SAMSUNG इतना बड़ा कैसे बना क्या है पूरी कहानी Samsung का काला सच।
बुर्ज खलीफा ये दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग है और मलेशिया की ₹450 मीटर ऊंची ट्विन टावर इसे भी आप जानते ही होंगे इन्हें सैमसंग ने बनाया है जो शुरुआत में तो नूडल्स फिश और सब्जी बेचा करती थी लेकिन आज यह कंपनी फाइटर जेट शिप टैंक्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक के अलावा इंश्योरेंस फाइनेंस और केमिकल जैसे अलग-अलग सेक्टर में भी कम करती है
हालांकि हम में से ज्यादातर लोग सैमसंग को उनके मोबाइल टीवी फ्रिज और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की वजह से ही जानते हैं और जब श्यओमी और रियलमी जैसे चाइनीस ब्रांड इंडियन मार्केट में दाखिल हुए तो सबको लगा की अब सैमसंग का हाल भी नोकिया जैसा होने वाला है क्योंकि हमें सैमसंग के रियल साइज के बारे में जानकारी ही नहीं थी।
आज एंड्राइड को भी गूगल के बाद अगर कोई कंट्रोल करता है तो वो सैमसंग है और दुनिया की चाहे कोई भी कंपनी हो सैमसंग की मदद के बिना एक स्मार्टफोन बना पन बहुत ही ज्यादा मुश्किल है चाहे वो गूगल का पिक्सल फोन हो या फिर एप्पल का आईफोन ही क्यों ना हो अब आप सोच रहे होंगे की नूडल्स फिश और सब्जी बेचे वाली एक कंपनी ने इतना बड़ा बिजनेस अंपायर कैसे खड़ा कर लिया कहानी बड़ी ही दिलचस्प है।
सैमसंग के नाम ढेर साड़ी कंट्रोवर्सी हैं और अपने फास्ट एक्सपेंशन के लिए उन्हें कई बार गलत रास्तों से भी होकर गुजराना पड़ा चलिए सब कुछ डिटेल में जानते हैं यह सब जो साउथ कोरिया के एक रिच फैमिली से बिलॉन्ग करते थे और सिर्फ 28 इयर्स की उमर में सैमसंग ट्रेडिंग कंपनी की शुरुआत किया।
और आपकी जानकारी के लिए बता दूं की कोरिया में सैमसंग का मतलब होता है थ्री स्टार जहां थ्री नंबर कोरिया में बिग और पावरफुल लोगो को शो करता है और स्टार का मतलब अवर लास्टिंग और आज बिग पावरफुल और एवर्लास्टिंग सैमसंग को डिस्क्राइब करने के लिए एक परफेक्ट शब्द है
लेकिन शुरुआत में ऐसा नहीं था सैमसंग एक छोटी सी ट्रेडिंग कंपनी हुआ करती थी जिसने धीरे-धीरे अपने बिजनेस को पूरे साउथ कोरिया और आसपास के कुछ कंट्रीज में एक्सपेंड कर लिया था सियोल शहर में उनका हेड ऑफिस था और साल 1950 में नॉर्थ कोरिया से जब वार शुरू हुआ तब तक उनका नाम साउथ कोरिया के टॉप टेन ट्रेडिंग कंपनी में शामिल हो गया था।
और दोस्तों इस वार से ही सैमसंग की असली कहानी शुरू होती है वार की वजह से उनको अपना बेस सियोल से भूषण शिफ्ट करना पड़ा और बिजनेस की हालात तो ऐसी हो गई की सरवाइव करना मुश्किल हो गया एक्सपोर्ट करना तो दूर लोग खाने पीने की चीजों के लिए इंपोर्ट पर डिपेंडेंट हो गए।
जैसे ही वार खत्म हुआ ली ने अपने बिजनेस को डायवर्सिफाई करने फैसला किया और लोगों के लिए सस्ते प्रोडक्ट्स बनाने के लिए काम करने लगे कोरिया में शुगर केन का प्रोडक्शन काफी बड़े स्केल पर होता है इसलिए सैमसंग ने शुरुआत एक शुगर रिफाइनरी से की और उसके प्रॉफिट से ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री में भी इंटर कर गए।
