AI सब कुछ बदल देगा 2025 तक Ai का फायदा ऐसे उठाओ
AI सब कुछ बदल देगा 2025 तक Ai का फायदा ऐसे उठाओ
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि एआई आईटी सेक्टर की 70% लोगों की नौकरी ले लेगा ये हम नहीं कह रहे बल्कि कह रहा है एचसीएल के फॉर्मर सीईओ विनीत नायर जो खुद इस सेक्टर में सालों से वेटरन है
चैट जीपीटी डेविन जेमिनी मिड जर्नी ये कुछ ऐसे एआई टूल्स है एक ऐसा तरीका भी बताने वाला हूं जिसका इस्तेमाल करके आप आगे आने वाले इंडस्ट्री के लिए तैयार रह सकते हैं
देखो लोग एआई से डरते हैं और कहते हैं कि एआई हमारा सारा काम कर लेगा क्योंकि उन्हें एक्चुअल में यह पता नहीं होता कि एआई फंक्शन कैसे करता है तो देखो एआई लाइक चैट जीपीटी वगैरह वर्क करती है जीपीटी बेस्ड मडल पे
जिसका मतलब होता है जनरेटिंग प्री ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर अब अगर आप इस टर्म पे गौर करेंगे ना तो यह खुद ही अपनी फंक्शनिंग को एक्सप्लेन करता है कि चैट जीपीटी वगैरह प्री एग्जिट इंग डेटा को यूटिलाइज करके उससे ट्रेन होते हैं
और फिर उस ट्रेनिंग डटा को इंटरैक्टिव ह्यूमन लाइक मेथड में टेक्स्ट के फॉर्म में जनरेट करते हैं और एज ए आंसर टू आवर क्वेरी रिस्पॉन्ड करते हैं अब देखो ये ना ठीक किसी बच्चे की तरह ही है जिसे जब आप रोज एक आर्टिकल पढ़ने को देंगे तो उसकी नॉलेज इंक्रीज होगी
और इवेंचर को अपने शब्द शब्दों में बताने के काबिल हो पाएगा अब यहां पर चैट जीपीटी या जेनरेटिव एआई को भी आप एक बच्चा मान सकते हैं जिसे बस उसकी कैपेसिटी के अकॉर्डिंग इंटरनेट का एक्सेस और उसकी नॉलेज इकट्ठा दे दी गई है जिससे जब आप कोई भी सवाल पूछेंगे तो वो इंटरनेट में मौजूद डाटा को एनालाइज करके उसका जवाब आपको दे देता है
एंड ऑफकोर्स इसकी एबिलिटी हमें डराती है क्योंकि दिन बदन ऐसी न्यूज़ सर्कुलेट होती है कि एआई लोगों की जॉब्स छीन रहा है पर मेरे दोस्त एआई एक बहुत ही बड़ी अपॉर्चुनिटी भी देता है क्योंकि एआई के जरिए आप अपनी प्रोडक्टिविटी को कई गुना बढ़ा सकते हो
जो आपको इरिप्लेसेबल तो बनाएगा ही बट आल्सो आपको न्यू बेहतर जॉब अपॉर्चुनिटी भी देगा दोस्तों बिजनेस स्टैंडर्ड के रिसेंट रिपोर्ट के हिसाब से एआई और ऑटोमेशन से रिलेटेड इंडिया में 4.7 मिलियन नए जॉब्स इंट्रोड्यूस हो रहे हैं
इस सब्जेक्ट में बीटेक करना इज द स्मार्टेस्ट ऑप्शन पर किसी भी रैंडम कॉलेज से बीटेक लेकर एआई की मास्टरी एक्सपेक्ट करने का लॉजिक इज द सेम एज एक एनालॉग वॉच से अपने डेली फुट स्टेप्स को ट्रैक करने की एक्सपेक्टेशन रखना
अब देखो डिमांड अपडेट हुआ है तो सप्लाई भी तो अपडेट होगा स्किल्स नए चाहिए तो करिकुलम भी नया लगेगा तो आपके लिए मैं एक ऐसा कॉलेज लेकर आया हूं जो आपको ऐसे ही एडवांस्ड करिकुलम देता है व्हिच फोकस ऑन एआई विद प्रैक्टिकल एंड हैंड्स ऑन लर्निंग दोस्तों मैं बात कर रहा हूं न्यूटन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के फोर ईयर ग्लोबल बीटेक डिग्री इन सीएस एंड एआई की
