कौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य
कौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य नमस्कार दोस्तों 21 अगस्त 1911 फ्रांस की राजधानी पेरिस में मंडे मॉर्निंग का समय था काफी चहल पहल थी लोग अपने ऑफिस में काम पर जा रहे थे कि तभी अचानक से louvre म्यूजियम से तीन आदमी बाहर निकलते हैं
इन तीनों ने पिछली रात म्यूजियम के अंदर ही काटी थी और अब इनके हाथ में थी अब Louvre म्यूजियम की एक अहम संपत्ति इनके पास थी जिसको एक कंबल में छुपाकर ये लोग भाग रहे थे ये पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर सुबह की 7:45 बजे की ट्रेन पकड़ते हैं और गायब हो जाते हैं
पूरी दुनिया इस बात से अनजान थी कि इन्होंने अभी-अभी एक पेंटिंग की चोरी करी है और यह कोई छोटी-मोटी पेंटिंग नहीं है यह दुनिया की सबसे फेमस पेंटिंग है द मोना लिसा आज के दिन इस एक पेंटिंग की वैल्यू वन बिलियन डॉलर्स के करीब है
आखिर क्या कारण है इसके पीछे क्या राज छुपे हैं इस मोना लिसा के अंदर क्यों है यह दुनिया की सबसे फेमस पेंटिंग आइए समझते हैं
मिस मोना लिसा की पेंटिंग को बनाया गया था साल 1503 में एक इटालियन आर्टिस्ट लियोनार्डो द विंची के द्वारा और यह भाई साहब क्या कमाल के आदमी थे आप यकीन नहीं करोगे क्योंकि ये सिर्फ एक पेंटर नहीं बल्कि एक इंजीनियर साइंटिस्ट स्कल्पचर आर्किटेक्ट और थ्यूरिस्ट भी थे
इन्हें इतने सारे अलग-अलग सब्जेक्ट्स की नॉलेज थी चाहे वह पेंटिंग हो कार्टोग्राफी हो एस्ट्रोनॉमी हो एनाटॉमी हो बोटेनी हो हाइड्रोलॉजी हो जियोलॉजी हो ऑप्टिक्स हो या फिर पेलिन टोल जी भी क्यों ना हो
तो इनकी बात ज्यादा ना करते हुए मोना लीसा पर आते हैं जो कि इनके द्वारा बनाई गई सबसे फेमस पेंटिंग थी लेकिन ये पेंटिंग थी किसकी पेंटिंग में दर्शाई गई औरत की आइडेंटिटी को लेकर लोग हमें हमेशा से ही क्यूरियस रहे हैं इसको लेकर सबसे पहला खुलासा किया गया था
कौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य
जर्ज वसारी नाम के एक इटालियन आर्टिस्ट के द्वारा जिन्होंने साल 1550 में लियोनार्डो दविंची की आत्मकथा लिखी थी वसारी के अनुसार ये औरत थी लीजा गिरार्दिन इनकी शादी फ्लोरेंस शहर में रहने वाले एक सिल्क ट्रेडर के साथ हुई थी
फ्रांसिस्को गयो कोंडो उनका कहना था कि फ्रांसिस्को ने पेंटिंग अपनी बीवी के लिए कमीशन करवाई थी और यहीं से ही इस पेंटिंग के दो नाम निकलते हैं पहला नाम जो हम सब जानते हैं मोना लीसा ये आता है मडोना लीसा से ट्रेडिशनल इटालियन भाषा में मैडम शब्द के लिए मडोना शब्द इस्तेमाल किया जाता है
तो मडोना लीसा का मतलब हुआ मैडम लीसा और मेडोना का यहां शॉर्ट फॉर्म बना दिया गया मोना मोना विद अ डबल एन और इसी चीज को इंग्लिश में लिखते हुए एक एन ड्रॉप कर दिया गया और यह मोना बन गया सिर्फ मोना तो मोना लीसा का आज के दिन भी मतलब है मैडम लीज या लेडी लीज
और फिर आता है मोना लीसा का दूसरा नाम जो कि है ला जोकोंडा अपनी शादी के बाद लीजा गेरार्डी बन गई थी लीजा जोकोंडो और एक इंटरेस्टिंग चीज यहां पर इटालियन में जोकोंडो का मतलब लाइट हार्टेड या हसमुख भी होता है
मतलब हसमुख और आज के दिन मोना लिसा अपनी मुस्कान के लिए भी काफी मशहूर है
अब दिलचस्प बात यह है कि साल 1550 में ये खुलासा होने के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं थे कि वसारी ने जो बताया वो सही था कई थ्योरी सामने आने लगी कि एक्चुअली में औरत कोई और है कुछ लोगों ने कहा कि ये लियोनार्डो दविंची की मम्मी थी
कुछ नेकौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य
