कैसे झारखंड की IAS ऑफिसर पूजा सिंघल ने 15 साल तक किए घोटाले? 2024
आज हम जानेंगे कैसे झारखंड की IAS ऑफिसर पूजा सिंघल ने 15 साल तक किए घोटाले? बड़ी सफलता की उम्मीद थी 21 साल की पूजा सिंगल से जब वह भारत की सबसे जवान IAS ऑफिसर बनी साल 2000 में नामचीन लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इनकी इतनी कम उम्र में बेमिसाल उपलब्धियों का खास जिक्र भी किया था।
वैसे सिंगल हमेशा टॉपर रही थी वो अपने स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक स्टूडेंट ऑफ दी एयर रही, जब 2002 में झारखंड के हजारीबाग की एसडीओ सब डिविजनल ऑफिसर थी उन्होंने एक रेड की अगवाई करके अपने हुनर का जोर दिखाया जहां उनकी टीम सरकारी योजनाओं की किताबें जप्त करी जो गैर कानूनी तरीके से बची जा रही थी।
तो यह होना ही था की पूजा पदो की हॉल में तेजी से आगे दाऊदी इतना की वो झारखंड के तीन मुख्यमंत्री का भरोसेमंद हाथ बनी रही 10 साल तक अर्जुन मुंडा रघुवर दास और तब से मौजूदा हेमंत सर,
अब एक और रेड के लिए 5 मई 2022 को दिल्ली से ED की टीम झारखंड की राजधानी रांची में चुपके से पहुंची। कुछ जीप में आए कुछ कार में सवार होकर कुछ स्कूल बस में और कोई मोटरसाइकिल पर अकेले सब कुछ गुप्त रखा गया ताकि शक्तिशाली और रासुको वाले टारगेट को भनक न पड़े।
देर रात सारी टीम एक साथ इकट्ठा हुई और प्लान को फाइनल किया लेडीज और जेंटलमैन यह एक टॉप सीक्रेट मिशन है एक बड़े ऑफिसर का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जैसे ही अगले दिन सूरज की करने निकली खुफिया टीम आरोपी को ठिकाने लगाने निकली पुरी सुरक्षा के साथ सीआरपीएफ और सीआईएफ जवान समेत यह सब होते हुए भी झारखंड प्रशासन और लोकल पुलिस को इस बात का कोई अंदाज नहीं था की कुछ बड़ा होने जा रहा।
क्योंकि इस बार निशाना और कोई नहीं बल्कि कुछ झारखंड की इंडस्ट्री और मीनिंग सेक्रेटरी पूजा सिंगल थी पूजा और उसके साथियों पर रेड करने के लिए एक बड़ा दाल 5 राज्य और 18 अलग-अलग ठिकानों पर फैलाया गया तीन सबसे बड़ी टीम पहुंची पूजा सिंगल के बंगले पर उनके पति अभिषेक झा के अस्पताल पर और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के घर,
कैसे झारखंड की IAS ऑफिसर पूजा सिंघल ने 15 साल तक किए घोटाले?
श्रीमती पूजा सिंगल आपके घर की तलाशी लेनी है हमारे पास वारंट है हंटर वाली खुद बनी शिकार यह पूजा जैसे महत्वाकांक्षी अफसर के लिए एक जोर का झटका था जो जल्द से जल्द दौलत और ताकत कामना चाहती थी हालांकि शायद वो पहले ऐसे नहीं थी एक ईमानदार ऑफिसर थी।
लेकिन लालच और भ्रष्ट सिस्टम के मोह ने उनकी नियत बादल दी क्योंकि उन पर पहले आरोप 5 साल की सर्विस करने के बाद लगी थी 2007 में छात्र की डीएम बनने के बाद जहां उन्होंने मनरेगा मजदूर स्कीम के पैसे का झोल किया।
महज 1 करोड़ 43 लाख का जब किसी ने एतराज नहीं लिया तो हौसला बढ़ा और इस मनरेगा फंड से इस बार 6 करोड़ की हेरा फेरी की जब नवम्बर 2008 में घूमती जिले में पोस्टेड हुई शान पट्टी से वह अपने काले करतूत की रकम छिपाने के लिए दो NGO फंड में पाक किया।
फाइल में यह दिखाकर की इसे वह मूसली आयुर्वेद की वियाग्रा की खेती करेगी लेकिन असल में फसल कभी हुई ही नहीं 2012 के एक अलग कांड में झारखंड के विजिलेंस ब्यूरो ने पाया की एक ठेकेदार विकास कार्यों को लगातार बेहद घटिया तरीके से हवाला कर रहा था जांच करने पर वो बांदा राम प्रसाद सिन्हा राज्य सरकार में जूनियर इंजीनियर निकाला।
कैसे झारखंड की IAS ऑफिसर पूजा सिंघल ने 15 साल तक किए घोटाले?
