क्यों इस लेडी IAS से डरता था पूरा सरकारी सिस्टम ?कैसे किया 17 हजार करोड़ का Scam

क्यों इस लेडी IAS से डरता था पूरा सरकारी सिस्टम ?कैसे किया 17 हजार करोड़ का Scam

क्यों इस लेडी IAS से डरता था पूरा सरकारी सिस्टम ?कैसे किया 17 हजार करोड़ का Scam 5 मई रात 8 बजे ED के जॉइंट डायरेक्टर कपिल राज दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में डिनर कर रहे थे तभी अचानक उनके पास एक कॉल आती है कॉल करते ही तुरंत वो डिनर छोड़कर अपने ऑफिस की तरफ जाते हैं लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ था? 

क्यों इस लेडी IAS से डरता था पूरा सरकारी सिस्टम ?कैसे किया 17 हजार करोड़ का Scam
क्यों इस लेडी IAS से डरता था पूरा सरकारी सिस्टम ?कैसे किया 17 हजार करोड़ का Scam

 

कि कपिल राज को एक तुरंत ऑफिस जाना पड़ा ऑफिस पहुंचकर उन्होंने अपनी टीम के सभी मेंबर्स को कॉल किया और तुरंत राची पहुंचने के लिए बोला और वह खुद भी ED की तीन टीमों के साथ तुरंत दिल्ली से झारखंड के लिए रवाना होते हैं।

सभी मेंबर्स को झारखंड के रांची में पहुंच कर मिलना था वो अलग-अलग जगह से अलग अलग गाड़ी से रांची पहुंचते हैं कोई कार से वहां पर पहुंचता है तो कोई बस या फिर बाइक से रात के 12:00 बजे तक पूरी टीम राची पहुंच जाती है जहां उन्हें बताया जाता है कि यह एक टॉप सीक्रेट मिशन है इसके बारे में किसी को कानो कान खबर नहीं होनी चाहिए यहां तक कि इस सीक्रेट मिशन के बारे में लोकल पुलिस को भी पता नहीं चलना चाहिए।

क्योंकि यह एक बड़े IAS ऑफिसर के घोटाले का  मामला है झारखंड में करप्शन, इल्लीगल माइनिंग और ब्लैक मनी का नाम आने पर या तो ED का नाम आता है या फिर इस ऑफिसर का कहते हैं इस ऑफिसर ने दौलत और ताकत तो कमाई लेकिन कुछ ऐसा कर गई जिसकी वजह से पैसा और इज्जत दोनों खो दिया अब सवाल यह आता है कि आखिर यह ऑफिसर कौन थी जिस पर रेड करने के लिए ना केवल दिल्ली से तीन टीमें आई बल्कि लोकल मीडिया और नेशनल मीडिया भी पीछे घूमती रही।

इस कहानी की शुरुआत होती है उत्तराखंड के देरादून से 7 जुलाई 1978 को एक लड़की का जन्म होता है जिसका नाम था पूजा सिंघल स्कूल और कॉलेज को टॉप करने के बाद IAS के लिए तैयारी करने वाली यह लड़की साल 2000 में महज 21 साल 7 दिन की उम्र में उस समय की सबसे यंगेस्ट IAS ऑफिसर बनी इसके लिए इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे कम एज में IAS बनने वाली लड़की के रूप में दर्ज किया गया।

आज तक के IAS द्वारा किया गया सबसे बड़ा स्कैम

स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक स्टूडेंट ऑफ द ईयर रहने वाली पूजा सिंगल की पहली पोस्टिंग झारखंड के हजारी बाग में SDO के पद पर होती है और फिर यहीं से इनका IAS का सफर शुरू होता है यहां पर इन्हें एजुकेशन डिपार्टमेंट में हो रहे एक घोटाले के बारे में पता चलता है जिसमें सरकारी योजनाओं के बुक्स को कुछ लोगों द्वारा इलीगली बेचा जा रहा था यानी ब्लैक मार्केटिंग की जा रही थी।

