क्यों जाना पड़ा केजरीवाल को जेल? क्या है पूरा केस?

क्यों जाना पड़ा केजरीवाल को जेल? क्या है पूरा केस

Kejariwal Full Case study
Kejariwal Full Case study

क्यों जाना पड़ा केजरीवाल को जेल? क्या है पूरा केस तो आपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से सुना होगा कि शराब ऐसी चीज है इसमें लोगों के घर पैसे रिश्ते नाते सब चले जाते हैं

लेकिन इस बार इस शराब ने कुछ ऐसा काम किया है कि देश की राजधानी के सीएम और उनके नेता सब के सब को मुसीबत में लाके खड़ा कर दिया

देखिए दिल्ली का जो ये लिकर केस है ये जब भी इसके बारे में पता चलता है तो सबसे पहला क्वेश्चन यही आता है कि इसमें सही कौन है तो देखिए इस चीज का फैसला तो हमारे  कोर्ट करेंगे लेकिन ये पूरा केस एक्चुअली में है क्या

दिल्ली की न्यू लिकर पॉलिसी गोवा के इलेक्शन और साउथ ग्रुप के कनेक्शन से दिल्ली के अंदर नेता क्यों पकड़े जा रहे हैं और सबसे बड़ी चीज ये ईडी सीबीआई ने कोर्ट के अंदर प्रूफ क्या रखे हैं ये सारी एक्चुअल डिटेल्स जो है मैं आपके सामने एज इट इज रखूंगा ताकि आपको अपना ओपिनियन बनाने में आसानी हो

कोर्ट के अंदर ईडी और सीबीआई ने टोटल आठ चार शीट लगाई थी और एफआईआर और ईसीआईआर को भी अगर आप मिला ले तो टोटल 10 डॉक्यूमेंट हम बोल सकते हैं और ये 10 के 10 डॉक्यूमेंट मैंने खुद पढ़े हैं

ताकि एक्चुअल फैक्ट्स क्या है वो आपके सामने रख सकूं हवाला के किस अकाउंट से पैसा गया किसने किया और कब किया चैट्स में क्या था होटल की जो फुटेज थी ये सारी डिटेल्स जो ईडी और सीबीआई ने कोर्ट के अंदर रखी है वो मैं आपके सामने रखूंगा कोई भी चीज मैं अपनी तरफ से नहीं रखूंगा

देखिए एक स्टेट गवर्नमेंट जो होती है उसको अपनी स्टेट चलाने के लिए पैसों की जरूरत होती है और स्टेट जो होती है वो पैसा टैक्स के रेवेन्यू से कमाती है और फिर इसी टैक्स के पैसे को गवर्नमेंट यूज करती है सरकार चलाने और गरीबों के वेलफेयर के लिए और ये जो स्टेट का टैक्स रेवेन्यू होता है

इसका बहुत बड़ा हिस्सा शराब की सेल से आता है और दिल्ली के केस में अल्कोहल का जो रेवेन्यू है वो और ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाता है क्योंकि दिल्ली एक ऐसी जगह है जहां फॉरेन विजिटर्स बहुत ज्यादा आते हैं फॉरेन विजिटर्स के मामले में दिल्ली वर्ल्ड के 20 एथ नंबर और इंडिया में नंबर वन पे आता है

इसी वजह से दिल्ली गवर्नमेंट के रेवेन्यू में शराब जो है वो बहुत मेजर रोल प्ले करती है तो देखिए होता क्या है कि चार सितम्बर 2020 का दिन था और इस टाइम पे दिल्ली के अंदर पुरानी लिकर पॉलिसी चल रही थी और इस पुरानी लिकर पॉलिसी में यह था कि पूरे दिल्ली के अंदर 864 शराब की शॉप्स होती थी

जिसमें से 475 जो थे वो गवर्नमेंट शॉप्स होती थी और 389 प्राइवेट शॉप्स होती थी लेकिन अब ये जो दिल्ली के अंदर पुरानी लिकर पॉलिसी चल रही थी इसके अंदर कुछ प्रॉब्लम्स थी जिसकी वजह से दिल्ली की गवर्नमेंट को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा था

तो अब इसमें क्वेश्चन ये है कि इस पुरानी लिकर पॉलिसी में चैलेंज था क्या तो देखिए इंडिया के अंदर जो शराब होती है उसके ऊपर वेट लगता है जीएसटी नहीं लगता है और सेम चीज दिल्ली में भी होती है तो पुरानी लिकर पॉलिसी जो थी उसमें ये था कि अगर एक बॉटल शराब की बिकती है

तो इस पे दिल्ली गवर्नमेंट 25% वेट लेती है मतलब कि ₹ 100 की अगर बोतल बिकी है तो उसमें से ₹25 सरकार को मिलेगा लेकिन इसमें प्रोब्लम ये था

की अगर कोई दुकानदार 1000  बोतल बेच रहा है तो उसने सरकार को  400 बोतल की ही  सेल्स दिखाई और बाकी  गवर्नमेंट को दिखाई ही नहीं तो इससे गवर्नमेंट की जो कमाई होती थी उसका घाटा हो जाता था

दूसरी चीज ये थी कि ये जो बार क्लब्स ये लिकर लाइसेंस के अंदर भी बहुत माफिया आ गए थे मिडिल मैन बहुत गुस गए थे जो बहुत ज्यादा पैसा बनाते थे और तीसरी चीज दिल्ली के जो बॉर्डर स्टेट्स थे जैसे गुड़गांव वगैरह यहां की लिकर पॉलिसी में ड्राई डेज कम थे

और वहां सस्ती भी मिलती थी तो लोग गुड़गांव में शराब लेने चले जाते थे इन्होंने बॉर्डर पे पुलिस वगैरह रखी लेकिन इस चीज को वो रोक नहीं पा रहे थे तो दिल्ली की गवर्नमेंट यही कहती है कि दिल्ली के अंदर ये जो लिकर बिजनेस है इसके अंदर ये जो लिकर माफिया वगैरह घुस गए हैं

और इससे नुकसान जो हो रहा है इसको हम जड़ से मिटा देंगे और ये जो रेवेन्यू दिल्ली का गुड़गांव और बाकी स्टेट्स में जा रहा है उसको भी वापस हम दिल्ली में लेके आएंगे तो ये सारी बातें बहुत टाइम से चल रही थी

इसके बाद क्या होता है 4 सितंबर 2020 को केजरीवाल गवर्नमेंट एक एक्सपर्ट कमेटी बनाती है जिसको एक्साइज कमिश्नर ऑफ दिल्ली कृष्णा हेड कर रहे थे और केजरीवाल सरकार इस कमेटी को बोलती है कि अब बहुत हो चुका है

दिल्ली के अंदर ये जो लिकर पॉलिसी को लेके चैलेंज हैं इसको सुधारने के लिए आप एक रिपोर्ट तैयार करके लाओ जिससे ये सारी चीजें सही हो सके और जैसे ही ये चीज बोली जाती है एक्सपर्ट कमेटी अपने काम में लग जाती है और करीब एक महीने का टाइम लेती है

और उसके बाद 13 अक्टूबर 2020 को एक रिपोर्ट प्रेजेंट करती है और फिर 5 फरवरी 2021 को दिल्ली गवर्नमेंट दिल्ली कैबिनेट के अंदर इस न्यू पॉलिसी को सारी चीजें सही करके एक रिपोर्ट बना के पेश करती है

और इस रिपोर्ट को लेके बहुत सारी चीजें बोली गई कि गेम चेंजर है मास्टर स्ट्रोक है उस समय पता नहीं था कि इसकी वजह से सारे के सारे जेल में जाएंगे अब इसके बाद दिल्ली के जो डेप्युटी सीएम थे यानी कि मनीष सिसोदिया जी ये एक्साइज डिपार्टमेंट देखते थे

और सिर्फ एक्साइज डिपार्टमेंट ही नहीं 33 पोर्टफोलियो में से 18 इन्हीं के पास थे केजरीवाल गवर्नमेंट में ये बहुत ही पावरफुल थे और सीएम केजरीवाल जो थे वो इन पर बहुत भरोसा करते थे थे इसीलिए बाकी एमएलए को छोड़ के एक अकेले आदमी को 18 पोर्टफोलियो दे रखे थे

तो ये जो न्यू पॉलिसी थी इसके भी करता धर्ता मनीष सिसोदिया जी थे तो इसके बाद क्या होता है मनीष सिसोदिया जी के साथ दो लोग और ऐड किए जाते हैं एक रेवेन्यू मिनिस्टर कैलाश गहलोत और हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन इनको भी ऐड किया जाता

और इस टीम को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के नाम से सब लोग बोलते थे और यही लोग डिसाइड करते थे कि आगे इस पॉलिसी को कैसे एग्जीक्यूट करना है तो ये जो न्यू पॉलिसी को लेकर रिपोर्ट वगैरह बनी थी

इन तीनों मिनिस्टर्स के पास पहुंचती है ये लोग रिव्यू करते हैं देखते हैं कोई चेंजेज की जरूरत वगैरह तो नहीं है और इसके बाद ये तीनों मिनिस्टर 22 मार्च 2021 को इस पॉलिसी को एक्सेप्ट कर लेते हैं कि ये बहुत बड़ी गेम चेंजर है अब दिल्ली जो है यह यूटी (यूनियन टेरीटरी) है तो इनके अप्रूवल के साथ-साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर जो होंगे उनको भी अप्रूव करना होगा

सिर्फ इनके अप्रूवल से कुछ नहीं होगा उससे पहले इस पॉलिसी के अंदर क्या-क्या चीजें ये लेके आए थे वो बता दूं तभी आगे जो सीबीआई और ईडी ने जो प्रूफ सबमिट किए हैं चैट वगैरह   तभी आपको समझ में आएगा

  1. तो देखिए सबसे पहली चीज इस न्यू लिकर पॉलिसी में यह की गई थी कि गवर्नमेंट जो है यह शराब के ठेके अब नहीं चलाएगी इनका कहना था कि गवर्नमेंट का काम शराब बेचना नहीं है अब यह सारे के सारे जो ठेके हैं यह प्राइवेट वेंडर्स के पास जाएंगे

