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David Goggins. सफलता के लिए पागलपन देखना है तो ये रियल स्टोरी पढ़ो। 2025

David Goggins. सफलता के लिए पागलपन देखना है तो ये रियल स्टोरी पढ़ो। 2025

 

David Goggins. सफलता के लिए पागलपन देखना है तो ये रियल स्टोरी पढ़ो। 2025

 

एक ऐसा लड़का जो अस्थमा एलर्जी और दिल में छेद जैसी कई बीमारियों का शिकार था उसका वजन था 135 किलो बचपन से ही स्कूल में बाकी स्टूडेंट्स उसका मजाक बनाते थे घर आते ही पिता उसके साथ मारपीट करते थे। David Goggins. सफलता के लिए पागलपन देखना है तो ये रियल स्टोरी पढ़ो। 2025

और वह लड़का अपना गुजारा करने के लिए एक रेस्टोरेंट के किचन में कॉकरोच मारने की नौकरी करता था 24 साल की उम्र में वह जिंदगी से इतनी बुरी तरह हार गया कि सीवियर डिप्रेशन का शिकार हो गया वो अपनी जिंदगी को बोझ मानने लगा था लेकिन कोई गलत कदम उठाने से पहले उसके साथ एक ऐसी घटना होती है जो उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख देती है।

वो हारा हुआ लड़का सिर्फ 3 महीने में अपना 50 किलो वजन कम कर लेता है अमेरिका की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली 6 महीने की नेवी सील ट्रेनिंग एक बार नहीं बल्कि पूरे तीन बार यह कंटीन्यूअस 18 महीने तक कर लेता है 60 से भी ज्यादा अल्ट्रा मैराथन भागता है और लगातार सत घंटों में 4030 यानी कि 4030 पुल अपस करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाता है।

अब बताओ कौन है ये यह कहानी है अपने डिसिप्लिन की यह कहानी है खुद पर विश्वास की और एक ऐसे इंसान की जो सभी लिमिट्स को पार करके बन गया टफेस्ट मैन ऑन द प्लेनेट यह कहानी है हम सबके चहीते डेविड गगन की जो आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा कर देगी और इतना मेंटली स्ट्रांग कर देगी कि दुनिया की कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं पाएगी।

तो इस को पूरा जरूर पढ़ना क्योंकि आप जो देखते पढ़ते हैं वही सीखते हैं आप जो सीखते हैं वही बन जाते हैं इसलिए हमें ऐसी सक्सेस स्टोरीज रोज पढ़नी चाहिए। 

17 फरवरी 1975 अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में डेविड गोगन का जन्म होता है उनके पिता का अपना स्केटिंग रिंग था कई बार्स थे और वह प्रोस्टिट्यूशन का भी बिजनेस करते थे जी हां लेकिन पिता के पास पैसे होने के बावजूद डेविड का बचपन किसी नर्क से कम नहीं था उनके पिता उनकी मां और अपने दोनों बेटों को बहुत मारते थे डेविड बताते हैं कि मुझे आज भी वह दिन याद है जब मेरे पिता ने मेरी मां के मुंह पर जोर से मुक्का मारा जिससे कि वह बेहोश होकर सीढ़ियों से नीचे गिर गई।

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फिर मेरे डैडी उन्हें बेहोशी की हालत में ही बालों से पकड़कर खीचते हुए लिविंग रूम में ले गए 5 साल की उम्र में जब मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे बेल्ट से खूब पीटा 6 साल की उम्र में ही डेविड अपने भाई और मां के साथ देर रात तक पिता की स्केटिंग रिंग को साफ करते थे और नींद पूरी ना होने की वजह से डेविड स्कूल में ध्यान नहीं दे पाते थे।

इसीलिए वह पढ़ाई में बहुत कमजोर हो गए सालों तक पति का टॉर्चर सहने के बाद एक दिन डेविड की मां ने हिम्मत दिखाई और अपने पति को छोड़कर अपने दोनों बच्चों के साथ ब्राजीलियन इंडियाना नाम के छोटे से गांव में शिफ्ट हो गई लेकिन यहां भी डेविड का बचपन कुछ खास नहीं बीता क्योंकि उस दौर में ब्लैक अमेरिकंस को गोरे लोग टेररिस्ट मानते थे और उनके साथ काफी बुरा बर्ताव करते थे।