यह तुरंत अपनी टीम को बुलाती हैं और अपनी टीम के साथ हर उस जगह पर छापामारी करती हैं जहां से इस अवैध काम को ऑपरेट किया जा रहा था छापेमारी में मिली सभी बुक्स को जब्त किया जाता है और ब्लैक मार्केटिंग करने वाले इन लोगों को हवालात के पीछे धकेल दिया गया और फिर इस रेड की सक्सेस के साथ ही इनके प्रमोशन का दौर शुरू हो जाता है।

इन्हें टाइटल दिया जाता है एक दबंग आईएएस ऑफिसर का उस समय आईएएस की तैयारी करने वाली हर स्टूडेंट का सपना था कि वह पूजा सिंघल की तरह दबंग आईएएस ऑफिसर बने इसी बीच इनकी मुलाकात होती है इनके सीनियर ऑफिसर डेप्युटी  कमिशनर राहुल पवार से और फिर धीरे-धीरे यह दोनों पास आ जाते हैं।

इनकी लव स्टोरी भी आईएएस टीना डाबी और अथर  खान की तरह है उस समय अगर सोशल मीडिया का क्रेज आज की तरह होता तो बच्चे बच्चे की जुबा पर पूजा सिंघल का नाम होता खैर इनकी लव स्टोरी के बारे में हम आपको लास्ट में बताएंगे पहले हम यह जानते हैं कि दूसरों पर रेड करने वाली आईएएस पूजा सिंघल पर इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के द्वारा रेड क्यों की जा रही थी। 

ऐसा नहीं है कि शुरुआत से ही पूजा ने करप्शन करना स्टार्ट कर दिया हो इन्होंने बहुत अच्छे से काम किया है जब यह राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में डायरेक्टर थी तो इन्होंने यहां पर फैसिलिटी को इंप्रूव करने और मैनेजमेंट को सही करने में एक बड़ा रोल प्ले किया है गवर्नमेंट फंड से डिसेबल लोगों की मदद की बेड की संख्या को 1000 से बढ़ाकर 1500 करवाया।

डॉक्टर और नर्सेस को नियम से काम करने पर जोर दिया महिलाओं की पिछली सोच को बदलने का प्रयास भी किया यह तक कि अपनी विधवा मां की शादी भी करवाई अभी तक इनकी लाइफ में सब कुछ सही चल रहा था लेकिन अब यह समय आ गया था कि इन पर करप्शन के आरोप लगना शुरू हो गए थे यह कोई छोटे-मोटे आरोप तो थे नहीं बल्कि करोड़ों के घोटाले के आरोप थे इन पर सबसे पहले आरोप यह लगा कि जब यह 2007 में चतरा की डेप्युटी कमिश्नर थी तब इन्होंने 1 करोड़ 43 लाख के मनरेगा के पैसे का घोटाला किया था।

और जब इन्हें लगा कि इस घोटाले पर ध्यान देने वाला कोई है नहीं तो इन्होंने इस घोटाले को जारी रखा और लगभग ₹6 करोड़ रुपया जमा कर लिया था और फिर जब 2008 में इनका ट्रांसफर खूंटी में हुआ और खूंटी की डेप्युटी कमिशनर बनी तो काले पैसे को छिपाने के लिए इन्होंने यह पैसा दो एनजीओ को दे दिया जबकि फाइल्स में ऐसा दिखाया गया कि आयुर्वेदिक औषधि वायग्रा और मूसली की खेती में पैसा लगाया गया है।

जबकि ऐसी कोई खेती तो हुई ही नहीं थी और फिर 2009 से 2010 तक इस घोटाले में लगभग 18 करोड़ की हेरा फेरी की गई मनरेगा घोटाला तब सामने आया जब पूजा सिंघल की जगह पर आए दूसरे डेप्युटी कमिश्नर ने इंजीनियर्स के द्वारा किए गए काम के हिसाब किताब की जांच के लिए एक इन्वेस्टिगेशन कमेटी बनाई इस इन्वेस्टिगेशन में यह पता चलता है कि पूजा सिंघल ने मनरेगा से फंड का जो पैसा निकाला था उसके बारे में अपने सीनियर ऑफिसर्स तक को नहीं बताया।