  2. दूसरी चीज इसमें यह की गई कि पहले जो लाइसेंस थे वह ₹6 से ₹7 लाख के मिलते थे उसकी जगह अब न्यू पॉलिसी में 5 करोड़ देने होंगे

इसके बाद इसमें कहा गया कि अब जो भी लिकर के लाइसेंस मिलेंगे व लॉटरी से नहीं मिलेंगे बल्कि अब ऑक्शन होगा जैसे आईएल में ऑक्शन होता है ऐसे ऑक्शन होगा और जो ज्यादा पैसे देगा उसका लाइसेंस ले जाएगा

इसके बाद इन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर जितनी भी अल्कोहल की शॉप्स हैं वो सही से डिस्ट्रीब्यूटर नहीं है इसके लिए इन्होंने दिल्ली को 32 जोन्स में बांट दिया और यह कहा कि एक जोन के अंदर 27 शॉप्स खुलेंगे

फिर इसके बाद इस न्यू पॉलिसी में इन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर जो शराब पीने की जो एज लिमिट है वो 25 साल से कम करके अब 21 साल कर दी जाएगी ताकि ज्यादा लोग पी पाएंगे और जो बॉर्डरिंग स्टेट्स हैं

वहां से भी कंपटीशन करने में इनको आसानी होगी एक चीज और इसमें इन्होंने कही कि दिल्ली के बॉर्डर पे जितने भी स्टेट्स हैं गुड़गांव वगैरह वहां पे ड्राई डेज कम है दिल्ली के अंदर बहुत ज्यादा ड्राई डेज हैं जैसे दिल्ली के अंदर 23 ड्राई डेज हैं और बाकी जग हां पे तीन दिन ड्राई डेज होते हैं

तो इस वजह से बॉर्डर पे जाके लोग शराब ले लेते हैं जिसकी वजह से डेल्ली की कमाई का नुकसान होता है तो इन्होंने कहा कि डेल्ली के जो ड्राई डेज हैं उनको 23 से कम करके अब 3 दिन कर दिया जाएगा मतलब कि सिर्फ 3 दिन शराब बंदी होगी

उसके बाद बिकेगी और शराब बेचने की जो टाइम लिमिट थी उसको बढ़ा के रात के 3:00 बजे तक कर दिया और क्योंकि दिल्ली में फॉरेनर्स बहुत आते हैं तो दुकानें थोड़ी अच्छी होनी चाहिए तो जिसकी लिमिट इन्होंने करी कि 500 स्क्वा फीट की कम से कम दुकान हो

और दुकान के अंदर एसी लगाओ ये सारी चीजें मैंडेटरी करी और इसके साथ-साथ होम डिलीवरी की जो फैसिलिटी थी वो भी ऐड कर दी गई इस में इन्होंने कहा कि ये न्यू पॉलिसी जैसे ही लागू होगी अभी जो 5000 करोड़ का रेवेन्यू आता है यह सीधे चेंज होकर 8000 करोड़ हो जाएगा और इसके लिए इन्होंने प्रपोजल भी दिया

तो अब कैबिनेट वगैरह जो इनके मंत्री वगैरह थे वहां से तो अप्रूवल मिल गया अब फाइनल टास्क बचा था लेफ्टिनेंट गवर्नर से इसको अप्रूव कराना तो ये लोग 15 अप्रैल 2021 को लेफ्टनंट गवर्नर को ये पॉलिसी भेजते हैं और वो अप्रूव हो जाता है

अब होता क्या है कि 17 नवंबर 2021 को यह पॉलिसी लागू होनी थी इस पॉलिसी के लागू होने से दो दिन पहले यानी कि 15 नवंबर 20221 को लेफ्टिनेंट गवर्नर ये कहते हैं कि बस एक चीज का ध्यान रखिएगा क्योंकि अब आपने जोन में डिवाइड करके बराबर बराबर जगह बांट रहे हो

तो उन जगह पे भी आप लिकर शॉप देने जा रहे हो जहां पे पहले नहीं थी तो एक चीज का आपको ध्यान रखना है कि कोई भी ऐसी जगह शराब की दुकान ना खोली जाए जहां लोग अनकंफर्टबल हो या फिर स्कूल्स हो या फिर कोई टेंपल हो या फिर अनऑथराइज्ड एरिया हो

तो इस चीज को लेके उन्होंने एक चीज इसमें ऐड कर दी कि अगर दुकान खुलेगी तो उसके लिए डीडीए( delhi devlopment authority)और एमसीडी( muncip कार्पोरेशन of Delhi)से अप्रूवल लेना होगा

इस चीज को लेके भी बहुत हल्ला हुआ कि लास्ट मोमेंट पे चेंज कर दिया गया बहुत सारी चीजें थी उनसे खराब हो गई नुकसान हुआ उनको लेकिन बात आगे बढ़ गई और फिर 17 नवंबर 2021 को ये न्यू लिकर पॉलिसी जो थी वो दिल्ली के अंदर एज इट इज लागू हो जाती है

बस कुछ चीजें थी जैसे 21 साल की जो एज थी और जो ड्राई डे था वो कुछ कांस्टीट्यूशनल दिक्कतें आ रही थी उसकी वजह से वो चीज हटा दी गई और बाकी एज इट इज ये पॉलिसी लागू हो गई अब होता यह है कि जैसे ये पॉलिसी लागू होती है इसमें दिक्कत आना शुरू हो जाती है

और दिक्कत इतनी बड़ी हो जाती है कि आठ महीने के अंदर ही इस पॉलिसी को हटाना पड़ जाता है अब क्वेश्चन ये है कि ऐसा क्या कर दिया इन लोगों ने कि जिसकी वजह से इस पॉलिसी को हटाना पड़ा

तो देखिए जब ये पॉलिसी इंप्लीमेंट हुई तो पहली चीज तो लिकर वेंडर जो थे वो भी श्योर नहीं थे कि इतने महंगे शराब के लाइसेंस लेंगे चलेगी नहीं चलेगी दूसरी चीज जो लेफ्टिनेंट गवर्नर थे उन्होंने कहा था कि डीडीए और एमसीडी से अनऑथराइज्ड एरिया में अप्रूवल के लिए बोला था

उन्होंने तो इसकी वजह से जो टोटल 849 शॉप्स थी उसमें से सिर्फ 644 शॉप्स ही खुल पाई क्योंकि लोगों ने लाइसेंस तो ले लिए थे लेकिन कई जगह पे अप्रूवल ही नहीं मिल रहा था अगर आप दिल्ली की जो न्यू लिकर पॉलिसी थी इसका मास्टर प्लान 2021 देखोगे

तो उसके पॉइंट नंबर 15.6.19 वाट थे जहां पर शराब की दुकानें नहीं खुल चाहिए थी लेकिन उसके बाद भी खोली गई कोर्ट से भी ऑर्डर आ गए कि इन शॉप्स को रेसिडेंशियल एरिया से हटा के कहीं और शिफ्ट करिए और जिन कंपनीज ने ये लाइसेंस लिए थे

इतने इतने पैसे लगा के ₹5 करोड़ लगा के और भी ज्यादा सिक्योरिटी अमाउंट दिया था उनके लिए दिक्कत आगे खड़ी हो गई क्योंकि उनको पहले पता ही नहीं था कुछ कंपनीज जैसे मंटा एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड ये सब अपनी लाइसेंस फीस वापस मांगने कोर्ट चली गई

और इस वजह से दिल्ली के अंदर लिकर शॉप्स बहुत ही कम हो गई थी हालत ये हो गई थी कि 849 शॉप्स खुलने थी उसमें से 600 बची और फिर बात ये हो गई थी कि 400 से भी कम ये होने वाली है और इसकी वजह से साकेत महिपालपुर कमलानगर गोविंदपुरी जहां शराब का बहुत ज्यादा कंजमेटेड होने लगी

लेकिन कुछ चीजें ऐसी हुई कि दिल्ली गवर्नमेंट की इंटेंशन को लेकर भी लोग क्वेश्चन करने लगे न्यू पॉलिसी के हिसाब से ये था कि जो मैन्युफैक्चरर होगा जो शराब बनाएगा वो कभी भी रिटेल का काम नहीं करेगा यानी कि उसको लाइसेंस नहीं मिलेगा मतलब कि बनाने वाला अलग होगा बेचने वाला अलग होगा

मोनोपोली ना हो लेकिन ये चीज फॉलो ही नहीं हुई मैन्युफैक्चरिंग वाले ही शॉप खोल के बैठ गए थे जितने मैन्युफैक्चरर्स थे इन्होंने ग्रुप बना लिया था और अपना कंपटीशन कम करने के लिए एमआरपी से भी नीचे देने लगे

एक के साथ एक फ्री देने लगे क्योंकि पॉलिसी के अंदर ऐसा मेंशन किया गया था कि अगर रिटेलर चाहे तो वो एमआरपी से कम में भी दे सकता है इसकी वजह से शराब बहुत सस्ती हो गई थी डिस्काउंट मिलने लगे थे

और और इस वजह से दिल्ली के अंदर शराब का जो कंजंक्शन था वो 13.2 मिलियन लीटर शराब पीने का एवरेज था दिल्ली का और ये जो न्यू पॉलिसी थी जिसमें दुकानें कम थी सारी खुल भी नहीं पाई थी उसमें ये कंजमेशन 24.50 मिलियन लीटर हो गया था

ऑलमोस्ट डबल शराब पी थी दिल्ली के लोगों ने उस पर्टिकुलर टाइम पे अब शराब ज्यादा बिकी है तो मुनाफा भी ज्यादा होना चाहिए था लेकिन इसका उल्टा हुआ और यहीं से डाउट होना चालू हो गया कि ये कैसी पॉलिसी लेके आए हैं

कि ज्यादा बिकने के बाद भी गवर्नमेंट का रेवेन्यू कम कैसे हो गया पुरानी पॉलिसी में जब 750 ML की बोतल बिकती थी तो होलसेल प्राइस 166.5 था न्यू पॉलिसी में तो उसको और बढ़ा दिया गया था  188.4  कर दिया गया था

