जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास आज मैं दोस्तों आप लोगों से कुछ पूछना चाहता हूं और बताना भी चाहता हूं आपको, क्या आप किसी ऐसी जगह के बारे में जानते हैं
जहां साइंस नाम का शब्द कम नहीं करता है जहां पर कोई साउंड एनर्जी कम नहीं करती है जहां पर हवा आपको अपोजिट डायरेक्शन में फ्लो करती हुई दिखेगी जहां पर 17 बार राजा महाराजा ने हमले करवाएं और फिर भी ये जगह आज बिल्कुल ठीक है
जहां पर प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी को एंट्री करने से माना कर दिया था की आपको पता है इन सारी बातों के बारे में चलिए मैं आपको बताता हूं मैं बात कर रहा हूं जगन्नाथ टेंपल के बारे में
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास
यह मंदिर हमारे हिंदू धर्म के पवित्र धामो में से एक है यह मंदिर हमारे पूर्वी कास्ट पुरी में इस मंदिर का निर्माण 12वीं सेंचुरी में गंगा डायनेस्टी के किंग ने किया था इस मंदिर के अंदर नो रहस्यमई बातें हैं जिनका आंसर आज तक कोई नहीं निकाल पाया है
जैसे की आपने फ्लैग को देखा होगा वो अपनी डायरेक्शन में लहराता है पर जगन्नाथ टेंपल के टॉप पे जो फ्लैग है वो हवा के अपोजिट डायरेक्शन में लहराता है और इसके टॉप में जो चक्र है आप इसे भी किसी एंगल से देख लो आपकी ही साइड में दिखेगा
इस टेंपल को इस तरह से डिजाइन किया गया है की इसकी शैडो भी नहीं बनती है मंदिर के सामने अगर आप खड़े होते हो तो आपको समुद्र की लहरों की आवाज आती है पर मंदिर के अंदर जैसे आप जाते हो तो वो आवाज बिल्कुल गायब हो जाएंगे बाहर का कुछ सुनाई नहीं देता
वैसे तो हमारे समुद्री तट पर हवा दिन के समय समुद्र से भूमि की और चलती है और शाम में भूमि से समुद्र की और यहां पर यह चीज एकदम उल्टी है एकदम रिवर्स है कोई भी पक्षी एरोप्लेन हेलीकॉप्टर इसके ऊपर फ्लाइंग यानी नहीं उड़ सकता है
आपने देखा होगा जितने भी मॉन्यूमेंट्स हैं टेंपल हैं जो भी हाइट वाली प्लेस पर होते हैं वहां पर बर्ड्स जाकर बैठ जाति है पर हमारे जगन्नाथ टेंपल में आज तक कोई भी पक्षी नहीं बैठा जा के ऊपर रहस्यमय वाली बात है ना
और इस मंदिर में एक खास बात यह है की अगर यहां एक दिन में ₹1 लाख लोग आ जाए तो भी प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता है और ना वेस्ट होता है इस मंदिर के टॉप में जो झंडा लगा हुआ है वो हर रोज चेंज होता है
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास
अगर गलती से भी ये एक दिन ना बादल जाए तो ये मंदिर 18 साल के लिए बंद हो जाएगा यहां पर प्रसाद बनाने का तरीका कुछ डिफरेंट है यहां पर 7 मिट्टी के बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखें जाते हैं और नीचे लकड़ी की आग होती है
और शॉकिंग वाली बात ये है की सबसे टॉप में जो बर्तन होता है वो सबसे पहले पकता है और नीचे वाला जो होता है वो आखरी में पकता है वरना देखा जाए तो पहले नीचे वाला पकेगा फिर ऊपर वाला ऐसा कैसे
कहा जाता है की जब श्री कृष्णा जी अपने शरीर को छोड़ें थे तो उनका शरीर खत्म हो गया था पर उनके दिल को कुछ भी नहीं हुआ था वो बचा रह गया था कहा जाता है की जब श्री कृष्णा जी सोमनाथ टेंपल में विश्राम कर रहे थे तभी एक दारा नाम का शिकारी उनके पैरों पर तीर मार देता है
असल में उसे लगता है की वहां पर कोई हिरण है जिसका वो शिकार करना चाहता था पर इस तीर के लगने की वजह से श्री कृष्णा जी अपने शरीर को छोड़ते हैं
और श्री कृष्णा जी ने ये बात महाभारत में पहले ही कह दिया था की इस शरीर को छोड़ने का करण मेरा पैर ही बनेगा वैसे इसकी भी पीछे बहुत बड़ा रहस्य छिपा है
कमेंट बॉक्स में बताइए अगर आप इसके बड़े में जानना चाहते हैं तो और कहा जाता है की भगवान श्री कृष्णा का दिल आज भी जगन्नाथ टेंपल में है और यहां पे 12 साल में मूर्ति को बदला जाता है जिस दिन ये कम होता है उसे दिन ओडिशा गवर्नमेंट उस जगह इलेक्ट्रिसिटी कट कर देती है
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास
ताकि इसे कोई ना देख पाए और जो मूर्ति को चेंज करता है उसकी आंख पर भी मूंद दी जाति है जिससे की वह इंसान बिना देखे पुरानी मूर्ति में जो पदार्थ राहत है जिसे श्री कृष्णा जी का दिल माना जाता है उसे नई वाली मूर्ति में रख दिया जाता है
और कहा जाता है की गलती से किसी ने ये देख लिया वो इंसान इस समय अपने शरीर को त्याग कर बैठेगा जगन्नाथ टेंपल का इतिहास बहुत ही ज्यादा खतरनाक और बहुत ही ज्यादा बड़ा रहा है विदेश के टेररिस्ट मुगल के राजा और महाराजाओं ने 17 बडे हमले करवाएं हैं जगन्नाथ टेंपल को बर्बाद करने के लिए
पहला हमला 1340 में हुआ सुल्तान लिया शान ने करवाया दूसरा हमला 1360 में हुआ दिल्ली के सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने करवाया तीसरा हमला 1509 में हुआ बंगाल के सुल्तान अलाउद्दीन हुसैन शाह के कमांडर स्माइल गाजी ने किया पर प्रताप रुद्रदेव ने इसे हर दिया
चौथ हमला 1568 में हुआ काला पहाड़ा नाम के एक अफगान हमलावर ने किया पांचवा हमला 1592 में हुआ ये उड़ीसा के सुल्तान ईशा के बेटे उस्मान और कुट्टू खान के बेटे सुलेमान ने किया छठ हमला 1601 में हुआ बंगाल के नवाब इस्लाम खान के कमांडर मिर्जा कुरान ने किया
सातवां हमला उड़ीसा के सूबेदार हासिम खान ने किया फिर 1608 में जगन्नाथ मंदिर के मूर्तियां को दोबारा से लाया गया आठवां हमला हसीन खान के सेना में जो काम करने वाले थे एक हिंदू जागीरदार ने किया
नोवा हमला 1611 में हुआ मुगल बादशाह अकबर के नवरत्न में शामिल राजा टोडरमल के बेटे ने किया दसवां हमला भी उनके बेटे ने दोबारा किया इस हमले के दौरान मंदिर को पुरी तरह से लूट लिया गया था 11वां हमला 1617 में हुआ दिल्ली के बादशाह जहांगीर के सेनापति मुकर्रम खान ने किया
12वां हमला 1621 में हुआ उड़ीसा के मुगल गवर्नर मिर्जा अहमद बैग ने किया 13वा 1641 में हुआ उड़ीसा के मुगल गवर्नर मिर्जा मक्की ने किया 14वां हमला ये भी मिर्जापुर हमला आमिर फतेह खान ने की
15वा हमला आमिर फतेह खान ने किया 16वां हमला 1692 में हुआ मुगल बादशाह औरंगज़ेब ने किया 17वां हमला 1699 में हुआ मोहम्मद ताकि खान ने किया था
इन साड़ी घटनाओं के बाद भी हमारे पूर्वज उन्मूर्ति को बचाएं रखें जगन्नाथ मंदिर में तीन प्रमुख मूर्ति हैं भगवान जगन्नाथ सुभद्रा और बलभद्र इन सब इंसिडेंट के करण बताया जाता है की भगवान जगन्नाथ को 104 साल अपने दरबार से दूर रहना पड़ा इन सभी अटैक की वजह से ही हमें बहुत साड़ी रिस्ट्रिक्शंस हैं जगन्नाथ टेंपल में एंट्री करने के लिए
यहां पर सिर्फ सनातनी हिंदू ही आ सकते हैं अगर आप हिंदू नहीं हो तो आपके एंट्री यहां पे नहीं होगी और ये चीज टेंपल के बाहर शीला पाठ में पांच लैंग्वेज में लिखी गई इंग्लिश हिंदी बंगाली उड़ीसा और उर्दू भले ही आप कितने भी बड़े इंसान हो आप बताओ प्राइम मिनिस्टर से बड़ा तो कोई भी नहीं हो सकता
यहां पर प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी तक को भी एंट्री नहीं मिली थी क्योंकि वह हिंदू नहीं है तो आप क्या पूछोगे फिर क्या है वो पुजारी के मुताबिक इंदिरा गांधी हिंदू नहीं पारसी है और आपको बता दें की इंदिरा गांधी राजीव गांधी प्रियंका गांधी को सरनेम जवाहरलाल नेहरू जी ने नहीं फिरोज गांधी से मिला था
2005 में थाईलैंड की रानी को भी यहां एंट्री देने से मना कर दिया था यहां पर 2006 में स्वीटजरलैंड की एक नागरिक ने डोनेशन के रूप में 1 करोड़ 78 लाख डोनेट किया पर फिर भी उन्हें एंट्री नहीं मिली मतलब आप कितने बड़े हो कितना भी पैसा हो यह चीज मैटर नहीं करता
उन्हें भी बाहर से ही दर्शन करने दिया और कहा चलिए इस मंदिर के साथ जो भी घटनाएं हुई हैं उससे हमें सिख भी मिलती है की अगर कोई चीज है हमारी और दूसरा उसे लेना चाहता है उसे बर्बाद करना चाहता है तो आपको हर कीमत में उसे बचाना है आपकी जिम्मेदारी है
दोस्तों जानकारी कैसी लगी जरूर बताइएगा और अगला टॉपिक कमेंट बॉक्स में लिखिएगा
धन्यबाद
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और इतिहास
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