इस मामले को लेकर 2012 में ED ने पूजा सिंघल के खिलाफ केस रजिस्टर कर लिया था इस समय झारखंड में 2010 से 2013 तक अर्जुन मुंडा की सरकार थी इन्होंने एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो को पूजा के बारे में जांच करने का आदेश दिया लेकिन चीफ मिनिस्टर के आदेश के बाद भी कोई ठोस सबूत ना होने की वजह से और झारखंड में पूजा सिंगल की पदवी और पावर को देखते हुए एसीबी ने कोई जांच नहीं की।

लेकिन उन्होंने पूजा सिंघल पर नजर रखना तो शुरू कर दिया था और अब इन इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज को तलाश थी तो एक अच्छे मौके और सबूत की इन पर एक और आरोप लगता है कि कई लोकल एरियाज में अपनी ड्यूटी देने के बाद

जब पूजा सिंघल को 2012-13 में पलामू के एक जंगल का डेप्युटी कमिशनर बनाया गया तो अथॉरिटी होने की वजह से पूजा सिंघल ने अपने आसपास के एरियाज के सभी माइनिंग ऑफिसर्स को अपने अंडर में लेकर अपने सीए सुमन कुमार के जरिए कोयला आयरन बालू पत्थर लाइमस्टोन की माइनिंग करना स्टार्ट कर दिया माइनिंग से रिलेटेड कोई भी बात करने के लिए पूजा ने अपने बावर्ची की सिम को अपने मोबाइल में डाला और फिर उसी नंबर से माइनिंग से रिलेटेड बातें होती थी।

वो भी कोड वर्ड में लेकिन पूजा सिंघल उस समय फंस गई जब इन्होंने आदिवासियों के 33 एकड़ जमीन पर प्राइवेट कंपनी उषा मार्टिन को बिना किसी सरकारी ऑर्डर के माइनिंग के लिए दे दी जिसको लेकर आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया और इस प्रदर्शन को देखते हुए वहां के डिवीजनल ऑफिसर ने इसकी जांच करवाई जिसमें पूजा सिंघल को दोषी पाया गया। ले किन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई

अब पूजा सिंघल की स्टोरी का एक किस्सा यह भी आता है कि जब 2014 से 19 में में झारखंड के चीफ मिनिस्टर रघुवर दास बने थे तो एक बार जब रघुवर दास जन संवाद कर रहे थे तो इस जन संवाद में एक व्यक्ति आता है और कहता है कि धनबाद में उसकी एक दुकान है जिस पर कुछ लोग पैसे की वसूली करने आते हैं और वह लोग बताते हैं कि यह पैसा रांची में बैठी आईएएस ऑफिसर पूजा सिंघल को देना पड़ता है।

यहां पर अब मजेदार बात यह है कि पूजा सिंगल खुद चीफ मिनिस्टर के बगल वाली कुर्सी पर बैठी होती हैं तो यह सुनकर सभी लोग ठहाके लगा कर हंसने लगते हैं और सीएम साहब उसकी बात सुनकर हंसते हुए वहां से चले जाते हैं लेकिन सीएम के साथ पूजा के संबंध अच्छे होने की वजह से पूजा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता।

अब 2019 में हेमंत सोरेन चीफ मिनिस्टर बनते हैं और पूजा सिंघल पर लगे इतने आरोपों के बाद भी इन्हें माइंस एंड इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट का सेक्रेटरी बना दिया जाता है लेकिन अगर आपको याद है तो ईडी की नजर पूजा पर बनी हुई है और इन्वेस्टिगेशन अभी भी जारी है और इसी इन्वेस्टिगेशन के दौरान 2020 में ईडी रोड कंस्ट्रक्शन में घटिया माल का यूज करने के चलते एक जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को गिरफ्तार करती है।

इस इंजीनियर के पास उसकी आय से 679% ज्यादा संपत्ति मिली और जब इस इंजीनियर के साथ पुछताछ किया गया तो पता चलता है कि घोटाले का 5% कमीशन इंजीनियर डिपार्टमेंट को भी जाता था और 15% कमीशन डीसी ऑफिस में जब ईडी ने इसकी जानकारी निकाली तो पता चला कि उस समय वहां की डीसी पूजा सिंगल थी और इस तरह ईडी को पूजा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल जाता है।