कहा कि ये इटालियन एरिस्टोटल की कोई रानी है जोरदार थ्योरी तो यह आई कि इस पेंटिंग में दबिंची खुद को दर्शाया है ये पेंटिंग किसी औरत की नहीं है बल्कि ये पेंटिंग दावेंच की खुद की पेंटिंग है और उन्होंने इमेजिन किया है कि वो खुद कैसे दिखते अगर वो एक औरत होते
तो इस थ्योरी को आर्टिस्ट लिलियन श्वार्ट्ज ने साल 1987 में एक आर्टिकल में बढ़ावा दिया उन्होंने डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करके सिमिलरिटीज दिखाने की कोशिश करी लियोनार्डो दविंची की खुद की शक्ल में और मोना लीसा की शक्ल में वैसे देखो इस लॉजिक से तो किन्हीं भी दो चेहरों को एक के ऊपर एक रखकर उनमें सिमिलरिटीज दिखाई जा सकती है
लेकिन आज हम काफी विश्वास से कह सकते है फोटो में जो औरत दिखाई गई है वह लीज जकोंडो ही है फ्लोरेंस में रहने वाले एक प्रोफेसर ने 25 साल तक इस चीज पर रिसर्च करी थी और आर्काइव्स ढूंढ के निकाले और साल 2004 में उनको इस चीज का क्लियर एविडेंस मिला
इस बात को साबित करने के लिए इन्होंने यह भी पाया कि दविंची के परिवार का एक काफी करीबी रिश्ता था फ्रांसिस्को जोकोंडो के परिवार से साथ ही साथ इन्हें इसका भी रिकॉर्ड मिला कि लीजा की शादी 5थ मार्च 1495 में रजिस्टर हुई थी जब लीजा की उम्र 16 साल थी
कौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य
और फ्रांसिस्को की खुद की उम्र करीब 30 साल थी इन्होंने यह पाया कि लियोनार्डो दविंची के पिता और लीजा के हस्बैंड एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते थे और ऐसा हो सकता है कि इस पेंटिंग को कमीशन कराने का काम लीजा के हस्बैंड के द्वारा नहीं बल्कि लियोनार्डो के पिता के द्वारा किया गया
पंटी का कहना है कि जब मोना लीसा की ये पेंटिंग बनाई गई थी तब लीसा की उम्र 24 साल थी और इस पेंटिंग को बनाने के पीछे दो कारण बताए जाते हैं पहला साल 1503 में जब फ्रांसिस्को और लीजा ने अपना खुद का घर खरीदा
या फिर दूसरा दिसंबर 1502 में जब उनका दूसरा बेटा पैदा हुआ ये दूसरा रीजन ज्यादा प्रोबेबल लगता है क्योंकि इससे 3 साल पहले 1499 में लीजा ने अपनी बेटी को खोया था अब इस पेंटिंग को गौर से देखोगे तो आपको दिखेगा कि लीजा के बालों में एक पर्दा सा चढ़ा हुआ है
इसे कई लोग मॉर्निंग वेल करके पुकारते हैं यानी कि एक ऐसा पर्दा जो तब चढ़ाया जाता है जब परिवार में किसी की डेथ हो गई हो अब एक सवाल यहां पर यह भी उठता है कि अगर दविंची इटालियन थे मोनालीसा इटालियन थी तो ये पेंटिंग आज फ्रांस में क्या कर रही है इसको लेकर बात कुछ ऐसी है
कि साल 1516 में फ्रांस के राजा फ्रांसिस वन लियोनार्डो दविंची को इनवाइट करते हैं कि वह फ्रांस में आकर रहने लगे और इसी के चलते दविंची इटली से फ्रांस शिफ्ट हो जाते हैं और और अपने साथ मोना लीसा की पेंटिंग भी लेकर जाते हैं हिस्टोरिकल रिकॉर्ड्स इस चीज पर क्लियर नहीं है
लेकिन कहा जाता है कि विंची ने अभी तक भी इस पेंटिंग को कंप्लीट नहीं किया था पेंटिंग शुरू करने के 15 साल बाद भी वो इस पेंटिंग पर अभी भी काम किए जा रहे थे इसे और मॉडिफाई करके और अच्छा बनाने की कोशिश कर रहे थे
इसी बीच साल 1519 में राजा के महल में रहते हुए लियोनार्डो दा विंसी का देहांत भी हो जाता है और यह पेंटिंग राजा अपनी रॉयल कलेक्शन के लिए रख लेते हैं अपने पास इसके करीब 150 साल बाद जाकर साल 1797 में जब फ्रेंच रेवोल्यूशन होती है तो इस पेंटिंग को राजा के महल से बाहर निकालकर Louvre म्यूजियम में रख दिया जाता है
कौन थी मोनालिसा क्या है उसके पेंटिंग के पीछे का रहस्य