जिसमें आपको दूसरे कॉलेजेस की तरह थिरी सब्जेक्ट्स जैसे कि फिजिक्स और केमिस्ट्री के बजाय फर्स्ट ईयर से ही कोडिंग पर फोकस कराया जाएगा और साथ ही साथ रोबोटिक्स और एआई की वर्कशॉप्स भी मिलेंगी एंड बेस्ट पार्ट इज कि इनके यही स्टूडेंट्स ऑलरेडी एआई पावर ड्रोन और जेस्चर कंट्रोल्ड व्हील चेयर्स जैसे एडवांस प्रोजेक्ट्स बना रहे हैं
google कंपनीज के टेक लीडर्स यहां के स्टूडेंट्स को पर्सनल मेंटरशिप प्रोवाइड करते हैं ग्लोबल एक्सपोजर के लिए यहीं के मेरिटोरियस स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल टेक कॉन्फ्रेंस के लिए सिंगापुर और सिलिकॉन वैली जैसे देशों में जाने का मौका मिलता है
और दोस्तों मुझे यह जान के बहुत ही प्राउड फील हुआ कि इनकी कॉलेज की एक स्टूडेंट उदिता रिसेंटली 100% स्कॉलरशिप के साथ सिलेक्ट हुई टू रिप्रेजेंट इंडिया एट विकीमीडिया हैथ इन यूरोप ऐसे चेंजेज इन करिकुलम इंडिया के हर इंजीनियरिंग कॉलेज को जरूर लाने चाहिए
लेकिन बाकी कॉलेजेस ये स्टेप्स जरूर देर से लेंगे पर आप ये स्टेप अभी लो एंड यहां एडमिशन के लिए इनका ऑनलाइन एग्जाम एंड सेट लिखो दिस एग्जाम इज ऑन 20th अप्रैल एंड द लास्ट डेट टू रजिस्टर इज 19th अप्रैल
तो दोस्तों जल्दी से इनकी वेबसाइट चेक आउट करो और रजिस्टर करो क्योंकि इसके स्कोर्स के बेसिस पर आपको 100% स्कॉलरशिप तक मिल सकती है और अगर आपके पहचान में कोई इंजीनियरिंग करने जा रहा है है ना तो ये इंफॉर्मेशन जरूर शेयर करना
लिंक्स और डिटेल्स ब्लू लिंक को टच करके देख लो अब देखो ये एआई इतना ह्यूमन लाइक क्यों है इसका जवाब हमें मिलता है कंप्यूटर साइंस के उस कांसेप्ट में जिसे न्यूरल नेटवर्क कहते हैं अब देखो जैसे हमारे ह्यूमन ब्रेन में न्यूरॉन्स के थ्रू फीडेड डाटा ट्रांसमिट होता है ना उसी तरह कंप्यूटर को ह्यूमन ब्रेन की तरह मिमिक करने के लिए मशीन लर्निंग में एक टेक्नीक यूज की जाती है
जिसे न्यूरल नेटवर्किंग कहा जाता है इसमें क्या होता है कि जिस तरह हमारे ब्रेन में न्यूरॉन्स डेटा को ट्रांसमिट और लर्न करते हैं ना ठीक उसी तरह कंप्यूटर में ये डेटा और प्रोसेसिंग हिस्ट्री अलग-अलग नोड्स और आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स में स्टोर की जाती है
एंड यही नोट्स जब अच्छे से ऑर्गेनाइज किए जाते हैं तो इनकी भी लॉजिकल रीजनिंग एबिलिटीज लाइक डिसीजन मेकिंग और पैटर्न रिकॉग्निशन एबिलिटी बढ़ने लगती है डिपेंडिंग ऑन कि उसको कितना ज्यादा और कितना एक्यूरेट डाटा दिया गया है
एंड आल्सो कि उस डेटा पे उस मॉडल को किस तरह से ट्रेन किया गया है नाउ फॉर एग्जांपल बीच में आपने गीता जीपीटी के बारे में सुना होगा जो भगवत गीता के के माध्यम से आपके जीवन के सवालों का जवाब देती है
अब जब आप उससे किसी भी सवाल का जवाब पूछेंगे ना तो उसकी आंसरिंग स्टाइल आपको काफी मोटिवेटिवेशनल तो वो भी पहले इंटरनेट में जाकर के सारी इमेजेस को एनालाइज करेगा फिर आपकी रिक्वायरमेंट के हिसाब से इमेजेस को जनरेट करेगा
प्रोमट इंजीनियर्स हमेशा इंस्ट्रक्शंस क्लियर लिखने को क्यों कहते हैं क्योंकि जब आप कॉमन टर्म बोलेंगे तो वो इंटरनेट में मौजूद सारा डाटा उठाकर आपको इमेज जनरेट करके दे देगा जो शायद आपकी रिक्वायरमेंट को सेटिस्फाई ना कर सके