लेकिन अभी भी ईडी और इंतजार करती है जब इन्हें माइन सेक्रेटरी बनाया गया तो उसमें भी लगभग 4000 करोड़ का घोटाला हुआ और फिर इसी घोटाले के साथ पूजा सिंघल के खिलाफ मनरेगा से शुरू हुई ईडी की यह जांच इल्लीगल माइनिंग की तरफ मुड़ गई।

झारखंड के कोयले की खान धनबाद के बैकग्राउंड पर बनी बॉलीवुड फिल्म (गैंग्स ऑफ वासेपुर) तो आपने देखी ही होगी इसमें एक गाना है (काला रेस सैया काला रे तन काला रे मन काला रे काली जुबा की काली गाली सैया करते जी कोल बाजारी) अब यह गाना माइंड सेक्रेटरी आईएएस पूजा सिंगल पर 100 फीसद फिट बैठता है।

और अब वो डेट आ चुकी थी कि जब कई सालों के बाद ईडी का इंतजार खत्म हुआ यानी 5 मई 2022 की रात को पूरी टीम रांची में ही स्टे करती है और फिर अगले दिन सुबह होते ही सूरज की पहली किरण के साथ ईडी और अदर इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज CRPF और CISF टीम के साथ मिलकर मनरेगा और माइनिंग घोटाले के आरोपियों को रेड करने के लिए रवाना हो जाती है।

जिसके लिए ईडी की टीम ने पांच स्टेट्स झारखंड बिहार ,पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में 25 जगह पर रेड किया जिसमें रांची जयपुर दिल्ली कोलकाता, मुजफ्फरनगर शामिल हैं सबसे पहले ईडी की अलग-अलग तीन टीम पूजा सिंघल के बंगले पर उनके सीए सुमन सिंह के घर और पूजा सिंघल के पति डॉक्टर अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल में पहुंचती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि इनकी प्रेम कहानी तो डेप्युटी कमिश्नर राहुल पवार के साथ चल रही थी इनके बारे में भी आपको बताएंगे फिलहाल चलते हैं अपनी कहानी पर देखिए जब ईडी की टीम पूजा सिंघल के घर का दरवाजा खटखटाती है और कहती है कि हमें आपके घर की तलाश लेनी है हमारे पास वारंट है यह सुनते ही जल्द से जल्द पैसा कमाने का लालच रखने वाली पूजा सिंघल को एक जोर का झटका लगता है।

इनके घर की जांच के समय एक रेड डायरी मिलती है जिसमें इस घोटाले से जुड़े हुए नेता और ऑफिशल्स जानकारी भी मिली इनके पति के पल्स हॉस्पिटल में हुई अचानक रेड में हॉस्पिटल में प्रेजेंट सभी लोगों को रोक लिया गया और बिना आईडी प्रूफ दिखाए किसी को बाहर तक नहीं जाने दिया सबसे ज्यादा रुपया पूजा के CA कुमार के पास मिला जब उससे इस पैसे के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि मैं कई कंपनीज का सीए हूं तो इसमें से किसी का भी पैसा हो सकता है।

इससे ED को समझ में आ गया कि इतनी आसानी से जानकारी मिलने वाली नहीं है और फिर ईडी ने उसके पास से चार कार को भी जब्त कर लिया लिया और उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया दूसरी तरफ पूजा सिंघल से भी लगभग 17 से 18 घंटे पूछताछ की गई जिसमें पूजा ने कोई भी इल्जाम एक्सेप्ट करने से मना कर दिया।

और उल्टा ईडी के ऑफिशल्स को धमकाया कि यह मेरा एरिया है तुम मुझे नहीं जानते यहां तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते और फिर दिसंबर में ईडी ने उनके पति के अस्पताल डायग्नोस्टिक सेंटर और दो जगह जमीन के टुकड़ों को जब्त कर लिया जिनकी टोटल कीमत लगभग 82 करोड़ की थी इन सब अलावा उनके ससुर कामेश्वर झा के घर पर भी रेड की गई इसके अलावा जहां पूजा के माता-पिता और भाई रहते थे उस जगह पर भी रेड की गई।

