Jack Ma: Ek Aadmi Jo Kabhi Nahi Ruka | Alibaba.com

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छोटे से शहर में जन्मा। एक गरीब लड़का जो पढ़ाई में एवरेज था यह लड़का फोर्थ क्लास में दो बार 5 वी क्लास में तीन बार और ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज एंट्रेंस में पांच बार फेल हो जाता है जैसे तैसे पढ़ाई पूरी करके वह 31 जॉब इंटरव्यूज देता है और हर इंटरव्यू में रिजेक्ट हो जाता है।

फिर वो चीन में फ्लॉप मानी जाने वाली केएफसी में एक वेटर की जॉब का इंटरव्यू देता है लेकिन इस बार उसे ऐसा रिजेक्शन मिलता है जिससे कि वह अपने करीबी लोगों से आंखें नहीं मिला पाता दरअसल केएफसी में 24 कैंडिडेट्स ने इंटरव्यू दिए जिसमें से 23 लोग तो सिलेक्ट हो गए लेकिन यह यह एक अकेला इंसान सिलेक्ट नहीं हुआ रिजेक्ट हो गया।

फिर उसने जैसे तैसे करके अपनी कंपनी शुरू की लेकिन उसमें भी उसका दीवाला निकल गया मगर उस लड़के ने हार नहीं मानी और बना डाली दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट और एक्सपोर्ट कंपनी जी हां हम बात कर रहे हैं अली बाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा की जिन्होंने अपने जीवन में इतना स्ट्रगल किया कि खुद हार ने भी उनके सामने हार मान ली किस्मत की लकीरें भी बदलने को मजबूर हो गई और सफलता ने उनके कदम चूम लिए।

आज हम आपको जैक मा की इसी स्ट्रगल स्टोरी से रूबरू कराएंगे और बताएंगे उनकी ऐसी लाइफ चेंजिंग एडवाइस जिसे अगर आपने अपना लिया तो ना तो आपको सफल होने से कोई रोक पाएगा और ना ही आपको कोई पीछे खींच पाएगा। 

15 अक्टूबर 1964 साउथ ईस्टर्न चाइना के गरीब परिवार में जैक मां का जन्म होता है जैक बचपन से ही दिखने में एवरेज और शर्मीले स्वभाव के थे स्कूल में जैक से छोटी उम्र के स्टूडेंट्स भी उन्हें काफी परेशान किया करते थे जिससे कि जैक काफी अंडर कॉन्फिडेंट हो गए थे और वह आए दिन एग्जाम्स में भी फेल होते रहते थे।

जैक जब फोर्थ क्लास में थे तो उनके साथ पढ़ने वाले बच्चे 8 क्लास में पहुंच चुके थे और जब उन्होंने दसवीं कक्षा के एग्जाम दिए तब तक तो उनके दोस्तों ने ग्रेजुएशन भी पूरी कर ली थी इसी बीच 1972 में अमेरिकन प्रेसिडेंट निक्सन जैक मा के शहर हिंजू  पहुंचे और इस शहर की खूब तारीफ की जिससे कि यह शहर चाइना के फेमस टूरिस्ट प्लेस में एक बन गया।

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और देश-विदेश के टूरिस्ट यहां पर घूमने के लिए आने लगे जैक मा को बचपन से ही इंग्लिश लैंग्वेज में काफी दिलचस्पी थी इसीलिए उन्होंने अमेरिका से आए टूरिस्ट को शहर घुमाना शुरू कर दिया और बदले में जैक उनसे पैसे वैसे नहीं लेते थे बल्कि इंग्लिश बोलना सीखते थे अगले 9 सालों तक जैक हर रोज 27 किमी साइकिल चलाकर टूरिस्टो को अपना शहर दिखाते और इंग्लिश सीखते जिससे कि इंग्लिश लैंग्वेज पर उनकी पकड़ काफी बेहतर हो गई।

हाई स्कूल पास करने के बाद जैक मा ने अपने शहर की बिल्कुल एवरेज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करना चाहा लेकिन यहां भी वो एंट्रेंस एग्जाम में पांच बार फेल हो गए फिर जैसे-तैसे करके उन्हें एडमिशन मिला और 1988 में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की

जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए 24 साल के जैक ने एक के बाद एक करके टोटल 31 इंटरव्यूज दिए जो साल भर चले लेकिन जैक मां हर इंटरव्यू में फेल हो जाते फिर उन्होंने आखिरी इंटरव्यू दिया केएफसी में लेकिन इंटरव्यू देने वाले 24 कैंडिडेट्स में से एक कैंडिडेट को सेलेक्ट नहीं किया गया और वो थे जैक मां।

जैक अब इतनी बार फेल हो चुके थे कि अब तो हारना उनके लिए डेली रूटीन का हिस्सा बन चुका था वह हर सुबह उठकर कोई ना कोई काम करने की कोशिश करते और शाम होते-होते उसमें फेल हो जाते लेकिन जैक मा कहते हैं अगर आप हार नहीं मानते तो आपके पास अभी भी एक मौका है और मैं उस मौके को तब तक आजमाता रहूंगा जब तक मैं जीत नहीं जाता।

जैक मा के सपने काफी बड़े थे लेकिन अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उन्हें एक लोकल यूनिवर्सिटी में इंग्लिश प्रोफेसर की जॉब शुरू करनी पड़ी उस वक्त उन्हें $12 पर मंथ की सैलरी मिलती थी दूसरी तरफ जैक हॉवर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन के लिए 10 बार एप्लीकेशन दे चुके थे लेकिन हमेशा की तरह उन्हें यहां भी रिजेक्शन ही मिला।

जिसके बाद उन्होंने मार्केट में एक प्रॉब्लम महसूस की दरअसल उस वक्त चाइनीज बिजनेस मेंस को इंग्लिश समझ नहीं आती थी जिससे कि उनके एक्सपोर्ट बिजनेस पर काफी असर पड़ता था इसीलिए जैक ने जॉब के साथ हाइबो ट्रांसलेशन एजेंसी शुरू की हालांकि उनकी वह कंपनी भी बुरी तरह से फेल हो गई।

लेकिन जैक ने टूरिस्ट के साथ रहकर काफी नेटवर्किंग कर ली थी और साल 1995 में उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला जहां उन्होंने पहली बार इंटरनेट के बारे में सुना जैक के दोस्तों ने उन्हें कंप्यूटर पर कुछ भी सर्च करने के लिए कहा लेकिन उन्हें कंप्यूटर को छूने से भी डर लग रहा था मगर फिर उन्होने जब कुछ बिजनेसेस के बारे में सर्च किया तो उन्हें एक चीज कॉमन दिखी किसी भी सर्च ब्राउजर पर चाइनीज सप्लायर्स लिस्टेड ही नहीं थे।

तभी जैक मा के दिमाग में एक आईडिया आया और चीन वापस आकर उन्होंने तुरंत अपनी एक और कंपनी शुरू कर दी जिसका नाम था चाइना पेजस यह कंपनी लोकल बिजनेस ओनर्स को वेबसाइट बनाकर देती थी लेकिन उन्हें ना तो क्लाइंट्स मिले और ना ही इंवेस्टमेंट और एक बार फिर जैक को अपनी कंपनी बंद करनी पड़ी अब जैक पूरी तरह से टूट चुके थे।

और उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि करूं तो क्या करूं लेकिन उनके दिमाग में यह बात बिल्कुल क्लियर थी मेरे पास रुकने का कोई ऑप्शन नहीं है कुछ समय के बाद जैक ने फिर से हिम्मत जुटाई और अपने 16 दोस्त और पत्नी के साथ मिलकर एक और कंपनी शुरू की जिसका नाम था alibaba.com.