सकार की जो मुश्किलें थी वो बढ़ गई थी चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ये सारी चीजों को देख के एक रिपोर्ट बनाते हैं और इस रिपोर्ट को सबमिट करते हैं लेफ्टनंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना को इस रिपोर्ट में कहते हैं कि ये जो न्यू पॉलिसी दिल्ली में इंप्लीमेंट हुई है

एक तो इसकी वजह से पूरे दिल्ली के अंदर शराब की कमी हो रखी है लेकिन उससे भी बड़ी चीज यह है कि ये जो पॉलिसी लाई गई है इसमें इरेगुलेरिटीज है कई चीजें मनीष सिसोदिया ने बिना अप्रूव कराए ही इंप्लीमेंट कर दी हैं और ये जो न्यू पॉलिसी लेके आए हैं इसको लाते ही इन्होंने मल्टीपल एक्ट्स जो थे उनको वायलेट किया है

और इसमें उन्होंने उन एक्ट के नाम भी दिए जैसे जीएनसीटीडी एक्ट 1991 टीबीआर ऑफ 1993 द डेल्ली एक्ससाइज एक्ट ऑफ 2009 द डेल्ली एक्ससाइज रूल ऑफ 2010 तो चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि ये सारे एक्ट्स का वायलेशन हो रहा है

और ये पूरा प्रोसेस इल्लीगल तरीके से चल रहा है देखिए न्यूज़ में आपको दो चीजें दिखेंगी कहीं पे लिखा होगा कि लेफ्टनंट गवर्नर से अप्रूवल मिल गया था और कहीं पे लिखा होगा कि लेफ्टनंट गवर्नर से अप्रूवल नहीं मिला था तो एक्चुअल में इसमें यह है कि जो मेन पॉलिसी थी उसका अप्रूवल तो मिल गया था लेकिन मेन पॉलिसी इंप्लीमेंट होने के बाद कुछ चेंजेज किए गए थे उनका अप्रूवल नहीं लिया गया था

तो वो जो चेंजेज थे वो इन्होंने खुद कर दिए थे बिना गवर्नर के अप्रूवल के और सिर्फ इतना ही मेंशन नहीं किया था चीफ सेक्रेटरी ने इस रिपोर्ट में इसमें लाइन बाय लाइन मल्टीपल चीजें मेंशन की थी

सबसे पहली चीज बोली कि पॉलिसी के हिसाब से मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जो होगी वो शराब की शॉप नहीं खोल सकती अगर वो बनाएगी शराब यानी मैन्युफैक्चरिंग में रहेगी तो वो उसको बेच नहीं सकती कोई और बेचेगा उसको लेकिन इसमें इन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डायरेक्टली इवॉल्व थी

प्लस जो कंपनियां ब्लैक लिस्टेड थी उनको भी लाइसेंस दिए गए जैसे इन्होंने खाओ गली लिमिटेड का एग्जांपल दिया ये दिल्ली के अंदर बैंड थी क्योंकि इसने पास में कुछ गड़बड़ करी थी लेकिन उसके बाद भी इसको जोन टू और जोन थ्री के लाइसेंस दिए गए

फिर आगे इस रिपोर्ट में बोला गया कि लाइसेंस देने के टाइम पे एक कंपनी थी जिसने 30 करोड़ डिपॉजिट किए थे लेकिन हुआ क्या कि इस कंपनी को एयरपोर्ट से एनओसी नहीं मिला तो डेल्ली गवर्नमेंट ने क्या किया कि बिना किसी कैबिनेट या गवर्नर से अप्रूवल लिए ये जो 30 करोड़ थे

इसको वापस कर दिया जो कि डेल्ली एक्साइज रूल 2010 के 4811 बी का वायलेशन है इस रूल के हिसाब से डिपॉजिट अमाउंट किसी भी कंडीशन में वापस नहीं किया जा सकता इसके बाद इसमें ये कहते हैं कि कोविड के टाइम पे कुछ कंपनीज थी जि इनकी लाइसेंस की फी पेंडिंग थी करीब 144 करोड़ थे

सबके मिला के जिसको मनीष सिसोदिया ने बिना किसी के अप्रूवल के इसको माफ कर दिया और इसके साथ-साथ एक बियर की पेटी पे 50 इंपोर्ट फी माफ करी गई और फौरन लेकर जो आती थी इस पे भी छूट दी गई और इसके लिए भी किसी से भी अप्रूवल नहीं लिया गया

और आगे कहा गया कि पहले क्या होता था कि लाइसेंस फी जो होती थी वो जब खत्म हो जाती थी तो पैसा देके फिर उसके बाद उसको रिन्यू कराया जाता था इन्होंने कुछ कंपनीज के जो लाइसेंस थे वो बिना पैसे लिए उनके लाइसेंस की डेट बढ़ा दी

सबसे पहले बिना कोई पैसे लिए 1 अप्रैल 2022 से बढ़ा के 31 मई 2022 तक कर दी गई और फिर इसके बाद दोबारा भी ये चीज की गई जैसे 1 जून 2022 से 31 जुलाई 2022 तक इनके लाइसेंस को एक्सटेंड किया गया लेकिन कोई पैसा नहीं लिया गया

और चीफ सेक्रेटरी ने डायरेक्ट एलिगेशन लगाया मनीष सिसोदिया पे कि मनीष सिसोदिया ने बिना अप्रूवल के ये जो डिसीजन लिए इससे डेल्ली के रेवेन्यू में 580 करोड़ जो फायदा हो सकता था उसका नुकसान हुआ और ये चीज भी मेंशन की कि ऐसा नहीं है कि ये गलती से हुआ है उनका कहना था कि ये चीज जानबूझ के की गई है

ताकि मैन्युफैक्चरर को फायदा हो अब देखिए चीफ सेक्रेटरी की ये जो रिपोर्ट थी ये लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास जब पहुंचती है तो वो इसपे इंक्वायरी बैठा देते हैं अब यहां से दिल्ली के अंदर जो सिचुएशन थी वो बहुत ही ज्यादा क्रिटिकल होती जा रही थी

लेकिन उसके साथ-साथ एक और अजीब सी चीज होती है मनीष सिसोदिया यह सारी चीजें देख के 31 जुलाई 2022 को यह जो न्यू लिकर पॉलिसी थी इसको हटा देते हैं और जो पुरानी लिकर पॉलिसी थी उसको दोबारा से लागू कर देते हैं और जैसे यह सिचुएशन स्टार्ट होती है

दिल्ली के अंदर  बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां आम आदमी पार्टी के ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट करना स्टार्ट कर देती हैं और डिमांड करती हैं कि आम आदमी पार्टी के जो लीडर्स हैं इनको जेल में डालिए है

एंड इन द नेशनल कैपिटल द कांग्रेस एंड द बीजेपी आर प्रोटेस्टिंग अगेंस्ट द आम आदमी पार्टीज मनीश स सोडिया आउटसाइड द आ ऑफिस इनफैक्ट कांग्रेस ने इस पूरी चीज को लेके सबसे पहले कंप्लेन करी कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना जो थे उनको एक लेटर भेजा

इसमें बहुत ही हार्ड वर्ड यूज किए थे इसकी सब्जेक्ट लाइन में ही मल्टी करोड़ स्कैम इलीगल डिस्ट्रीब्यूशन लिकर लाइसेंस ऑफ आम आदमी पार्टी इन्होंने इस लेटर के अंदर ये भी मेंशन किया कि ये एक 500 करोड़ का घोटाला है

इस लेटर के अंदर कंपनीज के नाम भी लिख के दिए कि इन कंपनीज की प्रॉक्सी के थ्रू दिल्ली के अंदर ये गेम चल रहा है  30 अगस्त 2022 को अन्ना हजारे जी ने भी दिल्ली के सीएम को लेटर लिखा था

जिसमें शराब को लेके काफी कुछ बोला उनको अब इधर बीजेपी और कांग्रेस आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ चुकी थी दूसरी तरफ सीबीआई जो थी उसने अपनी इंक्वायरी स्टार्ट कर दी थी बैक टू बैक रेड मार रही थी छापे मार के मोबाइल वगैरह जप्त कर रही थी

और अपनी इनिशियल इंक्वायरी के बेसिस पे सीबीआई 17 अगस्त 2022 को 16 लोगों के ऊपर एफआईआर रजिस्टर करती है इनको आईपीसी के सेक्शन 120 बी क्रिमिनल रेसी सेक्शन 477a एंड सेक्शन 7 ऑफ द प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत केस दर्ज किया

मनीष सिसोदिया और इनके जो नीचे लीडर हैं इनके ऊपर डायरेक्ट एलिगेशन लगे थे कि ये पूरी पॉलिसी के कर्ता धरता है इन्होंने क्विड प्रो को के चक्कर में लिकर बिजनेसमैन जो थे उनको फायदा पहुंचाया 20 अगस्त 2022 को सीबीआई मनीष सिसोदिया के घर में रेट डालना चालू करती है

इनके बैंक के लॉकर वगैरह सब जगह सर्च करती है लेकिन कुछ भी नहीं मिलता सीबीआई ने दिल्ली एनसीआर में कि जगहों पर छापेमारी की जिसमें दिल्ली के डिप्टी सीm मनीष सिसोदिया का घर भी शामिल था

सीबीआई ने इनके ऊपर जो केस लगाए थे सेक्शन 120 ब ऑफ द इंडियन पीनल कोर्ट और सेक्शन सेन ऑफ द प्रिवेंशन करप्शन एक्ट 1988 ये शेड्यूल्ड ऑफेंस है ये अंडर द प्रिवेंशन ऑफ मनी लरिंग एक्ट पीएमएलए 2002 इसके अंडर आता है और इसी की वजह से 22 अगस्त 2022 को ईडी की भी इंक्वायरी इसमें स्टार्ट हो जाती है

तो इस पर्टिकुलर टाइम पे सीबीआई और ईडी बहुत ही बुरी तरीके से आम आदमी की जो टॉप लीडरशिप थी उनके पीछे पड़ चुकी थी लेकिन इसी बीच एक और बहुत अजीब सी चीज होती है 5 सितंबर 2022 को बीजेपी एक कॉन्फ्रेंस कॉल करती है एक स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो दिखाती है