इसीलिए स्कूल में भी बाकी बच्चे उन्हें काफी सताते थे एक दिन ऐसे ही एक खौफनाक हादसा हुआ जिसने डेविड की जिंदगी को रॉन्ग ट्रैक पर लाकर पटक दिया दरअसल एक गोरे लड़के ने बिना किसी वजह के डेविड के सर पर बंदूक तान दी और डर के मारे डेविड की हालत खराब हो गई।

उस दिन डेविड के दिमाग में ख्याल आया कि मैंने तो कभी किसी का बुरा नहीं किया फिर मेरे साथ ऐसा अन्याय क्यों अब मैं भी पलट कर जवाब दूंगा और डेविड एक बैड लड़का यानी कि छपरी बन गया उसने ढीले ढाले कपड़े पहनना शुरू कर दिए अजीब सी हेयर स्टाइल रखने लगा चरस गांजा फूकने लगा और अपनी सेकंड हैंड कार में बड़ा सा साउंड स्पीकर लगाकर रफ ड्राइविंग करने लगा यानी समाज ने ही डेविड को बुरा इंसान बनाया था।

मगर उम्र बढ़ने के साथ डेविड को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हुआ और वो अपना पेट पालने के लिए छोटी-मोटी नौकरियां करने लगा 24 साल की उम्र में एक समय ऐसा आया जब अपना पेट पालने के लिए डेविड को कॉकरोच स्प्रे छिड़कने की नौकरी करनी पड़ी उस वक्त डेविड 135 किलो के हो चुके थे उन्हें अस्थमा जैसी सीरियस बीमारी ने घेर लिया और वह कई किलोमीटर्स तो छोड़िए 400 मीटर भी भाग नहीं पाते थे।

इतनी छोटी सी उम्र में डेविड जिंदगी से हार चुके थे और डिप्रेशन में चले गए थे मगर एक दिन उन्होंने टीवी में नेवी सील की डॉक्यूमेंट्री देखी जो लैंड फोर्स एयरफोर्स और नेवी तीनों में माहिर होते हैं और मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशंस को आसानी से परफॉर्म कर लेते हैं उस दिन डेविड के मन में नेवी सील ऑफिसर बनने का सपना जाग उठा लेकिन वह हकीकत से कोसों दूर थी।

लेकिन अब उन्हें अपनी मंजिल मिल चुकी थी बस जरूरत थी तो सफर तय करने की जो बहुत ज्यादा कठिन था डेविड कहते हैं जब आपको जीवन में अपना सच्चा जुनून मिल जाए तो आप इसे किसी को नहीं दे सकते मेरा जुनून था कि मैं नेवी सील आर्मी में रहना चाहता हूं मैं अपने देश की सेवा करना चाहता हूं और मुझे सिर्फ इस बात की परवाह थी कि मैं ऐसा व्यक्ति बनना चाहता हूं जिस पर मुझे गर्व हो।

मैं खुद को आईने में देखना चाहता हूं क्योंकि मैं बहुत निराश था मैं जिस अकाउंटेबिलिटी मिरर की बात करता हूं मैं हर दिन जो देखता था उससे बहुत निराश था मैं चाहता था कि हर कोई डेविड गोगिन से प्यार करे इसीलिए मैंने खुद को ट्रेनिंग के लिए तैयार करना शुरू किया डेविड ने सबसे पहले अपनी हर बुरी आदत को छोड़ दिया।

वह हर रोज सुबह 5:00 बजे उठकर एक्सरसाइज करते और फिर मीलों दौड़ते फिर चाहे बर्फ गिर रही हो या बारिश हो रही हो इसी तरह से सिर्फ तीन महीनों में डेविड ने अपना 50 किलो का वजन कम कर लिया डेविड कहते हैं जब आप सोचते हैं कि आप कर चुके हैं तो आप अपने शरीर की क्षमता के केवल 40% पर ही होते हैं यानी आप खुद को और ज्यादा पुश कर सकते हैं।

David Goggins. सफलता के लिए पागलपन देखना है तो ये रियल स्टोरी पढ़ो। 2025

इसी से जुड़े एक एग्जांपल बताते हुए डेविड ने कहा था जब मैं पहली बार मैराथन दौड़ने की प्रैक्टिस कर रहा था तब 70 मील दौड़कर मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैं मर रहा हूं और मैंने अपनी 100 फीसद ताकत लगा दी इसके बावजूद मैं थोड़ा और दौड़ा और 2 मील का एक्स्ट्रा फासला तय कर लिया इस तरह से 101 मील दौड़कर जब ठंडे पानी के टब में बैठा था तो वह पानी मेरे शरीर को लग रहा था।