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यहां छोटे व्यापारी अपने प्रोडक्ट्स लिस्ट कर सकते थे और इंटरनेशनल क्लाइंट्स उन्हें डायरेक्ट कांटेक्ट कर सकते थे जैक ने यहां मिडल मैन का कांसेप्ट ही हटा दिया और alibaba.com एक तरह से होल सेलर्स की ई-कॉमर्स वेबसाइट बन चुकी थी जिससे कि लोकल चाइनीज बिजनेसमैन को काफी फायदा मिला लेकिन जैक ने पूरे 3 सालों तक वेबसाइट से कुछ नहीं कमाया।

फिर अक्टूबर 1999 में उन्होंने पांच मिलियन डॉलर्स की फंडिंग उठाई और 2005 में yahoo ने alibaba.com में 40% शेयर्स के लिए 1 बिलियन डॉलर की इन्वेस्टमेंट की अब जैक मा की कंपनी चाइना के एक्सपोर्टर्स के लिए एक गो टू प्लेस बन गई थी और अगले 10 सालों में जैक ने अपने इस बिजनेस को इतना ग्रो किया कि सितंबर 2014 में जब अली बाबा ग्रुप का आईपीओ आया तो उस वक्त का यह दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ बन गया।

Google के भी IPO से बड़ा और जैक मा चीन के सबसे अमीर बिजनेसमैन बन गए जिनकी आज की कुल समाप्ति है 2400 करोड़ यूएस डॉलर्स अब जिस इंसान ने अपने जीवन में इतने उतार चढ़ाव देखे उसके बावजूद कभी हार नहीं मानी और दर्जनों बार फेल होने के बाद ऐसा बाउंस बैक किया कि हार भी उनके सामने हार गई।

उनकी दी गई एडवाइस हमारी जिंदगी बदल सकती है तो चलिए मुश्किलों से लड़ने की आपकी हिम्मत को और ज्यादा बढ़ाने के लिए जैक मां की लाइफ चेंजिंग स्पीच पढ़ते है हिंदी में जैक मां कहते हैं जब मैं 40 के उम्र तक पहुंचा तब जाकर मुझे एहसास हुआ कि असल में मुझे जिंदगी में करना क्या है मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि बिजनेसमैन बनूंगा मैं या एक टीचर बनूंगा लेकिन मैं वही बना जो मैंने कभी सोचा ही नहीं था।

दूसरी तरफ जिस प्रोफेशन में जाने का मैं सपना देखा करता था वहां मुझे बार-बार ठुकरा दिया गया पुलिसमैन बनने गया रिजेक्शन मिला केएफसी में बेटर बनने गया वहां भी 24 में से सिर्फ एक कैंडिडेट रिजेक्ट हुआ था वो था मैं इसलिए यह जरूरी नहीं कि हर सपना जो आप देखते हैं वह पूरा हो लेकिन असल खेल बेस्ट बनने का नहीं पहला कदम उठाने का है मैदान में पहले उतरना बेस्ट बनने से ज्यादा जरूरी है।

खुद को चुनौतियों के अनुसार ढालना और बदलते वक्त के साथ आगे बढ़ना सबसे बड़ी सीख है ओलंपिक में गोल्ड मेडल सिर्फ एक ही इंसान जीत सकता है और मुझे नहीं लगता कि मैं गोल्ड जीतने के काबिल हूं लेकिन मैंने नई चीजों को आजमाया अपनी अलग क्षमताओं को पहचाना और सही दिशा में लगाया मेरे लिए सबसे जरूरी यह नहीं था कि मैं किसी और की तरह बनूं बल्कि यह था कि मैं खुद अपनी तरह बनू।

आज की दुनिया जितनी चुनौतियों और संभावनाओं से भरी है उतनी ही यह 2000 साल पहले भी थी और मुझे पूरा यकीन है कि 2000 साल बाद भी हालात ऐसे ही रहेंगे बस फर्क इस बात से पड़ता है कि आप इन चीजों को किस नजरिए से देखते हैं कुछ लोग हर मौके को चुनौती मान लेते हैं न्यू जनरेशन अक्सर शिकायत करती है कि उनके पास कोई अपॉर्चुनिटी नहीं है।

मैं भी जब उनकी उम्र का था तो यही सोचता था कि सारी मलाई तो बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स खा गए हमारे लिए तो कुछ बचा ही नहीं लेकिन सच्चाई यह है कि मौके हमेशा चुनौतियों में छुपे होते हैं अगर आप इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं तो इस बात में कोई दोराय नहीं कि सफलता आपके कदम चूमेगी जितनी बड़ी चुनौती उतनी ही बड़ी आपकी सफलता होगी।