इसमें आरोपी नंबर 13 जो था सनी मारवा उसके फादर का स्ट्रिंग ऑपरेशन था तो बेसिकली इस स्ट्रिंग ऑपरेशन में सनी मारवा के फादर कहते हैं कि कैसे इस पॉलिसी को एक्सप्लोइट किया गया और ऊपर के लोगों को पैसा खिलाया गया एक टेंडर देने के लिए 253 करोड़ लिए

लेकिन बाकियों से 500 करोड़ लिए और ये भी कहता है कि एक बार इसमें कमीशन दे दो उसके बाद चाहे आप जो मर्जी करो इनको कोई मतलब नहीं

अब इसके बाद डेट आती है 25 नवंबर 2022 और इस डेट तक सीबीआई ने अपनी इंक्वायरी वगैरह कर ली थी और नेक्स्ट डे यानी कि 26 नवंबर 2022 को ईडी ने भी अपनी इंक्वायरी कर ली थी और दोनों सीबीआई और ईडी दोनों ने मिलके अपनी चार्जशीट कोर्ट के अंदर सबमिट  करी

बस ईडी की जो चार्जशीट थी वो स्पेशल पीएमएलए कोड था उसमें सबमिट करी गई थी टोटल मिला के आठ चार्जशीट दो डॉक्यूमेंट एफआईआर और ईसीआईआर इनको मिलाकर टोटल 10 डॉक्यूमेंट सबमिट किए गए थे

अब बात करते हैं कि इन दोनों एजेंसीज ने कोर्ट के अंदर ऐसे क्या प्रूफ रखे जिसकी वजह से से पूरी की पूरी जो लीडरशिप थी आम आदमी पार्टी की उनको बैक टू बैक गिरफ्तार किया गया देखिए कोर्ट के अंदर मल्टीपल हियरिंग हुई अलग-अलग डेट पे और पूरा जो डिस्कशन हुआ जो चार्जशीट सबमिट की गई है  वो मैं आपको समरा इज करके बता दे रहा हूं

तो अब इसके बाद कोर्ट के अंदर हियरिंग स्टार्ट होती है तो पहली पार्टी के बारे में इन्होंने बोला यानी कि केजरीवाल की जो टॉप लीडरशिप है इनके बारे में बोला कि ये लोग खुद नहीं बल्कि कुछ मिडिल मैन का यूज करते थे

जैसे विजय नायर दिनेश अरोरा और अमित अरोरा इनका यूज कर करके जान पूछ के एक ऐसी पॉलिसी बनाई जिससे लिकर कंपनीज को फायदा हो और फिर वो लिकर कंपनीज इनको इलेक्शन में पैसे देके फायदा कराएं अब ये लिकर कंपनीज कौन सी थी तो इन लिकर कंपनीज का जो रिलेशन था

वो साउथ ग्रुप से था कहने का मतलब है कि एजेंसीज ने कहा कि केजरीवाल सरकार की टॉप लीडरशिप और साउथ ग्रुप इन्होंने मिलके ये पूरा स्कैम किया है अब पूछा गया कि ये साउथ ग्रुप क्या है तो इसमें इन्होंने बताया कि साउथ इंडिया के लिकर बिजनेस के की प्लेयर जिनमें कुछ बिजनेसमैन है

पॉलिटिकल पार्टीज के कुछ इन्फ्लुएंस लीडर्स हैं इन्होंने एक ग्रुप बना के दिल्ली के अंदर ये स्कैम किया एक एग्जांपल समझाता हूं जैसे मान लोग किसी स्टेट में गवर्नमेंट कोई न्यू पॉलिसी लेके आने वाली है तो कई सारे बिजनेसमैन को जब ये पता चले तो सारे के सारे मिलके इकट्ठा हो जाएं

और एक ग्रुप बना लें और फिर यह ग्रुप जाके गवर्नमेंट से बात करें कि कुछ ऐसा करो जिससे इस पूरी पॉलिसी में हमारा फायदा हो और आपको क्या चाहिए आपको पैसा चाहिए तो इलेक्शन में वो पैसा हम आपको दे देंगे तो इस तरीके से ये दोनों पार्टी के लिए विनविन सिचुएशन हो जाएगी

वरना गवर्नमेंट के लिए पॉलिसी के अंदर से गवर्नमेंट फंड निकालना बहुत ही खतरे का काम होता है तो ऐसा करने से पॉलिटिकल पार्टीज का भी फायदा होता है और जो ग्रुप होता है बिजनेसमैन का जो ग्रुप होता है उसको भी फायदा होता है वो मार्केट कैप्चर कर लेते हैं कंपटीशन नहीं होने देते हैं

अपने हिसाब से रेट तय करते हैं और भी बहुत फायदे होते हैं छोटी-छोटी पॉलिसी चेंजेज से भी करोड़ों का फायदा होता है तो इसी तरीके के एलिगेशन एजेंसीज ने भी अपनी चार्जशीट में मेंशन की देखिए अभी ये जो फैसला है वो कोर्ट के अंदर चल रहा है अभी कोई भी गिल्टी नहीं साबित हुआ है

बस जो डिटेल सबमिट हुई हैं और जो प्रूफ सबमिट दिए हैं अब वो मैं एक के बाद एक आपको बताता चलूंगा तो देखिए जिस साउथ ग्रुप का ईडी नाम ले रही थी इसमें पांच मेन प्लेयर हैं जिन्होंने ग्रुप बनाया बाकी सपोर्टर्स थे इस ग्रुप को लीड कर रही थी के कविता ये बीआरएस लीडर और तेलंगाना के फॉर्मर सीएम की बेटी है

शरथ रेड्डी ये अरबिंदो फार्मा जो है उसके एसोसिएट हैं मगु रेड्डी ये फॉर्मर एमपी हैं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जो है उससे हैं और इनके बेटे का भी नाम है इसमें राघव मगु ऐसे ही इसमें अरुण रामचंद्र पिल्ला अभिषेक बोइन पल्ली और बुची बाबू जो कि सीए था कविता का तो ये सब मिलाके एक साउथ ग्रुप फॉर्म होता है

अब साउथ ग्रुप की डिटेल्स देने के बाद ईडी कहती है कि आम आदमी पार्टी की जो टॉप लीडरशिप थी इन्होंने तीन मिडल मैन रखे थे साउथ ग्रुप से डील करने के लिए इन सबके चैट्स वगैरह हवाला के किस अकाउंट से कब पैसे ट्रांसफर हुए अभी ये सारी चीजें मैं आपके सामने रखूंगा

तो एजेंसी जो थी वो आम आदमी पार्टी की जो टॉप लीडरशिप थी उनके जो मिडल मैन थे इनके भी नाम बताती है विजय नायर दिनेश अरोरा और अमित अरोरा और भी थे लेकिन ये मेन थे तो इस पूरे प्रोसेस को एग्जीक्यूट करने के लिए इन तीन लोगों के नाम लेती है

और फिर इसके बाद इनकी भी डिटेल शेयर करती है सबसे पहले वो विजय नायर की बात करती है तो एजेंसीज ने कहा जो विजय नायर था वो सीएम अरविंद केजरीवाल के बहुत क्लोज था उनके बताए हुए टास्क करता था और दिनेश अरोरा जो था वो मनीष सिसोदिया के टास्क हैंडल करता था

और इन्हीं दोनों का दोस्त था अमित अरोरा तो ये तीनों मिलकर सारे कन्वर्सेशन एक्सचेंज करते थे साउथ ग्रुप से इनकी डिटेल्स देने के बाद इस पूरी चीज को एस्टेब्लिश करने के लिए ईडी ने कुछ डिटेल्स दी एजेंसीज ने कहा ये जो विजय नायर है इसने ईयर 2020 से ही इसने दिल्ली गवर्नमेंट के बंगलो में रहना शुरू कर दिया था

और यह बंगलो जो था वो आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश गहलोत जो थे उनको मिला था और इसकी वजह से कैलाश गहलोत जो थे वो खुद नजफगढ़ के प्राइवेट रेजिडेंट में रहते थे जबकि विजय नायर जो था वो कोई भी गवर्नमेंट पोजीशन होल्ड नहीं करता था

ये बस आम आदमी पार्टी का जो मीडिया एंड कम्युनिकेशन था उसका इंचार्ज था और विजय नायर जो था वो अरविंद केजरीवाल के कैंप ऑफिस मतलब की टेंपरेरी या फिर सेकेंडरी ऑफिस जो होता है वहां से ऑपरेट करता था और ये सारी चीजें विजय नायर ने अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट अंडर सेक्शन 50 ऑफ पीएमएलए 2002 में कंफर्म किए

और इसके स्टेटमेंट भी सबमिट की है अब इसके बाद एजेंसी जो थी वो नाम लेती है दिनेश अरोरा का और इसके बारे में बताया कि मनीष सिसोदिया के जो टास्क थे वो साउथ ग्रुप तक एग्जीक्यूट करता था ये जो दिनेश अरोरा है इसकी कई सारी रेस्टोरेंट की चेन है

ये जो अनप्लग्ड कोर्टयार्ड है ये भी इसी का ही है और ये नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन जो है एनआरएआई इसकी कमेटी का मेंबर भी है और इससे पहले उसको भी मैनेज किया इसने तो कुल मिलाकर दिल्ली के अंदर इसका बहुत बड़ा सर्कल है तो इसके लिए ईडी कहती है

कि दिनेश अरोरा ने दिल्ली के मल्टीपल रेस्टोरेंट ओनर्स जो थे उनको एंकरेज किया कि आम आदमी पार्टी के लिए वो फंड रेज करें जिसमें कोई गलत बात नहीं है फंड रेज किए जा सकते हैं लेकिन उन्होंने कहा कि ये जो रेस्टोरेंट ओनर्स थे उनको बिजनेस में कुछ फायदे भी दिलवाता था ये और इसके बाद कहा गया कि दिनेश अरोरा के पास उसका एक पुराना दोस्त अमित अरोरा आया था