ताकि लोगों के लिए सस्ते कपड़ों की जरूरत को पूरा किया जा सके सैमसंग ने कोरिया का सबसे बड़ा वूलन मिल स्टार्ट किया और कपड़े भी बनाने लगे दोस्तों सैमसंग के डायवर्सिफिकेशन ने कंपनी को डूबने से बच्चा लिया था इसलिए ली ने इस स्ट्रेटजी को और भी एग्रेसिवली फॉलो करना शुरू कर दिया।
और अलग-अलग एरिया में अपने प्रॉफिट को इन्वेस्ट करने लगे सैमसंग ने अपने कई डिपार्टमेंटल स्टोर्स भी खोलें और इंश्योरेंस बिजनेस में भी इंटर कर गए आज की डेट में भी सैमसंग कोरिया की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है इन सभी बिजनेस एक्सपेंशन से सैमसंग के पास इतना पैसा आने लगा की लिबियांचुल साउथ कोरिया के रिचेस्ट आदमी बन गए।
फिर साल आया 1968 जब सैमसंग ने इलेक्ट्रॉनिक की भी फील्ड में उतारने का फैसला लिया और एक साल के भीतर ही सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक ने अपना फर्स्ट प्रोडक्ट मार्केट में उतार दिया जो था 12 इंच का एक ब्लैक और व्हाइट टीवी और अगले कुछ ही सालों में सैमसंग दुनिया की नंबर वन टीवी मैन्युफैक्चरर भी बन गई
और इस सक्सेस ने सैमसंग को और भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स बनाने के लिए मोटिवेट किया सैमसंग ने 1979 में माइक्रोवेव 1980 में एयर कंडीशनर 1981 में कलर टेलीविजन और 1983 में पर्सनल कंप्यूटर को भी लॉन्च कर दिया लेकिन उन्हें जल्दी ही महसूस हुआ की इन सारे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के छोटे-छोटे पार्ट्स के लिए उन्हें किसी दूसरी कंपनी पर डिपेंडेंट रहना पड़ता है।
इसलिए वह एक सेमीकंडक्टर कंपनी को ही खरीद लिए और अपने लिए खुद ही पार्ट्स बनाने लगे और फिर आगे अपने सेमीकंडक्टर चिप्स की प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़कर इसे ग्लोबल एक्सपोर्ट भी करने लगे आज एप्पल भी अपने फोन में सैमसंग का ही मेमोरी चिप यूज करता है इसके अलावा भी सैमसंग के कुछ ऐसे डिवीजन हैं जिनके बारे में जानकर आप शॉक्ड हो जाएंगे सैमसंग हैवी इंडस्ट्रीज दुनिया के लार्जेस्ट सीप बिल्डर में से एक है।
इनका एक दूसरा डिवीजन है सैमसंग कंस्ट्रक्शन और ट्रेडिंग जो रोड टनल बृज और काफी बड़े बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स पर कम करती है और जैसा की मैंने शुरू में ही बताया था की दुबई का बुर्ज खलीफा और मलेशिया की ट्विन टावर को सैमसंग ने ही बनाया है।
इसके अलावा साउथ कोरिया का लार्जेस्ट थीम पार्क एवरलैंड कई लग्जरियस होटल और एक पूरा टाउन सैमसंग ऑन करता है जिसे सैमसंग टाउन के नाम से जाना जाता है अब शायद जो लोग सैमसंग को एक मोबाइल फोन या कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक की कंपनी समझते थे वह मुश्किल से आइसबर्ग के ऊपर का एक छोटा सा हिस्सा था।
यहां अभी हमने सैमसंग के नॉन प्रॉफिट फाउंडेशन का तो जिक्र भी नहीं किया जिसमें सैमसंग की यूनिवर्सिटी और मेडिकल सेंटर शामिल है जी हां सैमसंग मेडिकल सेंटर एक यंग एंटरप्रेन्योर छोटा सा बिजनेस स्टार्ट करता है अपने बिजनेस को अलग-अलग मार्केट में डायवर्सिफाई करता है कोई रुकावट नहीं कोई चैलेंज नहीं और बहुत ही कम समय में एक मल्टी बिलियन अंपायर खड़ा कर देता है।