इस रेड में पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह के रांची वाले आवास में 19 करोड़ 31 लाख नकद और 150 करोड़ से ज्यादा के अलग-अलग सेक्टर में किए गए इन्वेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट मिले इस छापामारी के बाद 8 मई को ईडी ने पूजा सिंगल को पूछताछ के लिए समन भेजा और फिर लगातार तीन दिन यानी 9, 10 और 11 मई को पूजा सिंघल से घंटों घंटों तक पुछताछ किया गया।

और फिर अगले दिन 12 मई के न्यूज़पेपर की ब्रेकिंग न्यूज़ थी पूजा सिंघल अरेस्टेड इस पूरी इन्वेस्टिगेशन में पता चलता है कि पूजा के पास दो पैन कार्ड थे इनके पति के हॉस्पिटल की जो जमीन थी वह विवादित थी जिसे पूजा ने ही अपने पावर का यूज करके अपने पति को दिलाई थी इस जमीन को खरीदने के लिए पूजा ने बैंक से 23 करोड़ का बैंक लोन दिलवाया था।

गुनाह साबित होने के बाद झारखंड की स्टेट गवर्नमेंट ने पूजा सिंघल को उनकी ड्यूटीज और माइनिंग सेक्रेटरी के पद से हटा दिया जेल पहुंचते ही पूजा सिंघल को चक्कर आ गया जेल कर्मियों ने दवा खिलाई तब जाकर वह होश में आई इसके बाद वह पूरी रात वहां मच्छर काटने और वर्ड में पसरी गंदगी बदबू के चलते नहीं सो सकी सुबह जेल के जमादार पर रॉब दिखाया और जेल का खाना खाने से इंकार कर दिया पूजा का कहना है कि उन्होंने इन्वेस्टिगेशन में ईडी टीम की हर तरीके से मदद की है।

और आगे भी वो ऐसे करती रहेंगी अभी उनका फिलहाल स्वास्थ्य सही नहीं है जिसकी वजह से वह चाहती हैं कि उन्हें जमानत मिलनी चाहिए लेकिन कोर्ट का कहना है कि पूजा सिंघल पर गंभीर आरोप है और इन आरोपों के पर्याप्त सबूत भी हैं जेल से बाहर आने के बाद वह इस मामले को प्रभावित कर सकती हैं ऐसा बोलते हुए इनके वकील सिद्धार्थ लूथर को तारीख पर तारीख दी जाती रही है।

वहीं बात करें तो पूजा सिंघल ने दो शादियां की थी जिसमें उनकी पहली शादी राहुल पवार से हुई थी जो 1999 बैच के आईएएस हैं जबकि पूजा 2000 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं मतलब राहुल पूजा के सीनियर ऑफिसर थे फिर बाद में इनकी आपसी अनबन के चलते उनके बीच झगड़े हुए और बात तलाक तक पहुंच गई उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम आयुषी पवार है और फिर तलाक के बाद पूजा सिंघल की मुलाकात एक बिजनेसमैन अभिषेक झा से होती है।

इस समय पूजा पलामू में डेप्युटी कमिश्नर थी इनकी बातचीत की शुरुआत फेसबुक चैट से हुई और फिर धीरे धीरे दोनों रिलेशनशिप में आ गए और फिर इन्होंने शादी कर ली अभिषेक राची में पल्स हॉस्पिटल चलाते थे।

अब देखिए ईडी की जांच के बाद पूजा सिंघल की कुल संपत्ति में राची का 80 लाख का घर 88 हजार रुपए का 7800 स्क्वायर फिर का एक प्लॉट है 4500 स्क्वायर फीट का एक कमर्शियल प्लॉट है जिसकी कीमत 1.10 करोड़ है इन सबके अलावा कोलकाता में भी एक कर है जिसकी कीमत ₹30 लाख है।

तो फिलहाल दोस्तों आज हमें ये सीखने को मिलता है कि लालच बुरी बला है इससे हमें बचकर रहना चाहिए।

https://youtu.be/KzRWwY2dyVE?si=_NzVy3mFHgb0jJ0x

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