तब मैंने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है ऐसा महसूस हो रहा था मेरी मां उस वक्त एक डॉक्टर को डेट कर रही थी जब उन्होंने उसे कॉल करके मेरी हालत बताई तो उन्होंने कहा कि इसे अभी के अभी डॉक्टर के पास ले जाना होगा लेकिन मैंने पानी में बैठकर ही तड़पते हुए अपने कोच क्रिस कोस्टमैन को कॉल किया।

और उन्होंने कहा बेटे 24 घंटे की रेस का मतलब होता है 24 घंटे दौड़ना और तुम केवल 19 घंटे दौड़े हो उनकी बात सुनकर मेरे अंदर जीत की आग और तेजी से भड़क उठी फिर करीबन दो हफ्ते बाद वह समय आया जब मुझे उस मैराथन में असलियत में दौड़ना था लेकिन तब मैं पैदल भी नहीं चल पा रहा था क्योंकि मैराथन दौड़ने से पहले ही 100 मील दौड़ चुका था।

लेकिन मैं मैं दौड़ा और इस 100 मील की रेस 14 दिन बाद में बोस्टन मैराथन के लिए क्वालीफाई हो गया और मैंने 308 मील यानी कि करीबन 500 किमी की दौड़ लगाई दूसरी तरफ डेविड ने नेवी सील ट्रेनिंग में एडमिशन लिया अब तक वह पुशअप्स पुलअप्स रनिंग और सभी तरह की फिजिकल एक्सरसाइज में बेहतरीन बन चुके थे उनका वजन भी 95 केजी था वह नेवी सील के लिए आइडियल था।

लेकिन एक फिजिकल एक्टिविटी ऐसी थी जिसमें डेविड कमजोर थे और वह थी स्विमिंग क्योंकि डेविड का बचपन गरीबी में बीता इसीलिए वह कभी स्विमिंग क्लासेस जॉइन नहीं कर पाए हालांकि नेवी सील में उन्हें तैरना सिखाया गया लेकिन जब एक नौ सखी को आप काफी देर तक सांस रोककर पानी में रहने के लिए कहोगे  या एक दिन में उससे 10 घंटे स्विमिंग करवाओगे तो उसका क्या हाल होगा।

यह हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है लेकिन डेविड ने हर चैलेंज को पार किया क्योंकि उनके पास रुकने का कोई ऑप्शन नहीं था मगर फिर उनकी लाइफ में आई एक और बड़ी प्रॉब्लम दरअसल नेवी सील ट्रेनिंग के वक्त मेडिकल चेकअप में डेविड को पता चला कि उन्हें सिकल सेल्स नाम की एक रेयर हार्ट कंडीशन है।

और अगर उन्होंने ज्यादा एक्सरसाइज की तो उन्हें हार्ट अटैक भी आ सकता तभी उनके इंस्ट्रक्टर्स ने आगे ट्रेनिंग जारी रखने का फैसला डेविड के ऊपर छोड़ दिया लेकिन इस बंदे ने खुद को अपने सपने के लिए इतना समर्पित कर दिया था कि उसने कहा या तो मैं जीतूंगा या मरूंगा और उन्होंने अपनी ट्रेनिंग जारी रखी और कई महीनों तक नेवी सील की ट्रेनिंग के कठिन पड़ाव को पार करने के बाद आखिरकार डेविड बन गए यूनाइटेड स्टेट्स नेवी सील ऑफिसर।

जिसके बाद उन्होंने कई अल्ट्रा मैराथन रेस दौड़ी लगातार 177 घंटों में 4030 यानी कि 4030 पुलअप्स करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और बन गए वर्ल्ड्स टफेस्ट मैन आप किस्मत के भरोसे क्यों बैठे हो मेहनत करो क्या पता किस्मत खुद आपके भरोसे बैठी हो डेविड कहते हैं कि अपनी बाउंड्रीज को क्रॉस करने के लिए फिजिकल स्ट्रांग होने से ज्यादा जरूरी है मेंटली स्ट्रांग होना।

और अब हम मेंटली स्ट्रांग लोगों की उन तीन क्वालिटीज के बारे में जानेंगे जिन्होंने डेविड को मेंटली इतना स्ट्रांग बना दिया था कि उन्होंने हार को भी हरा दिया।

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नंबर वन..