सुनने में यह स्टोरी एक इनक्रेडिबल बिजनेस सक्सेस की तरह लगती है लेकिन यह पुरी कहानी नहीं है दोस्तों इसके सक्सेस के पीछे की कहानी बहुत ही ज्यादा कंट्रोवर्शियल है तो चलिए इस सक्सेस जर्नी के डार्क साइड को भी समझते हैं वार के बाद साउथ कोरिया की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी थी।
प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट पुरी तरह से रुक चुका था कोरियन प्रेसिडेंट अपने इकोनामी को एक्सपेंड करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने बड़े कोरियन ग्रुप को सपोर्ट करने का किया लेकिन सपोर्ट का तरीका बिल्कुल अन्यथाकाल था सैमसंग लोग और हुंडई जैसे बड़े बिज़नेस को आसन शर्तों पर लोन दिया गया टैक्स में रियायत दी गई ताकि उनका बिजनेस अंपायर बड़ा हो और देश की इकोनामी भी गो कर सके।
यहां तक की जब सैमसंग ने इलेक्ट्रॉनिक के फील्ड में इंटर किया तो कोरियन गवर्नमेंट ने इलेक्ट्रॉनिक कंपनी पर लगे वाले टैक्स को 50% तक रिड्यूस कर दिया और उनको कंपटीशन से बचाने के लिए गवर्नमेंट ने जापान और कई देश को साउथ कोरिया में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बेचेने पर ही बन लगा दिया और कंज्यूमर्स को सैमसंग का प्रोडक्ट लेने पर मजबूर होना पड़ा।
ऐसे तमाम फायदे सैमसंग को पहुंच गए जिसकी वजह से वो अपने कंपीटीटर्स से काफी आगे निकलता गया और कुछ रिपोर्ट्स की अगर मैन तो वार के बाद मिलने वाले अमेरिकन रिलीफ फंड को भी सैमसंग के फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया और ये सब कुछ हो रहा था सैमसंग के फाउंडर ली की वजह से जो एक स्ट्रीट्स पॉलीटिकल कनेक्शन बनाने के खिलाड़ी मैन जाने जाते थे।
और साउथ कोरियन प्रेसिडेंट के अच्छे दोस्त थे और इस दोस्ती की वजह से सैमसंग को हमेशा एक स्पेशल ट्रीटमेंट मिला बाकी कंपनी की तरह सैमसंग के ऊपर कोई एक्सपोर्ट लिमिट नहीं थी एक्सपेंशन में उनको कभी महसूस नहीं क्योंकि सरकारी बैंक्स के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुला हुए थे।
हालांकि सैमसंग के फास्ट ग्रोथ से कोरिया की इकोनामी को भी फायदा पहुंचने लगा खासकर एंप्लॉयमेंट के रूप में काफी लोगों को नौकरी मिलने लगी लेकिन छोटे कोरियन बिजनेस बर्बाद होने लगे क्योंकि कोई छोटी मोटी कंपनी गवर्नमेंट सपोर्टेड सैमसंग जैसे जॉइंट के सामने कैसे टिक सकते थे।
सैमसंग इतनी पावरफुल हो गई की जी भी नए फील्ड में वह इंटर करते थे उसमें दूसरे बिज़नेस को तहस-नहस करने की ताकत रखते थे और इस तरह साउथ कोरिया की इकोनामी जाने-अनजाने एक कंपनी के ऊपर ही कुछ ज्यादा निर्भर हो गई सैमसंग साउथ कोरिया के अलग-अलग इंडस्ट्रीज में हेविली इंवॉल्व था और साल 2014 में तो साउथ कोरिया के कुल जीडीपी में 17% अकेले सैमसंग का कंट्रीब्यूशन था।
हुंडई की कहानी भी कुछ मिलती जुलती है लेकिन सैमसंग उसमें सबसे बड़ा है और पूरे कोरियन बिजनेस अंपायर को कुछ गिनी चुन्नी कंपनी ने अपने हाथ में लिया उसे साउथ कोरिया का ज्यादातर पैसा पावर और इन्फ्लुएंस दो तीन बिजनेस फैमिली के कंट्रोल में चला गया।