जो एक सरकारी मुलाजिम होने के नाते कोई भी साइड बिजनेस नहीं कर सकता लेकिन किसी तरह उसे मनरेगा की करोड़ों की रकम दी जा रही थी ब्यूरो ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए उसके खिलाफ एक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
लेकिन कथित तोर पर भाजपा के 2014 19 रघुवर दास सरकार इस मामले को कभी आगे नहीं बढ़ाने दिया इस दौरान सिंगल को मीठे फलों जैसी शानदार पोस्टिंग का इनाम मिलता रहा पहले 2014 में कृषि सेक्रेटरी के रूप में फिर झारखंड में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट खींच लेने का 2017 का यह प्रोजेक्ट दरअसल जूनियर इंजीनियर के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के मामले के तुरंत बाद उन्हें 2012-13 में पलामू के गाने जंगल इलाके का डिप्टी कमिश्नर बना दिया गया।
एक एरिया जिसमें वो सालों तक अपना रॉब जमाई राखी और खुद को एक खनन माफिया के रूप में बदला वहां की सबसे बड़ी अथॉरिटी समझो जैसे उसके हाथ में थी सबकी डोरी वो दूर दराज के (पाकुड़ दुमका और साहिबगंज) के मीनिंग ऑफीसरों को नचाती थी।
अपने CA सुमन कुमार के जरिए और ED के शिकंजी से दूर रहने के लिए सब व्हाट्सएप चैट में कोड शब्द का इस्तेमाल करते थे हालांकि पूछताछ के दौरान ED ने इसका सही मतलब निकाल ही लिया
(ED सिंघल के CA से ) प्रश्न: ये 20 किलो क्या है CA का उत्तर: कुछ कुछ नहीं उसे कुछ घी चाहिए था मैंने मैने भेज दिया तेरे चाचा की डेरी है क्या साहिबगंज में सच बता
पूजा सिंगल ने भी बड़ी चतुराई दिखाई अपने बावर्ची का सिम कार्ड खुद के आईफोन में डाली और उनके नंबर से अपने CA पर कल और मैसेज करती थी जहां वह खनन के सौदे और उससे आई रकम के बड़े में बताता जब की उनका अपना फोन साफ रहता लेकिन वो तब मुसीबत में पड़ी जब सरकारी इजाजत के बिना उन्होंने 83 एकड़ आदिवासी जमीन एक लिमिटेड कंपनी उषा मार्टिन को खनन के लिए सोपा रिश्वत के बदले।
गुस्से से गांव वाले ने बड़े पैमाने पर धरना किया और वहां की कानून व्यवस्था लगभग बिगड़ने ही वाली थी हालात संभालने के लिए पलामू के डिविजनल कमिश्नर NK मिश्रा के अगुआई में एक कमेटी बनानी पड़ी जिसने मामले में जांच की और अचरज की बात तो यह थी की फैसला में सिंगल को गुनहगार करार दिया गया।
लेकिन इस बार ऐसा लगा की 2010-13 की अर्जुन मुंडा सरकारो नेउन्हें बचाया एक और कमेटी बनाकर जिसने उन्हें क्लीन चित दे दी इन सब काले करतूत से जमा किए गए 25 करोड़ का धन सिंगल और उनके गुरुओं ने सोना खरीदा और साहिबगंज झारखंड भागलपुर बिहार और कोलकाता तक खूब जगह में छिपाया।
2019 में जब सरकार बदली और झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने राज्य का लगाम थामां सिंगल ने उनके साथ भी अच्छे रिश्ते बनाए जिससे उन्हें इंडस्ट्री और मीनिंग सेक्रेटरी का इनाम मिला बदले में सिंगल ने भी उनकी मदद कारी पत्र की खदान के लिए
कैसे झारखंड की IAS ऑफिसर पूजा सिंघल ने 15 साल तक किए घोटाले?