डिसिप्लिन डेविड कहते हैं कि आज दुनिया में करोड़ों लोग मुझे देखते हैं और कहते हैं वाओ यार डेविड तो बेस्ट है लेकिन ऐसा नहीं है अब भी जब मैं सुबह उठता हूं तो मुझे सुस्ती होती है तब मैं खुद से कहता हूं कि क्या कर रहा है यार सब तुझे देख रहे हैं तुझे वो इंसान बनना ही पड़ेगा जिससे सब इंस्पायर होते हैं उठ बेड से बाहर आ और जिम जा इसी तरह से डेविड पिछले 25 सालों से एक हार्डकोर मॉर्निंग रूटीन फॉलो करते हैं।

जिसमें 2 घंटे एक्सरसाइज के बाद 25 किमी की रनिंग होती है इसी बीच कई दिन ऐसे आते हैं जब बर्फ गिर रही होती है या बारिश होती है तब डेविड छुट्टी नहीं लेते बल्कि 25 की जगह 50 किमी की रनिंग करते हैं जिसे लेकर डेविड कहते हैं कि जिस दिन 99% लोग आराम कर रहे होंगे उस दिन भी आप मेहनत करोगे वो भी दुगनी तो बेशक आप उनसे आगे निकल पाओगे।

वो एक ही गलती होती है जो आपको कई हफ्तों या कई महीनों तक पीछे धकेल सकती है और वह गलती है अपना डिसिप्लिन कॉम्प्रोमाइज करना इसीलिए कितने भी मुश्किल हालात क्यों ना हो अपने लक्ष्य की तरफ डिसिप्लिन के साथ आगे बढ़ते रहो और मोटिवेशन के भरोसे बिल्कुल मत रहो क्योंकि मोटिवेशन तो कम ज्यादा होता रहेगा और उसके साथ आपके आगे बढ़ने की रफ्तार भी लेकिन डिसिप्लिन आप को आगे बढ़ाता रहेगा।

दूसरी क्वालिटी है अपनी बाउंड्रीज को तोड़ो और कंफर्ट जोन से बाहर निकलो।

डेविड आगे कहते हैं हमें टूटना होगा उसके बाद ही हमारा मन और अधिक कठोर होना शुरू हो जाता है नेवी सील ट्रेनिंग में मुझसे काफी लोग पूछते थे कि आप टूटी हुई हड्डियों टूटी हुई पसलियों को और कितना तोड़ना चाहते हो आप इस नर्क में कैसे रहते हो तो मैं कहता था कि मैंने उसे अपना नया सामान्य जीवन बना दिया था मैंने अपने आप को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिया नरक की इन दीवारों के बाहर कुछ भी नहीं था।

इस तरह मैं नेवी सील ट्रेनिंग का बॉस मालिक और सीईओ बन गया वह मेरा माइंडसेट था और इसी तरह से आप चीजों से गुजरते हैं तुम अपने आप को रख देते हो तुम अपने आप को समर्पित कर देते हो जहां भी हो तुम वही बन जाते हो आप वही बन जाते हैं और अपने आप को बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं देती।

नंबर थ्री।

अपना पर्पस पहचानो देखो डिसिप्लिन को बनाए रखने का का एक ही तरीका है उद्देश्य का क्लियर होना यानी आप क्यों करना चाहते हैं यह डिसिप्लिन डेविड ने जब अपना वजन घटाया दौड़ना और नेवी सील की ट्रेनिंग लेना शुरू किया तब उन्हें अपना पर्पस यानी कि उद्देश्य पता था कि मुझे अपने घटिया लाइफ को छोड़ना है और कुछ बड़ा करना है और यह पर्पस क्लियर होने के बाद डेविड के माइंड में भी कभी नेगेटिव सेकंड थॉट्स हावी नहीं हो पाए।

और वह आगे बढ़ते रहे इसीलिए आपको अपना रास्ता खोजने की काफी जरूरत है दोस्तों हमने डेविड गोगिंस की स्ट्रगल स्टोरी और मेंटली स्ट्रांग बनने की यह क्वालिटीज उनकी बुक कांट हर्ट मी और नेवर फिनिश से बताई और डेविड से और भी बहुत कुछ सीखने के लिए आप इन किताबों को पढ़ सकते हैं।

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