आदतों की शक्ति सीख लिया तो जिंदगी बदल जाएगी । 2024
आदतों की शक्ति सीख लिया तो जिंदगी बदल जाएगी । 2024 दोस्तों किसी ने सही बात कही है कि दूसरों की समस्याओं का आनंद लेना बंद कीजिए वरना ईश्वर आपको वही गिफ्ट कर देंगे क्योंकि भगवान वही तो गिफ्ट करते हैं जिसमें हमें आनंद आता है
आदतों को लेकर के आपने बहुत सारी कहानी सुनी होंगी जैसे आदत से मजबूर होना पुरानी आदत है जाते आते जाएगी बहुत सारी कहावतें हैं जैसी आदत है वैसा जीवन लेकिन आदत ऐसे नहीं बनी है दरअसल हम जिंदगी के नाम पर आदतों को जीते हैं बहुत सारी आदतों को एक जगह इकट्ठी कर ले तो जो बनती है वह है हमारी जिंदगी है दोस्तों बहुत समय पहले की बात है एक राजा था जो अपनी प्रजा और अपने परिवार का खूब ख्याल रखता था
लेकिन राजा को अपने आदमियों पर कुछ दिनों से संदेह था और उस राजा के तीन बहुत ही खास मंत्री भी थे जो उसका काम संभालते थे लेकिन कुछ दिनों से राजा के उन तीन मंत्रियों में से कोई एक मंत्री ऐसा मंत्री था जो राजा के पैसों में गड़बड़ी कर रहा था और वह मंत्री अपने काम को भी ठीक से नहीं कर रहा था अब राजा काफी दुविधा में था राजा को यह समझ नहीं आ रहा था कि उन तीनों मंत्रियों में से कौन सा मंत्री बेईमान है और कौन सा मंत्री ईमानदार है
यह पता लगाने के लिए एक दिन राजा ने उन तीनों मंत्रियों को अपने पास बुलाया और कहा देखो मंत्री जी हमारा जन्मदिन आ रहा है इसलिए आप तीनों को एक घने जंगल में जाना होगा और आप तीनों को एक-एक बैग दे दिया जाएगा उन तीनों को एक-एक बैग दे दिया और उनसे कहा कि तुम तीनों को अलग-अलग घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा उस जंगल में तुम लोगों को फल के पेड़ को ढूंढना है और अच्छे-अच्छे और ताजा फल से इस ठेले को पूरा भर कर लाना है और तुम तीनों के पास सिर्फ आज शाम तक का ही समय है
राजा के कहे अनुचर वह तीनों मंत्री को जंगल में छोड़ आए उसके बाद वह तीनों मंत्री जंगल में आ गए उसके बाद पहला मंत्री बहुत ईमानदार और मेहनती था तो उसने राजा के लिए बहुत सारे अलग-अलग और अच्छे और ताजा फल से अपने ठेले को पूरा भर लिया लेकिन उसे यह सब करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी उसने अपना काम पूरा कर लिया था वह बहुत थक चुका था और उसने अपना काम ईमानदारी से भी किया था
आदतों की शक्ति सीख लिया तो जिंदगी बदल जाएगी । 2024
अब दूसरा मंत्री जो था वह बहुत ही चालाक था उसने सोचा राजा के पास इतना समय थोड़ी है कि वह यह सब जांच करें कि मैंने अच्छे फल लाए हैं या खराब तो बिना ज्यादा मेहनत किए उसे जैसे ही फल जमीन पर पड़े मिले उसने वह अपने ठेले में रख लिया बिना यह सोचे कि वह अच्छे हैं या खराब जो उसे जमीन पर पड़े फल मिले थे वह बहुत ज्यादा खराब थे और वह आराम से पेड़ के नीचे बैठ गया अब तीसरा मंत्री जो था
वह बहुत ही ज्यादा बेईमान और आलसी था उसने सोचा कि राजा सिर्फ ठेले की लंबाई और वजन ही देखेगा यह नहीं देखेगा कि उस ढेले के अंदर क्या है और कितनी अच्छी और खराब चीजें हैं तो उस तीसरे मंत्री ने बिना कुछ सोचे समझे अपने ठेले को सूखे पत्तों और कुछ छोटे-छोटे पत्थरों से अपने ठेले को भर लिया और वह भी पेड़ के नीचे बैठ गया और शाम होने का इंतजार करने लगा राजा के कहे मुताबिक समय समाप्त हो चुका था शाम भी हो चुकी थी