ये गुड़गांव के अंदर एक कंपनी है बड़ी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड उसका डायरेक्टर है ये आके इससे कहता है कि दिल्ली में कुछ रेस्टोरेंट का काम वगैरह करना है इसे तो इसकी के लिए वो मनीष सिसोदिया से मिलना चाहता था

और इसकी बात मान के दिनेश अरोरा डायरेक्ट मनीष सिसोदिया के पास नहीं ले जाता है इसको ये डायरेक्ट संजय सिंह के पास ले जाता है एजेंसीज के हिसाब से संजय सिंह ने कहा कि वो सिसोदिया से मिलवा देंगे लेकिन उनका जो पर्सनल असिस्टेंट है विवेक त्यागी उसको अपनी कंपनी में कुछ स्टेक्स देने होंगे

और इसी पर्टिकुलर इंसिडेंट के लिए संजय सिंह के ऊपर भी केस चला था वरना ज्यादातर केसेस में जो एजेंसीज थी उन्होंने मनीष सिसोदिया और सीएम केजरीवाल को ब्लेम किया तो इसके बाद जब सारी बातें सेट हो जाती हैं तो संजय सिंह के घर पे एक दिन मनीष सिसोदिया और ये लोग मिलते हैं

और ईडी कहती है कि 2.2 करोड़ की डील फिक्स होती है जिसके बदले में अमित अरोरा को लाइसेंस के अंदर कुछ फेवर्स मिलते हैं और इसी इंसीडेंट के बाद विजय नायर दिनेश अरोरा और अमित अरोरा जो थे ये मिलके काम करने लगते हैं लेकिन यह दिल्ली का एक अलग केस था

इसका अभी साउथ ग्रुप वाला जो केस है उससे कोई लेना देना नहीं है साउथ ग्रुप वाला जो केस है वो अभी आगे आएगा तो अब होता क्या है कि इधर ये सारी चीजें चल रही थी दिल्ली के अंदर न्यू लिकर पॉलिसी जो थी उसके बारे में भी बात चल रही थी

और वेंडर्स भी इनवाइट किए जा रहे थे एडवर्टाइजमेंट भी पब्लिश किए थे दिल्ली गवर्नमेंट ने तो मार्च 2021 में मगु ता रेड्डी जो आंध्र प्रदेश में एमपी है ये न्यूज़पेपर के अंदर दिल्ली गवर्नमेंट का एडवर्टाइजमेंट देखते हैं कि दिल्ली गवर्नमेंट जो है वो लिकर पॉलिसी जो है इनकी उसको प्राइवेट करने जा रही है

इनकी जो फैमिली है वो 71 इयर्स से लेकर के बिजनेस में है तो इसको पढ़ते ही ये सीएम केजरीवाल से मीटिंग सेट करते हैं तो 16 मार्च 2021 की इनको डेट मिलती है और इस दिन ये पहुंच जाते हैं और इनकी मीटिंग सेम डेट पे सीएम केजरीवाल से दिन के टाइम पे स्टार्ट होती है

जब ये मीटिंग चल रही थी तो बात करते करते सीएम केजरीवाल कहते हैं कि कविता जो कि फॉर्मर तेलंगाना सीएम की बेटी है इनका नाम लेते हैं और कहते हैं कि वो भी कुछ दिन दिन पहले हमसे मिलने आई थी

आप उनसे बात करिएगा और फिर इसके थोड़ी देर बाद जब डिस्कशन चल रहा था केजरीवाल कहते हैं कि पंजाब और गोवा के इलेक्शन आ रहे हैं 100 करोड़ का फाइनेंशियल सपोर्ट चाहिए होगा और इसके रिगार्डिंग कविता जो है वो आपसे कोऑर्डिनेट करेंगी

अब ये सारी चीजें सुनके मगु जो थे वो वापस आ जाते हैं और एज पर ईडी को दिए हुए स्टेटमेंट में मगु ये सारी चीजें डिस्क्लोज करते हैं कि इस तरीके से मीटिंग हुई थी और ये सारी चीजें ईडी ने शेयर करी हैं अब जब मगु वापस आ जाते हैं इसके नेक्स्ट डे कविता इनको कांटेक्ट करती हैं और कहती हैं

कि दिल्ली में सब कुछ सेट हो गया है मैं कई महीने से विजय नायर और सीएम केजरीवाल की टीम के साथ कांटेक्ट में हूं हम लोगों को मिलके 100 करोड़ देने होंगे इनकी पार्टी को और इस डिस्कशन में थोड़ी देर बाद वो कहती हैं

कि आपको भी 50 करोड़ देने होंगे लेकिन एज पर ईडी स्टेटमेंट उन्होंने 50 करोड़ नहीं दिए बल्कि उसकी जगह 225 करोड़ वो देने को रेडी हुए 10 करोड़ कैश 28 मार्च को दिया गया और 15 करोड़ कैश जून के महीने में दिया गया

तो ये लोग ₹25 करोड़ जमा कर देते हैं और इसके बाद कविता कहती है कि इसके आगे जितनी भी बातें होंगी और जितनी भी डीलिंग होगी वो बुची बाबू जो कि उनके सीए हैं वो कांटेक्ट करेंगे

उसके लिए तो कुल मिला के अलग-अलग तरीके से ये लोग साउथ के जितने बिजनेसमैन थे उनको जोड़ के 100 करोड़ इकट्ठा करते हैं जो इनको चेन्नई में जाके देने थे और इसी पूरे प्रोसेस में साउथ ग्रुप बनता है और इस पर्टिकुलर टाइम पे सुकेश जो था वो भी इसमें कूद गया था

उसने कहा कि ₹1 करोड़ तो इन्होंने मेरे से भी लिए हैं और जब सुकेश की कोई बात मान नहीं रहा था तो सुकेश ने कुछ प्राइवेट चैट्स थी उनको लीक कर दिया कि मुझे साउथ ग्रुप की जो कविता है इन्होंने पैसे दिलवाए आम आदमी पार्टी को

इसने ये भी बताया कि जहां एके लिखा है उसका मतलब अरविंद केजरीवाल और जहां एसजे लिखा है उसका मतलब मतलब सतेंद्र जैन ये चैट शेयर करने के बाद सुकेश ने क्लेम किया कि इसने 15 केजी घी यानी कि ₹1 करोड़ एक ब्लैक रेंज रोवर स्पोर्ट्स 6060 जिसपे एमएलसी का स्टीकर लगा था

जो कि टीआरएस के हेड क्वार्टर के पास पार्क थी वहां पे जाके इसने ₹1 करोड़ दे दिए  ईडी की चार्ज शीट के हिसाब से ₹1 करोड़ जो थे वो विजय नायर रिसीव करता है आम आदमी पार्टी के बिहाव पे और फिर डेल्ली लिकर पॉलिसीज ऐसी बनाई गई जिसकी वजह से साउथ ग्रुप का पूरी तरीके से कंट्रोल हो गया

दिल्ली के लिकर बिजनेस पे साउथ ग्रुप डायरेक्टली और इनडायरेक्टली 9 लिकर जन थे वहां पे कंट्रोल ले लेता है दिल्ली के अंदर और बाकी के जो जोन थे वहां पे भी या तो सिक्योरिटी डिपॉजिट का जो पैसा था उसको फाइनेंस करके या फिर अपने रिलेटिव्स या फिर डमी प्रॉक्सी इनके थ्रू पूरे दिल्ली लिकर मार्केट के ऊपर कब्जा कर लेते हैं

साउथ ग्रुप की जो डील ये जब चल रही थी तो उसमें कई सारे ऐसे लोग थे जैसे कि सरत रेड्डी था वो विजय नायर से कहता है कि आप डील तो कर रहे हो हम इतनी बड़ी डील कर रहे हैं लेकिन जो टॉप बॉस है उससे आपको एक बार हमें मिलना होगा ताकि हम एश्योर हो जाएं

और जब बहुत ज्यादा प्रेशर ये लोग करते हैं तो विजन नायर जो था वो सीएम केजरीवाल से मिलवाने के लिए रेडी हो जाता है और डेट देता है 25 अप्रैल 2023 की शरत रेड्डी का ये स्टेटमेंट भी रिकॉर्डेड है

अंडर सेक्शन 50 ऑफ पीएमएलए एक्ट तो इसने बताया कि इसको सबसे पहले दिल्ली बुलवाया गया फिर दिल्ली के ओबराय होटल जो था वहां पे इसको रुकने को बोला गया और इससे बोला गया कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या फिर मोबाइल कैरी करने को मना कर दिया

इसके बाद ये वेट करता है और एक ब्लैक एसयूवी आती है ओबराय होटल में इसको पिक करती है और सीएम केजरीवाल का जो रेसिडेंट था उसके बगल वाली बिल्डिंग में उसको वेट करने को बोला जाता है

और थोड़ी देर बाद इंतजार खत्म होता है और सीएम केजरीवाल आते हैं और शरत रेड्डी से कहते हैं हैं कि विजय नायर काफी कैपेबल है ये सब हैंडल करने के लिए और फिर 10 मिनट तक न्यू लिकर पॉलिसी के बारे में इसमें बात होती है

इनकी जिसमें एक लाइन सीएम केजरीवाल ये बोलते हैं ये सबके लिए विनविन सिचुएशन है और उसके बाद वो चले जाते हैं और ईडी की चार्ज शीट के हिसाब से ये दूसरी बार ऐसा था इस पॉलिसी को लेके वन ऑन वन डायरेक्ट मीटिंग हुई

और इसके बाद जो हुई थी वो समीर महेंद्रु के साथ हुई थी लेकिन वो फेस टाइम के थ्रू हुई थी विज नायर के आई से एक्चुअली समीर महेंद्रु जो है वो इंडोस्पिरिट जो कि काफी बड़ी लिकर कंपनी है इसका डायरेक्टर था

और ये साउथ ग्रुप जो था इसका मेन पॉइंट ऑफ कांटेक्ट भी बन गया था और यह भी अरविंद केजरीवाल से मिलना चाह रहा था लेकिन ये केजरीवाल से डायरेक्ट तो नहीं मिल पाता है लेकिन ईडी के स्टेटमेंट के हिसाब से विजय नायर के फोन से इसका फेस टाइम कराया गया था

