फिल्म के प्रोड्यूसर्स पैसे कैसे कमाते है? क्या उन्हे फिल्म फ्लॉप होने से कोई फर्क पड़ता भी है?
प्रोड्यूसर को मूवी का पैसा कैसे मिलता है? फिल्म इंडस्ट्रीज का बिजनेस प्लान कैसा होता है? मूवीज इनकम को लेकर हमारे दिमाग में और भी ऐसे बहुत से सवाल है।
और अक्सर हम देखते हैं कि किसी मूवी ने 500 करोड़ कमा लिए हैं किसी ने 400 करोड़ कमा लिए हैं किसी मूवी ने तो रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है तो यह किस तरह से बिजनेस करती है आइए जानते हैं दोस्तों क्या आप भी यह सोचते हैं कि फिल्म बनाने के लिए क्या चाहिए होता है।
तो सबसे पहले हमें चाहिए होती है एक स्टोरी अगर हमारे पास एक बढ़िया स्टोरी होती है तो हमें ढूंढना होता है एक प्रोड्यूसर जो हमारे मूवी पर पैसे लगाए अब आप सोचेंगे मूवी में पैसे खर्च कहां होते हैं तो आपको बता दें मूवी की स्टोरी आपने तैयार रखी है उसके हिसाब से आपको एक्टर और एक्ट्रेस सेलेक्ट करना पड़ेगा जो भी एक्टर आप अपनी मूवी के लिए सेलेक्ट करते हैं उनकी फीस के हिसाब से आपको उनको हायर करना पड़ेगा।
अब चाहे वह सलमान खान को हायर करना हुआ या फिर आमिर खान को यह सब पैसे जो खर्च होते हैं ना वो प्रोड्यूसर करता है और एक मूवी को बनाने में जितना भी खर्चा आता है जैसे कि स्क्रिप्ट राइटिंग प्लानिंग शूटिंग ट्रेवलिंग कास्टिंग एडिटिंग सभी खर्चों को प्रोड्यूसर ही पे करता है प्रोड्यूसर ने मूवी बनाने में पैसे लगा दिए हैं और अब बारी होती है प्रोड्यूसर के पैसे कमाने की।
तो दोस्तों बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्रीज में कुछ प्रोड्यूसर्स ऐसे होते हैं जो कि खुद डिस्ट्रीब्यूटर्स भी हैं जैसे कि यशराज फिल्म्स यह खुद मूवीज को डिस्ट्रीब्यूटर हैं और कस्टमर्स तक पहुंचाकर पैसे कमाते हैं लेकिन वहीं कुछ इंडिविजुअल प्रोड्यूसर्स भी होते हैं जो कि मूवीज में पैसे लगाते हैं और फिर डिस्ट्रीब्यूटर्स को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं उसके बाद अब हम बात करते हैं
क्या प्रोड्यूसर्स को मूवी फ्लॉप या फिर हिट से क्या कोई फर्क पड़ता है या फिर नहीं ?
ज्यादातर मूवी प्रोड्यूसर्स को कोई फर्क नहीं पड़ता है मूवी फ्लॉप हो या फिर हिट हो क्योंकि वह पहले ही डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रॉफिट के साथ मूवी सेल कर देते हैं प्रोड्यूसर्स जब डिस्ट्रीब्यूटर्स को मूवी सेल कर देते हैं उसके बाद यहीं से डिसाइड होता है कि मूवी का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कितना रहा और मूवी हिट हुई या फिर फ्लॉप हुई अगर कोई मूवी फ्लॉप हो जाती है तो यहां पर सबसे बड़ा घाटा डिस्ट्रीब्यूटर का होता है।
इसीलिए पूरी जिम्मेदारी भी डिस्ट्रीब्यूटर की ही होती है अब आप ये सोच रहे होंगे कि डिस्ट्रीब्यूटर्स को मूवी से कैसे फायदा होता है तो दोस्तों डिस्ट्रीब्यूटर्स मूवी को देश में अलग-अलग जगहों पर सब डिस्ट्रीब्यूटर्स को सेल करते हैं जो कि मूवी को सभी सिनेमा घरों तक पहुंचाते हैं फिल्म सिनेमा घरों में लगती है वहां पर टिकट से पैसे कमाए जाते हैं अब इन पैसों का बंटवारा प्रति सप्ताह के आधार पर प्रोड्यूसर और सिनेमा घरों के मालिक के बीच में होता है।
फिल्म के प्रोड्यूसर्स पैसे कैसे कमाते है? क्या उन्हे फिल्म फ्लॉप होने से कोई फर्क पड़ता भी है?
जो फिल्म सिनेमा घर में लगने से पहले ही निर्धारित हो जाता है कि पहले सप्ताह की कमाई का 70% प्रोड्यूसर का बाकी 30% सिनेमा घर मालिक का यह हर सप्ताह का अलग-अलग होता है एक बात और सिनेमा घर मालिक को फिल्म रिलीज से पहले भी प्रोड्यूसर को पैसा देना होता है।
अब तो ऐसा भी होता है कि प्रोड्यूसर पहले ही पैसे ले लेता है फिर अगर फिल्म नहीं चली तो सिनेमा घर मालिक को नुकसान उठाना पड़ता है ऐसा अक्सर बड़ी बजट फिल्मों के साथ होता है ऐसे में अगर मूवी टिकट ज्यादा सेल होती है तो फिर मूवी हिट हो जाती है और डिस्ट्रीब्यूटर्स पैसे कमा लेता है और अगर टिकट सेल नहीं हो पाती है तो डिस्ट्रीब्यूटर्स पैसे नहीं कमा पाता है और मूवी फ्लॉप हो हो जाती है।
और तो और कई बार प्रोड्यूसर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स को एक अमाउंट में फिल्म बेच देता है और कलेक्शन से कोई मतलब ही नहीं रखता है इसके अलावा फिल्म मेकर्स को फिल्में में रिमेक और सिंडिकेशन राइट से भी अच्छी कमाई होती है ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे कि netflix’s को बेचकर जो कमाई होती है ना वोह सिंडिकेट राइट्स का ही हिस्सा होती है।
इसके अलावा अलग-अलग कंपनियों से डील हो जाती है जिसमें विज्ञापन आदि शामिल है दोस्तों कैसी लगी आप