मेरी बात कान खोलकर सुन लो इस दुनिया में कुछ भी आसान नहीं है कुछ भी फ्री में नहीं मिलता हमें हर चीज की कीमत चुकानी पड़ती है और अगर आपको सफलता पानी है तो उसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी मेहनत त्याग और धैर्य के बिना कोई भी ऊंचाई नहीं छू सकता अली बाबा को आज 25 साल हो गए हैं लोग कहते हैं कि हम लकी हैं लेकिन सच तो यह है कि हमने दूसरों से काफी ज्यादा मेहनत की है।

इसीलिए तो हम यहां तक पहुंचे आपको यकीन नहीं होगा लेकिन पिछले एक साल में मैंने 867 घंटे हवाई जहाज में सफर करते हुए बिताए हैं जब हम अपनी कंपनी को ग्रो करने की कोशिश में लगे हुए थे तो हम हर दिन कई फैसले लेते थे और हमें लगता था कि वह बहुत स्मार्ट डिसीजन है लेकिन जब उन पर काम किया तब एहसास हुआ कि वह बेहद बेवकूफी भरे फैसले थे।

लेकिन हमने उन्हीं गलतियों से सीखा और खुद को सुधारते चले गए सुधारते चले गए और बस हम धीरे-धीरे करके यहां तक पहुंच गए आज की नई जनरेशन को सिर्फ यही सलाह देना चाहूंगा कि अगर आपको सफल होना है तो आपको दूसरों से अलग सोचना पड़ेगा दूसरों से अलग काम करने पड़ेंगे और आपको यह बात समझनी होगी अगर आज का दिन मुश्किल है तो कल का दिन और भी मुश्किल होगा।

लेकिन उसके बाद का दिन बेहद शानदार होगा लेकिन अक्सर यही होता है कि ज्यादातर लोग कल की मुश्किलों से डरकर आज हार मान लेते हैं अगर आप बस स्ट्रगल करते रहे खुद को रोज मेहनत की ट्रेनिंग दें तो आप शानदार कल जरूर देखेंगे आपका ग्रेजुएट होना सिर्फ एक सर्टिफिकेट देता है जिसके लिए आपने पैसे दिए थे लेकिन लाइफ की असली एग्जाम तो तब शुरू होती है जब आप कॉलेज से बाहर निकलते हैं।

लेकिन आप भविष्य की चिंता बिल्कुल मत करिए क्योंकि जब आप चिंता करने लगते हैं तो आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस और आपकी इमेजिनेशन पावर दोनों खत्म होने लगती है इसलिए खुद पर भरोसा रखो गलतियां करो उनसे सीखो और आगे बढ़ते रहो मेरे हिसाब से जिंदगी एक सफर है और हम इसमें खुश और स्वस्थ रहने के लिए आए हैं।

अगर आप हैप्पी नहीं है तो आप हेल्दी नहीं रह सकते और अगर आप हेल्दी नहीं है तो आप हैप्पी नहीं रह सकते इसीलिए मेरे लिए खुश रहना और स्वस्थ रहना एक ही बात है आने वाले 30 सालों में टेक्नोलॉजी की वजह से लोग पहले से ज्यादा लंबी जिंदगी जी सकेंगे लेकिन लंबी जिंदगी मिलने का मतलब यह नहीं है कि वह स्वस्थ भी होंगे इसी वजह से हेल्दी रहना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।

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अगर आप लंबा जिए लेकिन हमेशा बीमार और कमजोर रहे तो ऐसी जिंदगी का क्या फायदा असल सफलता लंबी नहीं बल्कि स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जीने में है तो दोस्तों आपने जैक मा की स्ट्रगल स्टोरी और स्पीच से क्या सीखा। ?

सोच बदलो – जिंदगी खुद बदल जाएगी – The Story Of The Beggar || Motivational Story 2025

https://youtu.be/XkKD-Ba6Zo4?si=9f50V25xsw7i-JqG

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