और उस कॉल में अरविंद केजरीवाल कहते हैं विजय इज माय बॉय एंड यू शुड ट्रस्ट हिम एंड कंटिन्यू टू वर्क विद हिम और इसके बाद जो समीर महेंद्रु था वो ₹1 करोड़ राधा इंडस्ट्री जो कि राजेंद्र प्लेस न्यू दिल्ली की जो यूको बैंक की ब्रांच है उसके अकाउंट नंबर 10220 2100 4647 इस अकाउंट नंबर में ट्रांसफर किए थे

ईडी ने क्लेम किया कि ये जो राधा इंडस्ट्री है ये आम आदमी पार्टी का जो मिडल मैन दिनेश अरोरा है ये मैनेज करता है अच्छा ये सारी चीजें कोर्ट के अंदर जब डिस्कशन चल रहा था और ये जो ईडी अपनी सारी डिटेल्स शेयर कर रही थी और अपनी चार्जशीट वगैरह सबमिट कर रही थी तो पैरेलली जो सीएम केजरीवाल हैं उनको बैक टू बैक समन भेजे जाते हैं

सबसे पहला समन जो ईडी का गया था वो 30 अक्टूबर 2023 को भेजा गया था लेकिन सीएम केजरीवाल जाते नहीं है इसके बाद अक्टूबर 2023 से लेकर मार्च 2024 तक इन छ महीनों के बीच में टोटल नौ समन भेजती है ईडी लेकिन केजरीवाल जाते नहीं है

वो कहते हैं कि बीजेपी ये सारे संबन भिजवा रही है तो पैरेलली ये सारे संबन भेजे जा रहे थे एट द सेम टाइम कोर्ट में हियरिंग चल रही थी और उसके साथ-साथ बैक टू बैक लोग पकड़े जा रहे थे रेड पड़ रही थी ये सारी चीजें एक साथ हो रही थी और इस पर्टिकुलर टाइम तक सत्येंद्र जैन मनीष सिसोदिया संजय सिंह इन सबको पकड़ा जा चुका था

और जेल में डाल दिया गया था अब कोर्ट के अंदर ये सारी बात करने के बाद ईडी जो थी वो मेन मुद्दे पे आती है ईडी कहती है कि जो न्यू लिकर पॉलिसी थी इसके आने से पहले जो ओल्ड लिकर पॉलिसी थी उसमें होलसेलर जो थे उनका 5%  तक का जो प्रॉफिट था वो फिक्स कर दिया गया था

और इसके बाद ईडी कहती है कि जो न्यू पॉलिसी थी उसमें भी 5% पर ही फिक्स किया गया था लेकिन जैसे ही साउथ ग्रुप से डील फिक्स होती है मनीष सिसोदिया ने इस पॉलिसी को बिना कैबिनेट या लेफ्टनंट गवर्नर के अप्रूवल के लास्ट मूमेंट पे चेंज कर दिया

और होलसेलर का जो प्रॉफिट फिक्स कर दिया गया था 5% उसको बढ़ा के 12%  कर दिया गया साउथ ग्रुप की लॉबी के लिए और इन्होंने साउथ ग्रुप की लॉबी से डील की कि 12% प्रॉफिट तो हम कर रहे हैं लेकिन इसमें से आपको 6% जो होगा वो हमें बैक चैनल से वापस करना होगा

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के घर  जब रेड मारी थी तो उनका कंप्यूटर भी पकड़ा था और उनके कंप्यूटर का फॉरेंसिक इवेलुएशन भी करवाया था जिसमें उनको दो फाइल मिली और वो फाइल उन्होंने कोर्ट के अंदर भी सबमिट की एजेंसीज ने कहा कि इन दो फाइल में से एक फाइल का जो मॉडिफिकेशन किया गया था

वो 15 मार्च 2021 को 11:2 मॉर्निंग में किया गया था लेकिन दूसरी जो फाइल थी जो मॉडिफिकेशन किया था इन्होंने 19 तारीख को उसमें एक चेंज किया गया था उसमें 5% का जो प्रॉफिट था उसको बढ़ा के 12%  कर दिया गया था

और इसके बाद एजेंसी कहती है कि 15 मार्च से 19 मार्च के बीच में कोई कैबिनेट मीटिंग ही नहीं हुई और जब कोई मीटिंग ही नहीं हुई तो ये 5% से  12% पर कैसे हो गया तो इसी चीज को बता के मनीष सिसोदिया को यह कहा गया कि इन्होंने बिना किसी से अप्रूवल लिए सिर्फ साउथ ग्रुप से बात करके उनको पहले से सारी डिटेल सेट करके ये चीज इन्होंने खुद कर दी

और ये डिटेल्स देने के बाद एजेंसीज जो थी वो दूसरी डिटेल सबमिट करती हैं उसमें एजेंसीज कहती हैं कि 22 मार्च 2021 को कैबिनेट के अंदर ये जो रिपोर्ट थी जिसमें ये पूरी पॉलिसी बनाई गई थी ये सबमिट होनी थी लेकिन इससे पहले यानी कि 14 मार्च 2021 से 17 मार्च 2021 के बीच में ये लोग साउथ ग्रुप को दिल्ली में बुलाते हैं

और साउथ ग्रुप के जितने भी इंपॉर्टेंट लोग थे उनको दिल्ली के सिविल लाइन वाले ओबराय होटल जो है वहां पे स्टे करवाते हैं और होटल के बिजनेस सेंटर वाले एरिया में ये लोग इकट्ठे होके डिस्कशन वगैरह कर रहे थे अब एजेंसीज ने क्या किया इस पर्टिकुलर टाइम की जिस टाइम पे ये लोग रुके थे इस होटल में

इस टाइम की सीसीटीवी फुटेज निकलवा ली तो जब ये लोग सीसीटीवी फुटेज देख रहे थे तो इसमें ये एक चीज नोटिस करते हैं कि ग्रुप में से एक आदमी हाथ में कुछ पेजेस लेके बिजनेस सेंटर वाले एरिया में जाता है और फोटोकॉपी जो मशीन थी उसमें से कई सारे पेजेस फोटोकॉपी निकलवा आता है

तो ये फुटेज देखने के बाद एजेंसीज होटल पहुंचती हैं और जिस मशीन से ये फोटोकॉपी निकलवाई जा रही थी उसका डाटा कलेक्ट करती है तो उसको पता चलता है कि टोटल 36 पेजेस की फोटोकॉपी निकलवाई गई थी अब एजेंसीज कहती है कि जो न्यू पॉलिसी का ड्राफ्ट था जिसमें 12% किया गया था अगर टाइटल और इंडेक्स का पेज हटा दो तो एगजैक्टली 36 पेजेस हैं

जितने पेजेस न्यू पॉलिसी के ड्राफ्ट में थे तो इसमें एजेंसीज कहती हैं इसमें दिक्कत वाली बात ये है कि 22 मार्च को कैबिनेट के अंदर यह पॉलिसी जानी थी ये बहुत ही सीक्रेट डॉक्यूमेंट था तो ये डॉक्यूमेंट होटल की लॉबी में लोगों के हाथ में कैसे हो सकती है

वो भी ऐसे लोग जिनको उसी पॉलिसी का लाइसेंस मिलना था और इसमें एक चीज और ऐड की जाती है कि जो ड्राफ्ट था ये मनीष सिसोदिया ने अपने सेक्रेटरी सी अरविंद जो था उसको सीएम केजरीवाल के घर पे दिया था

ताकि ये साउथ ग्रुप के लॉबी जो थी उसको दिखा सके और 13 मार्च 2023 को जब एजेंसीज ने पकड़ा सी अरविंद को तो उसने भी इस चीज को कंफर्म कर दिया और इसी के बेसिस पे एजेंसीज कहती हैं कि जो न्यू पॉलिसी का जो ड्राफ्ट था

वो एक सरकारी डॉक्यूमेंट था दिल्ली कैबिनेट में जाने से पहले ही साउथ ग्रुप को इन्होंने भेज के कंफर्म कराया कि देख लीजिए सब कुछ आपके हिसाब से है कि नहीं और इसके साथ-साथ एक चीज और ऐड करी एजेंसीज ने उन्होंने कहा कि साउथ ग्रुप की जो कविता थी

उनका एक सीए है बुची बाबू उसके फोन की जो चैट्स थी उसको दिखाया और कहा कि पॉलिसी कैबिनेट में पहुंचने से पहले ही साउथ ग्रुप के पास पहुंच चुकी थी एक्चुअली हुआ क्या था कि बुी बाबू के यहां जब रेड मारी थी तो एजेंसीज ने इसका फोन जब्त कर लिया था

और उस टाइम पे एजेंसीज ये ढूंढ रही थी कि 22 मार्च 2021 जिस दिन पॉलिसी कैबिनेट में जानी थी उससे पहले इनके पास डिटेल्स थी तो एजेंसीज ने क्या किया इसका फोन जो था उसकी 6 मार्च 2021 से लेके 20 मार्च 2021 तक इसकी फॉरेंसिक जांच करवाई तो जो इसकी डिलीटेड चार्ट्स थी

इस पर्टिकुलर टाइम पे उनको भी निकलवाया और इसी बीच में 20 मार्च की एक चैट निकल के आती है ये उस चैट की कॉपी है इस चैट में ये लोग डिस्कस कर रहे हैं एक डायरेक्टर होलसेल ऑपरेशन की पोस्ट बनाई गई है

जो डायरेक्ट कमेटी को रिपोर्ट करेगा और वो तुम्हारे ग्रुप से नॉमिनेटेड है ट्रस्ट वर्दी है और ये जो मेन चैट्स होती थी ये लोग सिग्नल ऐप से करते थे और जो जेनेरिक चैट्स होती थी वो whatsapp2 मार्च से पहले यह चैट पे सारी डिटेल्स कि इस तरीके की पोजीशन बनने वाली है

डायरेक्टर की एक पोजीशन है वो तुम्हारा ट्रस्टी आदमी है ये डिटेल्स इसके पास कैसे पहुंच गई जब तक मिनिस्टर नहीं बताएगा तब तक ये डिटेल्स नहीं पहुंच सकती कुछ लाइसेंस होल्डर ऐसे भी थे जिनको जबरदस्ती पीछे हटाया गया साउथ ग्रुप को एडवांटेज देने के लिए इसमें इन्होंने महादेव लिकर नाम से एक होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर था