जैसे कि सिर्फ स्क्वायर एल लिखना लेकिन अगर आप स्क्वायर एल इन द गार्डन की इमेज जनरेट करेंगे तो वो केवल उन्हीं इमेजेस के पीछे जाएगा जो कि इस कीवर्ड को मैच कर रही हो और फिर उन इमेजेस को देखकर भी एक पैटर्न बनाएगा
और उसी पैटर्न को समझने के बाद उसी बेसिस पे आपके लिए जेनरेटिव इमेज प्रोवाइड कर देगा अब आपको जानकर हैरानी होगी मगर एआई इवन तब भी ट्रेन हो रहा होता है जब आप उससे बात करते हैं और फिर आपके रिस्पांस के आधार पे वो अपने आपको और इंप्रूव भी करता रहता है
और इसीलिए कहा जाता है कि एआई चैट बोर्ड से कभी भी अपने पर्सनल इंफॉर्मेशन नहीं शेयर करनी चाहिए क्योंकि कहीं ना कहीं आपकी कन्वर्सेशन का एक्स्टेक्स्ट एआई मॉडल्स हमेशा स्टोर करके रखते हैं
आप एआई को जितना ज्यादा यूज करेंगे ना वो उतना ही बेहतर होता जाएगा अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतना सब कुछ हमने बताया ही क्यों इसीलिए ताकि आप ये समझ सके कि एआई अभी भी सिर्फ प्री ट्रेंड डाटा पर ही वर्क कर रहा है
लेकिन जब भी आपको कुछ ऐसा काम करना होगा जो यूनिक हो या बहुत कम लोगों द्वारा अटेंप्ट किया गया हो तो उसके लिए आपको आज भी और आगे आने वाले समय में भी ह्यूमंस की जरूरत पड़ेगी जिनमें से सबसे मेजर रोल आता है
क्रिएटिव कामों का क्योंकि देखो उनके लिए एआई को अपनी खुद की इमेजिनेशंस लगानी पड़ेंगी जो कि करेंटली उसके पास है ही नहीं तो क्या फिर एआई जॉब्स नहीं ले रहा है वेल ले रहा है
और यह कोई नई बात नहीं है देखो साल 2000 में जब ऑटोमेशन इंडस्ट्रीज को डोमिनेट कर रहा था तब भी करीब 17 लाख लोग इस चेंज की वजह से अपनी जॉब्स खोए थे पर तब यह इतना बड़ा हौवा इसीलिए नहीं बना क्योंकि तब मोस्टली लेबर कैटेगरी के लोगों ने अपनी जॉब्स खोई थी
और इस बार एआई वाइट कॉलर जॉब्स को खाने का काम करने वाला है देखो पिछले साल paytm एंप्लॉयज को नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उनका काम एआई कर पा रहा था
मेटा ने भी अपने कई एंप्लॉयज को एआई की वजह से नौकरी से निकाल दिया और इसी तरह हर एक सेक्टर खास करके टेक सेक्टर में एक्सट्रीम ले ऑफस होने के साथ-साथ कंपनी नए बंदों को हायर भी नहीं कर रही है
और अब यह आगे और ज्यादा बढ़ने वाला है खास करके डेविन के आने की वजह से अब जो टेक फील्ड में होगा उन्हें यह पता होगा कि अभी रिसेंटली डेविन एआई डेवलपमेंट में चल रहा है जिसको लेकर यह क्लेम किया जा रहा है कि ये किसी भी वेब ऐप को स्टार्ट से एंड तक डेवलप कर सकता है
और सोचिए यह सब टेक्निकली जिस चैट जीपीटी की वजह से शुरू हुआ था उसे लॉन्च हुए अभी 2 साल भी नहीं हुए जिसका मतलब कि अभी आगे आने वाले समय में यह और भी एडवांस होगा और ज्यादा वर्सटाइल टास्क्स को एग्जीक्यूट कर पाएगा
अरे इनफ्लुएंसर्स तक आजकल एआई जनरेटर आने लगे हैं एक रिपोर्ट के हिसाब से केवल इंस्टाग्राम पर 150 से ज्यादा Ai वाले इनफ्लंसर मौजूद है एआई अभी शुरू भी नहीं हुआ है एंड द वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉर्म्स ने अपनी द फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2020 में कहा था कि 2025 तक करीब 85 मिलियन लोग एआई की वजह से अनइंप्लॉयड हो जाएंगे
