । धन्यवाद

खाली जेब भरनी हैं तो अमीरों वाली सोच लाओ, एक बार जरूर पढ़ें, जिंदगी बदल जाएगी। 2024

https://youtu.be/xjA3dgguRhQ?si=h3o3JTPw65CpKVXw

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