इसका एग्जांपल दिया एक्चुअली जो डील थी कि 12 पर में से 6 पर वापस गवर्नमेंट को इलेक्शन के फायदे के लिए देना होगा उस चीज के लिए महादेव लिकर जो होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर था उसने मना कर दिया था

कि वो ब्राइब नहीं देगा तो ईडी कहती है कि अमित अरोरा ने फोर्सफुली इसका डिस्ट्रीब्यूशन का जो लाइसेंस था वो सरेंडर करवा दिया था और इसको धमकी दी थी कि पंजाब में जो इसकी फैक्ट्रीज हैं उसको बंद करवा देगा

और इस इंसीडेंट को भी मैच किया गया तो एक्चुअल में महादेव लिकर जो कंपनी थी उसने अपना लाइसेंस जो था वो गिव अप कर दिया था लेकिन उसके बाद भी पंजाब के एक्साइज ऑफिशल जो थे उनके वर्बल ऑर्डर से फैक्ट्री को बंद करवा दिया गया क्योंकि इसने उनकी बात नहीं मानी थी इसके बाद एजेंसीज जो थी

वो मनीष सिसोदिया के साथ-साथ 36 और एक्यूज के ऊपर डॉक्यूमेंट वगैरह छुपाने के भी केसेस लगाती हैं एक्चुअली जब एजेंसीज सबके मोबाइल जब्त कर रही थी

तो ईडी ने कहा कि इस पूरी पॉलिसी ड्राफ्टिंग और इंक्वायरी के टाइम पे मनीष सिसोदिया के साथ-साथ 36 एक्यूज ने 170 मोबाइल चेंज किए जिनकी कीमत 1.38 करोड़ थी जिसमें से 1 जनवरी 2021 से 19 अगस्त 2022 के बीच में मनीष सिसोदिया के पास तीन फोन और एक सिम था उस एक सिम को इन तीन फोन में वो बदल-बदल के यूज़ करते थे

और जिसमें से दो फोन उन्होंने ईडी के हाथ ही नहीं लगने दिए और जो मोबाइल हाथ लगा भी जो एक मोबाइल उनके हाथ लगा भी वो मोबाइल नया था उस मोबाइल को ये 22 जुलाई 2022 से यूज कर रहे थे उसे पहले के जो मोबाइल थे

वो उनके हाथ ही नहीं लगे और इसके साथ-साथ अगस्त के महीने से लेके सितंबर 2022 तक इसके बीच में 18 मोबाइल बदले गए जिसमें चार सिम यूज़ हुए तो एजेंसीज कह रही थी कि एक भी मोबाइल ऐसा नहीं था

जो पुराने टाइम पे यूज़ हो रहा हो जिसकी वजह से उनको इंक्वायरी करने में दिक्कत आई तो इसके लिए अलग से केस लगाया उन्होंने तो देखिए सारी इंक्वायरी वगैरह जो थी और जो जो दिक्कतें आई ईडी ने ये सारी चीजें तो सबमिट करी करी इसके साथ-साथ ईडी ने कहा

कि जो सारा पैसा इकट्ठा हुआ था ये ऐसा तो था नहीं कि किसी के अकाउंट में गया ये ये सारा पैसा गोवा पहुंचाया गया और किस तरीके से ये पैसा पहुंचाया गया उसकी भी डिटेल्स दी उ ईडी ने कहा कि गोवा के अंदर इलेक्शन होने वाले थे

और गोवा के अंदर चार रूट से पैसा पहुंचाया गया बिना बैंकिंग का यूज किए अंगड़िया के थ्रू पहुंचाया गया देखिए अंगड़िया एक पुराना सिस्टम है जो अभी भी यूज होता है इसमें ये होता है कि मान लो आपको मुंबई से कैश भेजना है

अपने गोवा वाले दोस्त को बिना बैंक का यूज किए तो आप मुंबई के अंगड़िया में जाके कैश को जमा करोगे और आपको एक कोड मिलेगा और जो हवाला वाले होंगे ये कैश आपके दोस्त तक पहुंचा देंगे और उसका एक कमीशन ले लेंगे इस पूरे सिस्टम को अंगड़िया बोला जाता है

ये अभी भी काम करता है लेकिन इस सिस्टम को लेके कई सारे एलिगेशंस भी लगते हैं कि हवाला सिस्टम की तरह ब्लैक मनी को ट्रांसफर करने के लिए इसका यूज होता है टोटल 44.6 करोड़ जो थे वो गोवा पहुंचाए गए

टोटल अगर आप चार्ज शीट देखोगे तो उसमें 45 करोड़ लिखा है लेकिन इसमें से कुछ पैसा जो अंगड़िया थे उन्होंने अपना कमीशन काटा था तो वो मैं काट के बता रहा हूं आपको कि 44.6 वैसे चार शीट में इसको 45 करोड़ लिखा है तो मतलब कि ₹ 5 करोड़ जो थे वो गोवा के अंदर पहुंचाए गए हवाला का यूज़ करके

तो इसको इन्होंने इस तरीके से पहुंचाया कि पहले गोवा के बाहर के जितने भी अंगड़िया थे तीन-चार अंगड़िया थे उसमें उन्होंने थोड़ा-थोड़ा अमाउंट पैसा पहुंचाया फिर इन सारे अंगड़िया ने एक गोवा के अंदर एक अंगड़िया है

जिसका नाम है आर कांति लाल अंगड़िया वहां पर यह पैसा पहुंचाया और फिर वहां से आम आदमी पार्टी के तीन आउटडोर कैंपेनर्स थे इन्होंने पैसा रिसीव किया और ये सारी की सारी चीजें की कैसे गई इसके बारे में भी ईडी ने बताया तो इसमें सबसे पहले साउथ ग्रुप का एक अभिषेक बिना पल्ली था

उसने क्या किया कविता जो थी साउथ ग्रुप की उनका एक प्राइवेट सेक्रेटरी था अशोक कौशिक नाम से तो अभिषेक ने क्या किया जून 2021 को अशोक को कांटेक्ट किया और उसको बोला कि टोडापुर नारायणा न्यू दिल्ली जाओ और वहां आपको दिनेश अरोरा मिलेगा उसके पास आपको दो कैश के बैग मिलेंगे वो आपको वहां से उठाने हैं

और वो उठा के आपको विनोद नाम के आदमी को देने हैं और अशोक ने बिल्कुल वैसा ही किया उसने दो बैग उठाए जिसमें ₹ करोड़ थे विनोद नाम के आदमी को जाकर डिलीवर कर दिए अब ये जो 25 करोड़ के बैग विनोद के पास पहुंच चुके थे

विनोद ने अपने ऑफिस के एंप्लॉयज के साथ मिलके तीन अंगड़िया का यूज किया और उन अंगड़िया का यूज करके गोवा वो पैसा पहुंचा दिया और ये जो तीन अंगड़िया इसने यूज किए थे इनके नाम थे कीर्ति अंबालाल अंगड़िया यहां से इसने ₹1 करोड़ भेजे दूसरा था

नीलकांत अंगड़िया यहां से से 1.5 करोड़ भेजे गए और तीसरा था मां अंबे अंगड़िया यहां से 2 करोड़ भेजे गए तो कुल मिलाकर 225 करोड़ विनोद ने इन अंगड़िया का यूज करके गोवा पहुंचा दिए थे लेकिन सिर्फ इतने ही पैसे नहीं पहुंचाए गए

अभी और पैसे भी भेजे जाने थे जो बाकी अंगड़िया का यूज होके पहुंचने थे तो बाकी पैसे भी गोवा पहुंचाने के लिए दूसरा ग्रुप बनाया जाता है तो ये जो टास्क था ये भी साउथ ग्रुप की जो कविता थी उन्हीं के स्टाफ मेंबर अभिषेक को ही दिया जाता है और इसको कहा जाता है

कि ₹7 करोड़ हैं इसको गोवा पहुंचाना है अब अभिषेक क्या करता है कि एक अरविंद सिंह नाम का एक आदमी था जो कि अहेड न्यूज़ चैनल में हेड था था तो इस अरविंद सिंह को ये काम देता है 7 करोड़ गोवा पहुंचाने के लिए

और अरविंद क्या करता है ये 7 करोड़ उठाता है और केएस एंटरप्राइज अंगड़िया जो है वहां पे जाके जमा करता है और उसके थ्रू ये पैसा गुवा पहुंचा देता है और इसी तरीके से एक दामोदर प्रसाद नाम का आदमी था जिसको 12 करोड़ दिए जाते हैं

और वो भी एक अशील कॉरपोरेशन अंगड़िया इसका यूज करता है और 12 करोड़ गोवा पहुंचा देता है तो ऐसे करके 44.6 करोड़ जो थे वो गोवा के अंगड़िया में कांतिलाल अंगड़िया जो था वहां पे पहुंच गए थे

लेकिन ईडी जब दामोदर का कनेक्शन बता रही थी तो उसमें दो-तीन चीजें अलग से मेंशन करती ईडी कहती है कि ये जो दामोदर प्रसाद है यह शेरिट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड इसमें काम करता है और यह जो शेरिट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड है यह गोवा के अंदर आम आदमी पार्टी की आउटडोर कैंपेनिंग संभाल रही थी

तो अब इसके बाद होता क्या है कि जितना भी पैसा था गोवा के अंदर आर कांतिलाल अंगड़िया जो है उसके अंदर पहुंच चुका था अब ईडी जब ये ट्रेल पकड़ती है कि गोवा के अंदर एक आर कांतिलाल अंगड़िया है

जहां पे ये सारा पैसा इकट्ठा हो रहा है तो इस आर कांतिलाल अंगड़िया के ऊपर वो रेड मारती है जितने भी डॉक्यूमेंट नोट्स चीट्स वगैरह थी स्लिप वगैरह जो थी उनको सीज कर देती है और इस अंगड़िया में एक एंप्लॉई था