साउंड्स स्केरी राइट बट इस रिपोर्ट की एक पॉजिटिव साइड भी है जिसके अकॉर्डिंग इसी टाइम फ्रेम में एआई की वजह से 97 मिलियन नई जॉब्स भी क्रिएट होंगी एंड यू वुड बी शॉक्ड टू नो कि ये नई जॉब्स एसिस्टिंग जॉब से कई गुना ज्यादा हाई पेइंग होगी
जी हां दोस्तों अब देखो एआई राइज की वजह से ना प्रोमट इंजीनियर्स की डिमांड एक्सटेंसिवली बढ़ चुकी है एंड फॉबस ने खुद रिपोर्ट किया है कि कंपनीज 3 लाख से ज्यादा डॉलर्स ऐसी पोस्टस के लिए ऑफर कर रहे हैं जो कई लोगों को सालों के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के एक्सपीरियंस के बावजूद भी नहीं मिलती है
इसके अलावा भी ऐसी बहुत सी नई पोजीशंस है जो एआई की वजह से क्रिएट हो रही है और लोगों को उनके बारे में पता ही नहीं है और अगर आप भी चाहते हैं कि एआई आपको रिप्लेस ना करें तो आपको बस थ्री रुल फॉलो करने हैं पहला रुल है अपडेट आपको इंडस्ट्री के हिसाब से अपडेटेड रहना होगा
और एआई को अपने काम में इंटीग्रेट करना होगा अपना साथी ही बनाना होगा ताकि आपकी प्रोडक्टिविटी एनहांस हो और आप फ्यूचर के लिए प्रिपेयर्ड भी रहे साथ ही आपको ये भी देखना होगा कि क्या ट्रेंड में चल रहा है
और क्या नहीं चल रहा है और इंश्योर करना होगा कि जिस भी चीज में आप अपना टाइम दे रहे हैं वो इंडस्ट्री के लिए सिग्निफिकेंट है या यूजफुल है या नहीं है दूसरा रुल है अपग्रेड रिगार्डलेस आप कितने भी अच्छे क्यों ना हो
यू हैव टू कांस्टेंटली अपग्रेड योरसेल्फ क्योंकि टे टेक्नोलॉजी आपके लर्निंग कर्व से कई गुना ज्यादा तेजी से बढ़ रही है क्योंकि अब वो समय नहीं है जब केवल नॉर्मल टू डू लिस्ट या फोर वाइ लूप चलाने से नौकरी लग जाएगी
यू हैव टू इंश्योर कि आप जिस भी कॉलेज में जा रहे हैं या जो भी कोर्स कर रहे हैं वो अप टू डेट है या नहीं है आज लिटरली वो समय आ चुका है जब आपकी डिग्री और कॉलेज से ज्यादा आपकी स्किल्स मैटर करती है
सोचो जब इंडिया के टॉप कॉलेज आईआईटी बॉम्बे में 36% बच्चों की अभी प्लेसमेंट नहीं क्रैक हुई है तो हालत कितने खराब है और ऐसे में भी अगर अभी आप इंडस्ट्री ओरिएंटेड स्किल्स के लिए अपग्रेड नहीं होंगे
तो वाइट कॉलर जॉब्स मुश्किल ही मानिए और तीसरा रुल है यूनिक यू हैव टू बी यूनिक इन दी इंडस्ट्री एंड मेक श्यर कि आप कुछ ऐसा कर सकते हैं जो वाकई कंपनी को बेनिफिट करेगा और जो बहुत ही कम लोग कर सकते हैं
ऐसे प्रोजेक्ट्स बनाइए जिनसे आप स्टैंड आउट करें इस तरह के स्किल सेट के बाद आप ना सिर्फ किसी अच्छी कंपनी में जॉब सिक्योर कर सकते हैं बल्कि उन स्किल्स का इस्तेमाल करके अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं
और एआई की मदद से इनिशियल डेज में स्टार्टअप की कॉस्ट कटिंग भी कर पाएंगे अब चाहे कुछ भी हो जाए इतना याद रखना कि एआई को भी ऑपरेशन के लिए इंसान की जरूरत पड़ती ही है
एआई प्रोग्राम तो लिख देगा पर उसे डिप्लॉयड मॉडिफिकेशन करने के लिए प्रोग्रामर्स की जरूरत हमेशा नहीं तो एटलीस्ट कुछ समय तक तो रहेगी ही सो रदर देन बीइंग इनसिक्योर सीखना शुरू करो और फोड़ दो तो दोस्तों ये था
आज का टॉपिक पर अभी भी एआई को लेकर और भी बहुत सी चीजें हैं जो बताना बाकी है लाइक जीजीआई रिग्रेशन एंड डेटा फीडिंग वगैरह वगैरह