अब वह तीनों मंत्री भी एक साथ अपने-अपने ठेले के साथ राजा के महल में वापस आ गए राजा ने देखा कि वह तीनों मंत्री जंगल से वापस आ गई है तो राजा ने उन तीनों मंत्रियों के ठेले को खोलकर देखा नहीं कि उस के अंदर क्या-क्या है और उसने उन तीनों मंत्रियों को अलग-अलग जेल में एक महीने के लिए जेल में केद कर दिया राजा ने सिपाहियों को यह आदेश दिया कि इन तीनों को एक महीने तक खाना नहीं दिया जाएगा और यह तीनों भी एक महीने तक वही फल खाएंगे जो इन तीनों ने जंगल से अपने ठेले में भर कर लाए हैं और उन तीनों मंत्री को राजा ने जेल में केद कर दिया
तो जो पहला मंत्री था जिसने अपने ठेले में अच्छे और ताजा अलग-अलग फल अपने ठेले में जमा किए थे उसने जेल में एक महीना आराम से गुजार लिए अच्छे फल खाते हुए जो उसने खुद जमा किया था उसके बाद जो दूसरा मंत्री था जिसने बेकार और खराब फल अपने ठेले में रखे थे उसे वही बेकार और खराब फल एक महीने तक खाने पड़े और वह उस जेल में ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया और बाद में वह खराब फल खाने की वजह से बीमार पड़ गया और उसकी तबीयत खराब हो गई अब जो तीसरा मंत्री था
जो बहुत ही बेईमान और आलसी था जिसने अपने ठेले में सिर्फ सूखे पत्ते और कुछ छोटे-छोटे पत्थर भरे थे क्योंकि उसके ठेले में खाने के लिए कुछ सूखे पत्ते और कुछ छोटे-छोटे पत्थर ही थे तो वह एक महीने के लिए क्या खाता और तभी उसे अपने बेईमानी और आलस्य पर पछतावा होने लगा कि शायद मैंने उस दिन थोड़ी मेहनत करके इस ठेले में फल रख दिए होते तो आज मेरा यह हाल नहीं होता और वह बिना कुछ खाए वह मंत्री जेल में दो दिन के बाद ही जेल के अंदर ही भूख के कारण मर गया तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हम जो आलस और बेईमानी करते हैं
आदतों की शक्ति सीख लिया तो जिंदगी बदल जाएगी । 2024
बेईमानी मतलब अपने ही काम में अपना कुछ नहीं करना अपना मन नहीं लगाना और खाली बैठे रहना तो उससे आज तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता आज तो हम अपने काम में आलस करके आराम कर लेते हैं लेकिन कल भविष्य में कुछ दिन के बाद हमें उस पर पछतावा होता है आपने बहुत से लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि काश उस समय पर मैं ऐसा कर लेता तो आज उस इंसान की जगह मैं होता लेकिन उस समय पर उन लोगों ने आलस को अपनाया था
इसीलिए वह आज जहां के वही है और जिसने मेहनत को अपनाया था वह इंसान अपनी मंजिल में आगे बढ़ गया तो अपने काम के साथ बेईमानी और आलस्य बिल्कुल भी मत करो उसके बाद तो हमें पछतावे के अलावा और कुछ भी नहीं मिलता यह जो समय है ना इसकी कीमत कोई नहीं लगा सकता है हम लाखों रुपए देकर भी अपनी जिंदगी का एक मिनट भी वापस नहीं ला सकते इसीलिए इस समय का सही उपयोग करो समय की एक अच्छी बात है और एक बुरी बात है अच्छी बात यह है
कि हम उसे किन चीजों में गुजारते हो यह हमारे हाथ में होता है और बुरी बात यह है कि समय गुजर जाता है और सभी के पास दिन में 24 घंटे होते हैं गरीब के पास भी और अमीर के पास भी बस यह हमारे हाथ में है कि हम उस समय से क्या नया कर सकते हो तो अपने एक-एक पल का हिसाब रखो कि हम उन्हें किन चीजों में गुजार रहे हैं
तो अगर आप इस कहानी को और भी लोगों तक पहुंचाना चाहते हो इसी के साथ में उम्मीद है कि आपको आज की आर्टिकल पसंद आई होगी तो इस आर्टिकल को उस इंसान को शेयर करें जिससे यह कहानी पढ़ने की जरूरतजरूरत है धन्यवाद
आदतों की शक्ति सीख लिया तो जिंदगी बदल जाएगी । 2024
https://youtu.be/-VAGhKZWhMw?si=4CNdnmpawTpl2q7n