सागर पटेल तो इसको उठा के पुलिसिया अंदाज में जब इससे पूछा जाता है तो ये सारी चीजें बताना स्टार्ट करता है कि किसने कब और कैसे पैसे उठाए सागर पटेल अपने ऑफिशियल बयान में बताता है कि तीन आदमी आए प्रिंस कुमार चरणपुर प्रिंस जो था वो ₹ 8000 लेके गया चरपर लेके गया और जो रवि था

वो 27 करोड़ इतना कैश ये लोग आर कांतिलाल अंगड़िया से उठा के ले गए थे अब ये सारी चीजें जब एजेंसीज को पता चलती है तो वो पता करती है कि ये तीनों हैं कौन तो इसमें पता चलता है कि शेरिट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ये जो कंपनी है

जो आम आदमी पार्टी की आउटडोर कैंपेनिंग कर रही थी ये इसके एंप्लॉई हैं प्रिंस कुमार जो था वो परमानेंट एंप्लॉई था चरण प्रीत जो था वो ऑन एंड ऑफ फ्रीलांस पे काम करता था इलेक्शन के टाइम पे काम बहुत ज्यादा था तो अपने साथ एक राजीव नाम के बंदे को अंदर ले आया था

और जब ईडी और ज्यादा अंदर घुसती है और बैंक स्टेटमेंट चेक करती है तो पता चलता है कि चरपट में फरवरी 2022 को आम आदमी पार्टी के थ्रू डायरेक्ट सैलरी ट्रांसफर हुई थी और ये जो सारी कहानी मैं बता रहा हूं ये शॉर्ट में बता रहा हूं ये जो भी चीजें बताई गई हैं

इन सारी ची चीजों को एस्टेब्लिश करने के लिए अलग-अलग डिटेल्स भी दीए हैं एडी ने जैसे जब प्रिंस वहां पे पहुंचा तो उसने स्लिप ली उस टाइम पे फोन कन्वर्सेशन क्या हुई और जब ये तीनों वहां पे पहुंच रहे थे तो उस टाइम की जो कॉल लॉक थी वो सारी डिटेल्स उन्होंने मैच करी और कॉल रिकॉर्डिंग भी मैच करी तो इस तरीके से वो पूरी कहानी बनाई और ईडी यहां पे भी रुकती नहीं है

इस पैसे को आम आदमी पार्टी ने कैसे यूज किया उसके लूप होल भी शेयर करती है ईडी ने कहा कि पूरे गोवा के इलेक्शन में जितनी भी वेंडर कंपनी थी

उनको कुछ अलग ही तरीके से पेमेंट करी पार्ट कैश पार्ट बिल में पेमेंट की कुछ पैसा इन्होंने कैश में दिया और कुछ पैसा इन्होंने बिल बना के दिया एक वेंडर कंपनी थी ग्रेस एडवरटाइजिंग इसका एक एंप्लॉई था

इस्लाम काजी इसने ईडी को बताया कि कुछ ही पार्ट था पेमेंट का जो लीगल इनवॉइस की तरह दिया गया बाकी सारी पेमेंट जो थी वो कैश में दी गई इस्लाम काजी जब इलेक्शन के टाइम पे ये सारी चीजें कर रहा था तो इसने अपनी एक जानने वाली कंपनी थी जो कि इसने आम आदमी पार्टी की कैंपेनिंग के लिए लगा दी थी जिसका नाम था

स्पार्क्स एंटरटेनमेंट तो ईडी क्या करती है स्पार्क्स एंटरटेनमेंट जो थी उसके कुछ एंप्लॉयज के भी फोन जब्त कर लेती है और उसकी जब तहकीकात होती है तो उसमें पता चलता है कि पार्ट कैश और पार्ट बिल में पेमेंट की गई ये उस चैट की कॉपी है जो ईडी ने कोर्ट के अंदर लगा लगाइए कई ऐसी वेंडर कंपनी थी

जिन्होंने आम आदमी पार्टी को सर्विसेस दी थी गोवा इलेक्शन में उनको अंगड़िया से पैसा दिलवाया गया जहां साउथ ग्रुप ने पैसा जमा किया था इसके लिए ईडी ने कई सारी चिट्स थी स्लिप्स थी उनके भी प्रूफ दिए इस्लाम काजी जो था

उसके भी 6.29 लाख जो थे ये पैसा डायरेक्ट देने की बजाय आर कांतिलाल अंगड़िया से उठवा को कहा गया ऐसे ही एरन डिसूजा था इसकी टोटल पेमेंट थी 13.6 लाख उसमें से 5.5 लाख जान पूछ के कैश में दिए गए ईडी ने क्या किया गोवा इलेक्शन के टाइम पे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता को भी उठा लिया

उसने अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट में बताया कि गोवा इलेक्शन में जो भी खर्चा किया था आम आदमी पार्टी के वॉलेट्स ने वो सारा पैसा डिजिटल पेमेंट्स की बजाय कैश में दिया गया और जो एडवर्टाइजमेंट और होल्डिंग से रिलेटेड काम करवाया गया था उसका पैसा हवाला से दिया गया

ईडी ने कहा कि विजय नायर जो कि सीएम केजरीवाल का मिडल मैन था उसने इलेक्शन के टाइम पे बोगस इनवॉइस रेज कराए ब्लैक मनी को वाइट मनी में दिखाने के लिए देखिए इसमें और भी बहुत सारी चीजें हैं जैसे क्रेडिट नोट का यूज किया गया करेंसी नोट के ऊपर जो नंबर होता है

उसको कोड बना के फंड्स घुमाए गए ये सारी चीजें चार्ट शीट प मेंशन है लेकिन वीडियो और ज्यादा लंबी हो जाएगी तो आप एक बार पढ़ लीजिए डिस्क्रिप्शन में मैंने लिंक दिया है तो देखिए जब इधर सारी चीजें चल रही थी

और पैरेलली सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी नोटिस भेज रही थी लेकिन वो आ नहीं रहे थे अब जब नौ समवन ईडी ने भेजे थे अरविंद केजरीवाल को जब वो उसपे नहीं आए तो इसके बाद ईडी ऑफिशल जो थे

वो केजरीवाल के रेसिडेंट पहुंचते हैं पहले उनके घर की पूरी तरीके से छान मन करते हैं फिर दो घंटे उनसे बैक टू बैक क्वेश्चनिंग करते हैं उनके मोबाइल फोन और उनके फैमिली मेंबर के मोबाइल फोन जो थे

उनको जब्त करते हैं और इसके बाद ये लोग सीएम केजरीवाल को अरेस्ट कर लेते हैं जो कि आपने देखा ही होगा और देखिए इसमें क्वेश्चन ये है

कि सीएम केजरीवाल को किस वजह से पकड़ा गया अब ऐसे ही कोई अगर इल्जाम लगा देगा तो डेल्ली के सीएम को आप थोड़ी पकड़ लोगे इनफैक्ट सीएम केजरीवाल ने अपने पास कोई भी पोर्टफोलियो नहीं रखा था

उन्होंने सारे के सारे पोर्टफोलियो अलग-अलग लोगों को दे रखे थे एक साइन तक नहीं किया था उन्होंने किसी भी डॉक्यूमेंट पे तो देखिए सीएम केजरीवाल की मुसीबत इसलिए बढ़ी क्योंकि वो आम आदमी पार्टी के हेड थे और आम आदमी पार्टी के ऊपर ये एलिगेशन है

कि उसको इस पूरे केस में इलेक्शन में फायदा हुआ पॉलिसी चेंज करा के तो इसी वजह से एजेंसीज ने आम आदमी पार्टी के हेड सीएम केजरीवाल को मेन कल प्रेंट बनाया संजय सिंह का केस मैंने आपको बताया था

कि उनका केस इससे थोड़ा हट के था लेकिन इसमें मेन मुसीबत जो है वो सीएम केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की है मनीष सिसोदिया की इसलिए क्योंकि उन्होंने इस पूरी पॉलिसी को बनाया था

और सीएम केजरीवाल उस पार्टी के हेड हैं और अगर वो हेड ना होते खाली सीएम होते तो उनकी मुसीबतें इतनी नहीं बढ़ती आम आदमी पार्टी के लीडर्स ने क्लीयरली बोल दिया है कि हमारे अकाउंट से किसी को भी कोई पैसा नहीं मिला

लेकिन एजेंसीज का जो कंसर्न है वो इस चीज को प्रूफ करने में नहीं है कि डायरेक्टली इनके अकाउंट में पैसा मिला है कि नहीं उनका कहना है कि पॉलिसी ऐसी बनाई गई थी

जिसकी वजह से एक यूनिक और इनडायरेक्ट तरीके से ब्राइब ली गई जिसमें आम आदमी पार्टी को इलेक्शन में फायदा हुआ और देश का जो पैसा था उसका नुकसान हुआ और इसी पर्टिकुलर चीज को एजेंसीज जो है वो कोर्ट के अंदर प्रूफ करने में लगी हुई और इसी वजह से गिरफ्तारी भी हो रही है

एजेंसीज ने ये भी कहा है कि उनके पास और भी प्रूफ है अभी वो आगे रखेंगे अभी उनकी इन्वेस्टिगेशन चल रही है इस पूरे केस में आम आदमी पार्टी ने भी एलिगेशंस लगाए हैं इलेक्टोरल बंड की भी बात हुई है

ये सारी चीजें जब कोर्ट के अंदर और डेवलप होंगी तो उसके ऊपर भी मैं वीडियो लेके आऊंगा लेकिन एजेंसीज के लिए ये चीज बहुत ही मुश्किल है क्योंकि 2जी स्कैम का भी एग्जांपल देते हैं

लोग कि वहां पे भी ऐसा ही हुआ था मनी ट्रेल आखिरी तक एजेंसीज पकड़ नहीं पाई इसी वजह से ए राजा वगैरह जो थे उस केस के एंड में छूट गए थे

लेकिन फिलहाल तो सिचुएशन ये है कि दिल्ली की जो जनता है वो इस पूरे गेम में सफर कर रही है क्योंकि दिल्ली की आधे से ज्यादा जो लीडरशिप है जिनको काम करना था वो जेल में बैठी है

धन्यवाद

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