खनन पत्ता लाइसेंस पाने में उनकी पार्टी के संरक्षण में सिंगल बांग्लादेश के साथ पत्थर के टुकड़े की तस्करी करने लगी गंगा नदी द्वारा माल बेचकर यह गैर कानूनी नहीं लेकिन उन्होंने इसे नगद पैसों में किया 2021 में माफिया रानी ने फिर से बिना सरकारी मंजरी के पचडुर और सुंडीपुर रेल घटन का संचालन अपने चुने हुए ठेकेदारों को दिया।
वो इतनी शानी निकली की कतिथ तोर पर सभी पार्टी के विधायक उनके द्वारा बनाई 20 फर्जी कंपनियां में से एक के जरिए अपने 150 करोड़ रुपए तक के काले धन को सफेद बनाया कमर्शियल बिल्डिंग मॉल रेस्टोरेंट और कई दूसरे प्रोजेक्ट में निवेश करके बदले में उन्होंने उसे संभाल ताकि काले धन के लिए वो पकड़ी न जाए।
उनके पति अभिषेक झा को भी जो प्राइवेट बैंकों से बड़े लोन मिले अस्पताल बनाने के लिए सब सिंगल के कॉन्टैक्ट्स के जरिए थे जो अभी तक चुकाए नहीं गए और जिन सप्लायर ने उसे इमारत के निर्माण के लिए माल डाले थे वो आज रोने के हालात में है क्योंकि उन्हें अपनी पुरी पेमेंट मिली ही नहीं।
और जीस जमीन पर यह खड़ा किया गया वो भी आदिवासियों के लिए आरक्षित होने की वजह से जांच के दायरे में है क्योंकि उसे कानूनी तोर पर कोई और नहीं खरीद सकता लेकिन वो इतनी शक्तिशाली थी की कतिथ तोर पर उनसे 8 साल के सीनियर IAS ऑफिसर का तबादला सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उन्हें वो पसंद नहीं था।
हालांकि ऐसा नहीं की यह सब कोई देख नहीं रहा था झारखंड का विजिलेंस ब्यूरो 2012 लगातार गुप्त रूप से अपना काम कर रहा था इतने हटील रहे की 16 आफैयार और चार्ज सीट फाइल की जूनियर इंजीनियर राम प्रसाद सिंह के खिलाफ मनरेगा फंड्स के हेरा फेरी के लिए उसे पर दबाव बनाने में 8 साल लगे।
जब तक की इंजीनियर ने परेशान होकर सिंगल का राज नहीं खोल इसके बूते ED ने सिंगल की फाइल शुरू की और उसके खिलाफ इनफॉरमेशन इकट्ठा करना शुरू किया जिसके बल पर अब जाकर रेड हुई रेड में सिंगल के घर की तलाशी में उन्हें एक सीक्रेट लाल डायरी मिली लगभग वैसी ही जैसे अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन में थी।
जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नेता और अफसर की साठगांठ की जानकारी मिली उनके पति के प्लस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की तलाशी लेते वक्त ED ने उसे घर लिया और किसी को भी बिना आईडी दिखाएं अंदर आने या बाहर जान से माना किया लेकिन सबसे ज्यादा पैसा करीबन 18 करोड़ रुपए मिले CA सुमन कुमार के घर से,
कुल 22.5 करोड़ नकद जब्त किए गए जिसके गिनने में आप अंदाज़ लगा सकते लगभग पूरा दिन लग गया पूछताछ के दौरान पहले तो CA मुंह खोलने से आनाकानी किया ED ने पूछा ये सब कहां से आया किसका है CA बोला इतने कंपनी का CA हूं उसमें से होगा।
अगले दिन उसकी 4 लग्जरी कार भी जब्त करी गई और उसे भी गिरफ्तार किया गया किसी दूसरी जगह पूजा सिंगल से 18 घंटे की कड़ी पूछताछ की गई 10 और 11 मई के 2 दिनों में उन्होंने रेड में पाए गए बेहिसाब कैस से अपना पल्ला झाड़ लिया और उल्टा आईडी अफसर को धमकाया।
आई एम वेरी पावरफुल नथिंग बिल हैपन लेकिन बहुत कुछ हुआ वो झारखंड में गिरफ्तार होने वाली पहली सेवारत IAS ऑफिसर बनी जिस अपमान के बाद राज्य सरकार ने भी उन्हें सस्पेंड कर दिया दिसंबर 2022 में जप्त किया उनके पति का अस्पताल उसका डायग्नोस्टिक सेंटर और दो जमीन के टुकड़े जिनकी कुल 82 करोड़ कीमत थी।
हालांकि उनके सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक सिंगल के पास मिलजुला कर सिर्फ 2.2 करोड़ की प्रॉपर्टी थी संयोग की बात है की ठीक साल बाद मई 2023 में जब पूजा तब भी सलाखों के पीछे थी छवि रंजन झारखंड के एक अन्य IAS ऑफिसर को गिरफ्तार किया गया।
सेना के साढे 4 एकड़ जमीन के एक अलग फ्रॉड के आरोप में माना जाता है की रंजन भी सिंगल से मिला हुआ था और उसने उनके पति के अस्पताल की जमीन के गैर कानूनी दस्तावेजों को छिपने में मदद की
पूजा की कहानी हमें बुक या चंद्रकला की याद दिलाती है UP की दबंग IAS ऑफिसर जो भ्रष्ट नेताओं से भिड़ने के लिए मशहूर थी क्योंकि वह भी एक खनन सिंडिकेट से जुड़ी निकली जो कथित तोर पर 2019 के समाजवादी पार्टी विधायक रमेश मिश्रा चला रहे थे।