अब इंटरेस्टिंग चीज यह है कि इसी कारण की वजह से मोना लीसा चुराई जाती है साल 1911 में जिसकी बात मैंने शुरू में करी थी इस चोरी के मास्टर माइंड थे विंसेंस पेरूगिया जिन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर यह पेंटिंग चुराई थी और ये एक इटालियन नेशनलिस्ट थे इनका मानना था
कि ये पेंटिंग इटली के पास होनी चाहिए फ्रांस के पास नहीं इसलिए इसे चुराकर इटली में लेकर जाते हैं अब इतनी फेमस पेंटिंग को चुराना बड़ा रिस्क का काम है स्पेशली जब इस पेंटिंग की कीमत मिलियंस ऑफ डॉलर्स में हो तो जाहिर सी बात है
विंचेज इस चोरी के बाद बिल्कुल भी सेफ फील नहीं कर रहा होगा हैं लेकिन इससे पहले इस पेंटिंग की खासियत जानते हैं आखिर क्यों ये इतनी स्पेशल है सबसे पहली चीज तो यह है कि मोना लीसा को किसी पेपर पर कैनवस पर या कपड़े पर नहीं बनाया गया बल्कि इसे पेंट किया गया है
एक पोपल की लकड़ी पर उस जमाने में ये इटालियन पेंटर्स की फेवरेट लकड़ी हुआ करती थी दूसरी चीज यह पेंटिंग साइज में कोई ज्यादा बड़ी पेंटिंग नहीं है इंशानों के कंपैरिजन में इसका साइज सिर्फ 77 सेमी बा 53 सेमी की पेंटिंग है
लेकिन फिर भी इसे इतना खास माना जाता है क्योंकि इटली में अपने जमाने में ये सबसे पहली ऐसी पेंटिंग थी जो एक इंसान पे इतने क्लोजल फोकस कर रही हो ये एक हाफ लेंथ पोर्ट्रेट है आज के दिन इस तरीके के शॉर्ट्स फोटोग्राफी में बड़े कॉमन होते हैं
लेकिन उस टाइम कोई इस तरीके की पेंटिंग्स नहीं बनाता था ओवरऑल इस पेंटिंग की कलर ग्रेडिंग देखोगे तो काफी सारे ब्राउन और येलो कलर के शेड्स दिखेंगे काफी डल सी पेंटिंग लगती है ये इतनी लोइश है कि एक टाइम पर एक प्रोफेसर ने तो लीजा को एक कोलेस्ट्रॉल का पेशेंट डिक्लेयर कर दिया था
लेकिन इसके पीछे दो कारण है पहला यह कि इस पेंटिंग के ऊपर एक वार्निश की लेयर लगाई गई है ताकि मॉइश्चर इस पेंटिंग पर एक बुरा असर ना डाले क्योंकि आखिरकार ये लकड़ी पर बनाई गई पेंटिंग है तो ह्यूमिडिटी और मॉइश्चर से इसे बचाना काफी जरूरी है
और दूसरा यह कि ओवर टाइम इसमें ब्लीचिंग देखने को मिली है ओरिजनली जब यह पेंटिंग बनी थी तो और ज्यादा ब्राइट और कलरफुल हुआ करती थी कुछ लोगों ने इसे रीक्रिएट करने की कोशिश करी कि ओरिजनली ये पेंटिंग कैसी दिखती होगी
दविंची ने इस पेंटिंग में एक बड़े ही खास पेंटिंग स्टाइल का इस्तेमाल किया है जिसे स्फू माटो कहा जाता है द टेक्नीक ऑफ ब्लेंडिंग जो बैकग्राउंड देख रहे हो आप इस पेंटिंग में एक लैंडस्केप दिख रहा है इटली की आर्नो वैली है वो उस बैकग्राउंड में और मोना लिसा में कोई क्लियर बाउंड्रीज नहीं है
आउटलाइंस बनाई गई कुछ जगहों पे मोना लिसा के बाल लैंडस्केप में झलक रहे हैं आउटलाइंस को ब्लर करना और कलर्स की ब्लेंडिंग करना यही स्माटो की टेक्नीक है और यही राज है मोना लीसा की मिस्टीरियस स्माइल के पीछे
ध्यान से देखिए मोना लीसा की मुस्कान को जितना आप इस मुस्कान की तरफ देखेंगे उतना ही यह चेहरा ज्यादा सीरियस दिखने लगेगा आपको लेकिन अब मोनालिसा की आंखों में देखिए अचानक से आप देखेंगे कि कैसे लीजा ज्यादा मुस्कुरा रही है
अब पेंटिंग के आप किसी भी और हिस्से में देखेंगे चाहे वो बैकग्राउंड हो या फिर ना लीसा का फोरहेड हो या आंखें हो आपको इफेक्ट दिखाई देगा लीजा का चेहरा ज्यादा मुस्कुराने लग जाता है जब आप मुस्कान पर फोकस नहीं करते हैं
इसी मुस्कान को बनाने के लिए दविंची ने सबसे ज्यादा समय लगाया था उन्होंने कई रातें फ्लोरेंस के एक हॉस्पिटल में भी बिताई जहां पर व डेड बॉडीज की जाकर खाल उतारा करते थे वो स्टडी करना चाहते थे कि चेहरे के अंदर जो मसल्स और नर्व्स हैं कैसे उनसे स्माइल आती है