साल 1987 में सैमसंग के संस्थापक के मौत के बाद उनके बेटे लिकुन्हन ने उनकी जगह संभाल ली जिनके समय में सैमसंग और गवर्नमेंट का रिलेशन और भी ज्यादा कंट्रोवर्शियल हो गया 1996 में उनके ऊपर फार्मर प्रेसिडेंट को रिश्वत देने का आरोप लगा लेकिन सैमसंग की गवर्नमेंट कनेक्शन की वजह से तत्कालीन प्रेसिडेंट ने उन्हें बिना किसी एक्शन के माफ कर दिया।
ऐसे ही ये घटना 2018 को टैक्स चोरी और एक घोटाले में दोषी पाया गया और उन्हें अपने पद से हटाने के साथ ही 3 साल की सजा भी सुना दी गई लेकिन अगले साल उसे समय के प्रेसिडेंट ने उनकी सजा को माफ कर दिया और फिर से वो सैमसंग के अध्यक्ष बन गए जैसे कुछ हुआ ही ना हो इससे आप सैमसंग और कोरियन गवर्नमेंट के बीच के रिलेशन को समझ सकते हैं इसके बाद भी अपने बेटेओं को सैमसंग का हेड बनाने के लिए गवर्नमेंट ऑफिशल्स को रिश्वत देने के आरोप उनके ऊपर लगे फिर उनके बेटे एवंवे रिश्वत देने के दोषी पाए गए।
लेकिन किसी पर भी आप एक्शन नहीं लिया गया आज सैमसंग के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी में नहीं है लोग जानते हैं की सैमसंग के खिलाफ आवाज उठाना मतलब गवर्नमेंट के खिलाफ आवाज उठाना है और साउथ कोरिया के ज्यादातर लोग अब यह माने लगे हैं की सैमसंग को अब कोई हरा नहीं सकता।
और वो सरकारी नियम कानून के ऊपर है अब दोस्तों शुरुआत में बताए गए सैमसंग की सबसे बड़ी जर्नी का बैकग्राउंड भी आपको समझ में आ रहा होगा सैमसंग के हिस्ट्री में हुए एक इंसिडेंट का जिक्र करना भी जरूरी है जिसने उसके रेपुटेशन और मार्केट शेर को हिलाकर रख दिया था।
ये बात है 2016 की जब सैमसंग की नोट 7 सीरीज के मोबाइल फोंस में ब्लास्ट की खबरें आने लगी पुरी दुनिया की मीडिया में फोन एक्सप्लोजन की खबर हैडलाइन बन गई यहां तक की एयरलाइंस में इस फोन को बन कर दिया गया सैमसंग के ऊपर इतना प्रेशर ए गया की फोन का प्रोडक्शन बैंड करके मार्केट के फोंस को भी रिकॉल करना पड़ा जिसकी वजह से सैमसंग को फाइव बिलियन डॉलर्स का नुकसान हुआ था।
कंपनी ने उस समय एक्सप्लोजन की वजह मोबाइल की बैटरी को बताया था लेकिन बाद में यह सच्चाई निकालकर सामने आई की एप्पल से कंप्लीट करने के लिए एक फीचर रिच स्मार्टफोन की सख्त जरूर थी जिसे सैमसंग ने डिजाइन टीम और इंजीनियर से जल्दबाजी में तैयार कराया था और बिना प्रॉपर टेस्टिंग और क्वालिटी कंट्रोल के एक डेंजरस फोन को मार्केट में उतार दिया था।
हालांकि इन सभी कंट्रोवर्सी और बेड प्रैक्टिस के बाद भी सैमसंग सक्सेसफुल होता चला गया एक के बाद एक लगातार अपने इन्नोवेटिव प्रोडक्ट्स पेस करता रहा जिससे उसका साइज रिवेन्यू और दुनिया में उसकी पकड़ बढ़ती गई पिछले कुछ सालों में सस्ते और फीचर भी चाइनीस फोंस ने इंडिया में सैमसंग का मार्केट शेर कुछ कम तो जरूर किया था।
लेकिन करंट सेल्स फिगर बताते हैं की लोगों का प्यार अब इन चाइनीस ब्रांड से कम हो रहा है और एक बार फिर सैमसंग जोरदार बाउंस बैक करने वाला है उम्मीद है की यह भी आपको पसंद आई होगी मिलते हैं जल्दी